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साभार |
Controversy of Wrestlers and WFI (Explained)
— STAR Boy (@Starboy2079) April 30, 2023
In this entire controversy, there are 4 sides :
1. Brij Bhushan Singh - President of Wrestling Fed of India
2. Few prominent protesting wrestlers - Bajrang Punia, Vinesh Phogat, Sakshi Malik
3. Deependra Huda
4. Vultures
1/19 pic.twitter.com/jHAEVHRhVN
- Congress leader Deepender Huda wanted to become President of WFI
— STAR Boy (@Starboy2079) April 30, 2023
- BBS Singh also decided to fight election, that time he was in Samajwadi party
- He asked Mulayam SIngh for help, Mulayam talked to Ahmed Patel. That time Congress was in Power with support of SP
— Priyanshu Jaiswal🇮🇳 (@PriyanshuJJJ) April 29, 2023पहलवानों के पर्दे के पीछे कोई और पहलवानी कर रहा
स्पष्ट है कि यह किसानों की आड़ में किसान आंदोलन करने वाले उसी टूलकिट या उसी की तर्ज का आंदोलन है। इन पहलवानों के पर्दे के पीछे कोई और पहलवानी कर रहा है जबकि कुछ भोले-भाले पहलवान इस कुचक्र में उलझकर बेकार ही मुफ्त में दंड पेल रहे हैं! इसके साथ ही प्रशिक्षण शिविरों से लेकर घरेलू प्रतियोगिताओं में भाग लेने की अनिवार्यता और प्रदर्शन तथा ड्रग्स के प्रति बृजभूषण शरण सिंह का कठोर रवैया आदि के कारण भी आंदोलनजीवी बनने की राह पर चल रहे इन पहलवानों को वस्तुत: आपत्ति रही है।
कांग्रेस ने बीजेपी के खिलाफ नैरेटिव बनाने के लिए इस मुद्दे को हवा दी
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने जब आलाकमान से इस मुद्दे पर बात की तो उनकी बांछें खिल गई। मुंह मांगी मुराद मिल गई। कर्नाटक में चुनाव है। इसी साल राजस्थान और मध्य प्रदेश में चुनाव होना है। अगले साल लोकसभा चुनाव के साथ ही हरियाणा चुनाव भी होना है। इसीलिए उन्होंने इस मौके का इस्तेमाल बीजेपी के खिलाफ नैरेटिव बनाने के लिए किया। सरकार द्वारा कमेटी बना दिए जाने के बाद जब पहलवानों ने धरना बंद कर दिया था तब अप्रैल 2023 में इसे फिर से शुरू करना बताता है इसके पीछे कोई मंसूबा है। अब कांग्रेस समर्थक जाट और राजपूत समूह ने अचानक मोदी सरकार को गाली देना और धमकी देना शुरू कर दिया। इससे साफ होता है कि जाट और राजपूत के बीच जातिगत विभाजन पैदा करने के लिए इस मुद्दे को उछाला गया। इसीलिए प्रियंका गांधी वाड्रा भी धरनास्थल पर पहुंच गई। राजस्थान और हरियाणा में बीजेपी ने 2014, 2019 में सफलतापूर्वक सभी हिंदुओं को एकजुट किया था। योजना हिंदुओं को विभाजित करने की है। आखिर वे 7 महिलाएं कौन हैं, जिन्हें प्रताड़ित किया गया, वह कभी सामने नहीं आईं, उन्हें कोई नहीं जानता।
#जाट_खिलाड़ियों से कहना चाहूंगा , अगर धरने पर और भीड़ जोड़ना चाहते हो तो।
— Rajput's Of INDIA (@rajput_of_india) May 1, 2023
सपना चौधरी को बुला लो मनोरंजन भी हो जायेगा और आंदोलन भी।
Note:- वैसे भी यह आंदोलन किसान आंदोलन की तरह काफी लंबा चलने वाला है देश विरोधी सभी ताकत मिल गई है और एक #बाबा भी मिला हुआ इसमें।#NationWithBBS… pic.twitter.com/gE1vzZ28GS
Sab fake...... Hai kya ? pic.twitter.com/BALaRvyae9
— Jajabor (@jajabor_sanjeev) May 2, 2023
प्रियंका गांधी का जंतर-मंतर जाना उल्टे गले पड़ गया
