दिल्ली : घोटाले दर घोटाले : आतिशी मार्लेना ने खोल दी शिक्षा की पोल, देखिए वीडियो

अरविंद केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी के भ्रष्टाचार के कारनामे एक के बाद एक सामने आ रहे हैं। इससे केजरीवाल और उनकी पार्टी की कट्टर ईमानदारी तार-तार हो रही है। सत्ता में आने के बाद केजरीवाल सरकार ने घोटालों, विज्ञापनों और नेताओं के एशो आराम पर खूब पैसा लुटाया। यहां तक कि जनता के पैसे का इस्तेमाल पार्टी के प्रचार में लगाया। अब यही काम उनके गले की फांस बन रहा है। पिछले 9 सालों में क्लासरूम घोटाला, आबकारी घोटाला, विज्ञापन घोटाला, बस घोटाला, मार्शल घोटाला, मोहल्ला क्लीनिक घोटाला, शिक्षक नियुक्ति घोटाला, सैनिक स्कूल घोटाला जैसे अनगिनत घोटाले सामने आए। केजरीवाल सरकार के भ्रष्टाचार की वजह से आज दिल्ली के लोग खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। ईमानदारी की कसम खाकर राजनीति में आई आम आदमी पार्टी आज लुटेरों का अड्डा बन चुकी है।

दिल्ली में विज्ञापन घोटाला : केजरीवाल ने डकार लिए 164 करोड़ रुपये

आम आदमी पार्टी ने 2015-2016 के दौरान सरकारी विज्ञापनों की आड़ में राजनीतिक विज्ञापनों को प्रकाशित करवाया था, लेकिन अब उनकी चोरी पकड़ी गई है। दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने मुख्य सचिव को राजनीतिक विज्ञापनों के लिए आम आदमी पार्टी से 97 करोड़ रुपये वसूलने का निर्देश दिया था। वित्त वर्ष 2022-2023 में पुनर्मूल्यांकन के बाद आंकड़ा बढ़ा और ब्याज आदि मिलाकर 163,61,88,265 रुपये पहुंच गया। जिसके बाद दिल्ली सरकार के ही डीआईपी यानी डायरेक्टरेट ऑफ इनफॉर्मेशन एंड पब्लिसिटी सचिव ने अरविंद केजरीवाल को करीब 164 करोड़ रुपये का रिकवरी नोटिस जारी किया है। अगर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल तय समय तक रकम का भुगतान नहीं करेंगे तो आम आदमी पार्टी की संपत्तियां भी कुर्क की जा सकती हैं।

काम से कई गुना ज्यादा विज्ञापनों पर खर्च, कहां से आता है केजरीवाल के पास इतना पैसा- यादव

दिल्ली से लेकर पंजाब और अब बिहार तक में नेताओं ने विज्ञापन वाली आप सरकार की आलोचना की है। बिहार की जन अधिकार पार्टी के सुप्रीमो राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री काम तो मुश्किल से 40 करोड़ रुपये का करते हैं, लेकिन इसके विज्ञापन पर 400 करोड़ रूपये खर्च कर देते हैं। समझ में नहीं आता कि उनके पास इतना पैसा आता कहां से है। यादव ने कहा कि अरविंद केजरीवाल जब भी गुजरात जाते हैं तो 40 लाख रुपये पंजाब का खर्च करवाते हैं।

एक हजार करोड़ से ज्यादा रुपये विज्ञापनों पर फूंके- कुमार

कांग्रेस नेता अजोय कुमार ने मुख्यमंत्री केजरीवाल पर अखबारों और चैनलों को करोड़ों के विज्ञापन देने के नाम पर हमला बोला था। कांग्रेस नेता कुमार ने कहा कि साल 2015 में AAP ने टीवी और अखबारों को 81 करोड़ रुपये का विज्ञापन दिया था। जबकि 2017-18 में 117 करोड़ रुपये का विज्ञापन दिया था। वहीं, 2019 में पार्टी ने 200 करोड़ और 2021-22 में 490 करोड़ रुपये के आसपास का विज्ञापन दिया है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार और पंजाब सरकार ने अब तक विज्ञापन पर 1200 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।