प्रियंका गांधी जंतर मंतर पर पहलवानों से मिलने और समर्थन देने पहुंची थी लेकिन वहां जाना उनके गले पड़ गया। इस दौरान प्रियंका के साथ उनके निजी सचिव संदीप सिंह भी थे। इस पर बबिता फोगाट ने प्रियंका गांधी को आड़े हाथ लिया। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, ‘प्रियंका वाड्रा अपने निजी सचिव संदीप सिंह को लेकर जंतर मंतर महिला पहलवानों को न्याय दिलाने पहुंची हैं लेकिन इस व्यक्ति पर खुद महिलाओं से छेड़छाड़ और एक दलित महिला को दो कौड़ी की औरत कहने जैसे तमाम आरोप लगे हैं।’
प्रियंका वड्रा अपने निजी सचिव संदीप सिंह को ले कर जंतर मंतर महिला पहलवानों को न्याय दिलाने पहुँची हैं लेकिन इस व्यक्ति पर ख़ुद महिलाओं से छेड़छाड़ और एक दलित महिला को दो कौड़ी की औरत कहने जैसे तमाम आरोप लगे हैं। pic.twitter.com/QTY4Z1nyb6
— Babita Phogat (@BabitaPhogat) April 29, 2023
Sab fake...... Hai kya ? pic.twitter.com/BALaRvyae9
— Jajabor (@jajabor_sanjeev) May 2, 2023
शुरू में प्रदर्शन कार्यशैली को लेकर था, बाद में यौन उत्पीड़न लाया गया
उसके बाद जनवरी 2023 में उन्होंने जंतर मंतर पर बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध शुरू किया। उनके शुरुआती आरोप कार्यशैली के थे। यौन उत्पीड़न का एंगल बाद में लाया गया। इसके बाद सरकार द्वारा कमेटी नियुक्त की गई और उन्होंने अपना धरना बंद कर दिया।
अप्रैल 2023 में धरना फिर शुरू, अब यौन उत्पीड़न का नया एंगल
अप्रैल 2023 से उन्होंने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ फिर से धरना शुरू कर दिया। अपने पिछले विरोध में उनके मुख्य आरोप असभ्य व्यवहार और बीबी सिंह के दुराचार थे, लेकिन इस बार उन्होंने अपनी योजना पूरी तरह से बदल दी और केवल यौन उत्पीड़न के बारे में बोलना शुरू कर दिया। हुड्डा की योजना इस मामले का उपयोग करने और WFI के अगले अध्यक्ष बनने की है जो कि वह 2012 में नहीं बन सके थे। सरकार ने मई 2023 के चुनाव रद्द किए और एड हॉक कमेटी बनाई।
बृजभूषण सिंह टीम के साथ ही नहीं थे तो यौन उत्पीड़न कैसे
पहले विनेश फोगट और साक्षी मलिक ने कमेटी के सामने दावा किया कि एक महिला फिजियो को परेशान किया गया, फिजियो ने परेशान होने से इनकार किया। तब विनेश फोगट ने आरोप लगाया कि 2015 में तुर्की यात्रा के दौरान उन्हें और साक्षी मलिक को परेशान किया गया था, लेकिन बृजभूषण सिंह टीम के साथ तुर्की नहीं गए। तब विनेश फोगट ने दावा किया कि वह सटीक तारीख भूल गई, यह वास्तव में 2016 में मंगोलिया दौरे के दौरान था, फिर से समिति ने जांच की और पाया कि बृजभूषण सिंह मंगोलिया दौरे के दौरान भी टीम के साथ नहीं थे।
यौन उत्पीड़न की शिकार एक भी महिला खिलाड़ी सामने नहीं आई
विनेश फोगट और साक्षी मलिक ने दावा किया कि नाबालिगों सहित हजारों लड़कियों को परेशान किया गया। समिति ने उनसे कुछ नाम बताने को कहा। हम उनके नाम नहीं जानते, लेकिन ऐसा हुआ, प्रदर्शनकारी पहलवानों ने कहा। और फिर वे यह दावा करते हुए सड़क पर आ गए कि सरकार कार्रवाई नहीं कर रही है क्योंकि आरोपी भाजपा सांसद है। दिलचस्प बात यह है कि उनमें से किसी ने भी बृजभूषण सिंह के खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की और उन 1000 पीड़ितों में से कोई भी अपने दावों को साबित करने के लिए सामने नहीं आया।
निम्न बिन्दुओं पर एक टूलकिट तैयार किया गया
1. भाजपा को महिला विरोधी घोषित करना
2. भाजपा को जाट विरोधी के रूप में चित्रित करना
3. जाट और राजपूत के बीच दरार पैदा करना
4. हिंदुओं को बांटो
टूलकिट के प्रमुख किरदार बजरंग पुनिया और दीपेंद्र हुड्डा
इस टूलकिट के प्रमुख किरदार हैं पहलवान बजरंग पुनिया, विनेश फोगट और साक्षी मलिक, कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा और विपक्षी दल एवं लेफ्ट लिबरल गैंग। इस टूलकिट के जरिए भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और भाजपा के सांसद बृजभूषण शरण सिंह (बीबीएस सिंह) को निशाना बनाया गया है।