68 लाख के काम के लिए विज्ञापन पर खर्च 23 करोड़ रुपये

दिल्ली के विवादास्पद मुख्यमंत्री ने एक ऐसा कारनामा कर दिखाया, जो राजधानी में किसी भी नागरिक के गले नहीं उतर रहा। आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार पराली की समस्या को दूर करने के लिए केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के किसानों के खेतों में बायो डी-कंपोजर छिड़काव पर दो साल में सिर्फ 68 लाख रुपए खर्च किए, लेकिन अपना नाम चमकाने के लिए इस दौरान विज्ञापन पर 23 करोड़ रुपए फूंक डाले। जबकि इस योजना से सिर्फ 955 किसानों को ही फायदा मिला।

2020-21 में खर्च किए 490 करोड़ रुपये

दिल्ली के 3 करोड़ लोगों के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार ने 2021-22 में 488.97 करोड़ रुपये का विज्ञापन दिया। केजरीवाल चुनाव के दौरान विज्ञापन पर कम खर्च करने का दावा तो करते हैं, लेकिन दिल्ली में उनकी सरकार ने कोरोना काल की महामारी के दौरान हर रोज लगभग एक करोड़ रुपए विज्ञापन पर खर्च किए। यह जानकारी सूचना का अधिकार (आरटीआई) के जरिए सामने आ चुकी है। न्यूज़लॉन्ड्री ने आरटीआई के जरिए पूछा था कि दिल्ली सरकार द्वारा एक मार्च 2020 से 30 जुलाई 2021 तक विज्ञापन पर कितने रुपए खर्च किए गए हैं? इसके जवाब में सूचना एवं प्रचार निदेशालय ने बताया कि मार्च 2020 से जुलाई 2021 के दौरान विज्ञापन एवं प्रचार पर कुल 490 करोड़ रुपए खर्च किए गए।

‘फ़रिश्ते दिल्ली के’ में घोटाला, आरटीआई से नहीं मिला लाभार्थियों का ब्यौरा

केजरीवाल सरकार ने अक्टूबर 2019 में ‘फ़रिश्ते दिल्ली के’ नाम से एक योजना की शुरुआत की थी। इस योजना का उद्देश्य था रास्तों पर होने वाली दुर्घटना में घायल लोगों की जान बचाना। इस योजना के प्रचार-प्रसार के लिए विज्ञापन पर काफी खर्च किए गए। लेकिन यह योजना भी घोटालों की भेंट चढ़ गई है। आरटीआई के जरिए जब इस योजना के लाभार्थियों और उस पर हुए खर्च के बारे में जानकारी मांगी गई, तो आधी-अधूरी जानकारी दी गई। कुछ सवालों के जवाब के लिए स्वास्थ्य विभाग और पुलिस विभाग से संपर्क करने को कहा गया। जब दिल्ली के कई पुलिस थानों में इस योजना से संबंधित जानकारी के लिए संपर्क किया गया, तो थानों ने स्पष्ट जानकारी नहीं दी। जबकि केजरीवाल सरकार ने 2020 में कहा था कि इस योजना के तहत अभी तक लगभग 7 करोड़ से ज़्यादा रुपये खर्च किए जा चुके हैं।

दिल्ली में 25 हजार गेस्ट टीचर की नियुक्ति में बड़ा घोटाला

वर्ष 2022 में दिल्ली में 25 हजार गेस्ट टीचर की नियुक्ति में हेराफेरी का मामला सामने आया। कई शिक्षकों के स्कूल में नाम नहीं हैं फिर भी सैलरी बांटी गई। इस गोरखधंधे को लेकर उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने इंटरनल इनक्वायरी का आदेश दिया था। जांच के लिए उपराज्यपाल सचिवालय ने चीफ सेक्रेटरी को एक लेटर लिखा। इसमें फर्जी गेस्ट टीचर्स के नाम पर सैलरी गबन करने के मामले की भी जांच की जाएगी। सरकारी स्कूलों में नियुक्त किए गए गेस्ट टीचर्स की फिजिकल अटेंडेंस और सैलरी निकासी की स्टेटस रिपोर्ट मांगी गई।

साल 2021 में दिवाली पूजा के नाम पर 15 करोड़ खर्च किए

साल 2021 में पूजा के लिए दिल्ली सरकार ने 15 करोड़ खर्च किए लेकिन इनमें से सिर्फ तीन करोड़ रुपये पूजा में खर्च किए गए जबकि 12 करोड़ रुपये पूजा का मीडिया पर लाइव टेलीकास्ट करने के लिए तमाम मीडिया वालों को दिए गए। यानी पूजा को भी उन्होंने एक इवेंट बना दिया और मीडिया प्रचार पर पैसे लुटाए। पैसे लुटाने के इस खेल में केजरीवाल ने दोस्ती भी जमकर निभाई। उन्होंने इस इवेंट का ठेका विजक्राफ्ट कंपनी को दिया जो कि उनके ईसाई दोस्त सब्बास जोसफ की कंपनी है।

वर्ष 2020 में दिवाली पूजा पर 6 करोड़ खर्च हुए

वर्ष 2020 में दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार द्वारा दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजा और उसके लाइव टेलीकास्ट कार्यक्रम पर 6 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। एक आरटीआई एक्टिविस्ट साकेत गोखले ने आरटीआई के जरिये यह जानकारी जुटाई थी। उन्होंने कहा कि दिल्ली की AAP सरकार और अरविंद केजरीवाल द्वारा 14 नवंबर, 2020 को किए गए लक्ष्मी पूजा आयोजन और लाइव टेलीकास्ट पर करदाताओं के पैसे के 6 करोड़ खर्च कर दिए। साकेत गोखले ने कहा कि 30 मिनट की इस पूजा पर कुल 6 करोड़ खर्च, मतलब प्रति मिनट 20 लाख रुपये किए गए। दिवाली की रात मुख्यमंत्री केजरीवाल और उनके कैबिनेट मंत्रियों द्वारा दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर में अपने जीवनसाथियों के साथ भाग लेने वाले मेगा इवेंट का लाइव टेलीकास्ट किया गया था।

शराब घोटाले और सत्येंद्र जैन का केस लड़ने के लिए वकीलों पर खर्च किए 28 करोड़ रुपये

मुख्यमंत्री केजरीवाल और उनके मंत्री अपनी अय्याशी पर करोड़ों रुपये लूटा रहे हैं। घोटालों से बचने के लिए जनता के पैसे पर महंगे वकीलों की सेवाएं लेते हैं और केस लड़ने के लिए करोड़ों रुपये खर्च करते हैं। इसी कड़ी में एक हैरान करने वाला खुलासा हुआ। सूत्रों के मुताबिक शराब घोटाले और जेल में बंद सत्येंद्र जैन का केस लड़ने के लिए दिल्ली सरकार 18 महीने के दरम्यान वकीलों की फीस के रूप में कुल 28.10 करोड़ रुपये लुटा चुकी है।

सत्येंद्र जैन का केस लड़ने के लिए वकील राहुल मेहरा को 5.30 करोड़ रुपये मिले

मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार मामले में तिहाड़ जेल में बंद केजरीवाल सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन के मामलों में अक्सर पेश होने वाले एक अन्य वकील राहुल मेहरा को 5.30 करोड़ रुपये मिले। दिल्ली सरकार की व्यय सूची में दिखा गया है कि 2020-21 में मेहरा को 2.4 लाख रुपये का भुगतान किया गया था। इसके बाद 2021-22 में भुगतान अचानक बढ़कर 3.9 करोड़ रुपये हो गया। 2022-23 में 1.3 करोड़ रुपये दर्ज किया गया है। सत्येंद्र जैन को 30 मई, 2022 को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद से वह तिहाड़ जेल में बंद हैं।

इलाज पर केजरीवाल और उनके मंत्रियों ने सरकारी खजाने से लुटाये 76 लाख रुपये

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके मंत्रियों ने इलाज के नाम पर सरकारी खजाने से 76 लाख रुपये लुटाए। यह राशि सीएम केजरीवाल और उनके मंत्रियों ने अपने और अपने परिवार के इलाज पर खर्च किए। आरटीआई कार्यकर्ता विवेक पांडेय ने 11 जून 2022 को एक ऑनलाइन आरटीआई आवेदन दिल्ली सरकार के जनरल एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट को दाखिल की थी। इसमें वर्ष 2015 से लेकर वर्ष 2022 के मध्य मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और उनके मंत्रिमंडल के 6 अन्य मंत्रियों के इलाज पर खर्च किए गए सरकारी धन की जानकारी मांगी गई थी। इसके बाद आरटीआई से जो जवाब मिला, उससे सीएम केजरीवाल और उनके मंत्रियों के बारे में चौंकाने वाली जानकारी मिली।


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