बृजभूषण शरण सिंह 2012 में WFI के अध्यक्ष बने
पहलवानों के ताजा विवाद के बाद इस कहानी को समझने के लिए थोड़ा पीछे जाना पड़ेगा। ट्विटर यूजर STAR Boy ने इस मुद्दे पर ट्वीट की श्रृंखला जारी की है। वर्ष 2011 में, रेसलिंग फेड ऑफ इंडिया (WFI) के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हुए। जम्मू-कश्मीर के पहलवान दुष्यंत शर्मा जीते और अध्यक्ष बने। हरियाणा कुश्ती संघ ने इस चुनाव को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी और वे केस जीत गए। कोर्ट ने दोबारा चुनाव कराने को कहा। कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा डब्ल्यूएफआई का अध्यक्ष बनना चाहते थे। बीबीएस सिंह ने भी चुनाव लड़ने का फैसला किया, उस वक्त वे समाजवादी पार्टी में थे। उन्होंने मुलायम सिंह से मदद मांगी, मुलायम ने अहमद पटेल से बात की। उस समय कांग्रेस सपा के समर्थन से सत्ता में थी। अहमद पटेल ने दीपेंद्र हुड्डा को अपना नामांकन वापस लेने के लिए कहा। भारी मन से उन्होंने नामांकन वापस ले लिया। बीबीएस सिंह 2012 में WFI के अध्यक्ष बने।
बृजभूषण शरण सिंह 2015 और 2019 में चुनाव जीतकर अध्यक्ष बने
अध्यक्ष पद 4 साल के लिए होता है। बीबीएस सिंह 2015 और 2019 में भी जीतकर अध्यक्ष बने रहे। 2014 में, वह फिर से बीजेपी में शामिल हो गए और बीजेपी भी केंद्र में जीती, इसलिए उन्हें बीजेपी से समर्थन मिला।
राम मंदिर आंदोलन में गिरफ्तार हुए थे बृजभूषण शरण सिंह
बीबीएस सिंह बीजेपी के पुराने सदस्य हैं, वे राम मंदिर आंदोलन में भी शामिल थे और बाबरी विध्वंस मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए पहले व्यक्ति थे। 2008-14 के दौरान वे सपा में थे।
दीपेंद्र हुड्डा 2011, 2015 और 2019 में हरियाणा कुश्ती संघ के अध्यक्ष बने
दीपेंद्र हुड्डा 2011, 2015 और 2019 में हरियाणा कुश्ती संघ के अध्यक्ष बने। कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा 2012 से डब्ल्यूएफआई का अध्यक्ष बनना चाहते थे। लेकिन अहमद पटेल की दखलंदाजी की वजह से उनका यह सपना पूरा नहीं हो पाया।
बृजभूषण शरण सिंह WFI के सबसे सफल अध्यक्ष
बृजभूषण शरण सिंह भारतीय इतिहास में WFI के सबसे सफल अध्यक्ष बने। भारतीयों ने उनके कार्यकाल में कई पदक जीते, इससे डब्ल्यूएफआई में उनकी स्थिति और मजबूत हुई लेकिन सबसे ज्यादा पदक हरियाणा के पहलवानों ने जीते।
भारतीय कुश्ती में चयन को लेकर पहलवानों के बीच खींचतान
भारतीय कुश्ती में चयन को लेकर पहलवानों के बीच खींचतान कोई नई बात नहीं है। सबसे चर्चित केस में से एक 2016 में सुशील कुमार और नरसिंह यादव के बीच हुआ था। सुशील ओलंपिक पदक विजेता थे और वह रियो ओलंपिक में खेलना चाहते हैं लेकिन डब्ल्यूएफआई नरसिंह को भेजना चाहता था। सुशील हरियाणा के थे और नरसिंह यूपी के। मामला हाईकोर्ट पहुंचा और कोर्ट ने नरसिंह के पक्ष में फैसला सुनाया। लेकिन जाने से पहले ही वह डोप टेस्ट में फेल हो गए। उन्होंने सुशील कुमार को दोषी ठहराया और हरियाणा के खिलाडिय़ों ने उनके खाने में मिलावट की।
केजरीवाल पहलवानों को समर्थन देने पहुंचे
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कथित यौन उत्पीड़न को लेकर खेल महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पहलवानों से मुलाकात की। अपने बंगले पर किए गए खर्च को लेकर घिरे केजरीवाल ने लोगों से बृजभूषण शरण सिंह के विरोध में देश के शीर्ष एथलीटों का समर्थन करने की अह्वान किया। केजरीवाल ने कहा कि, “इस देश से प्यार करने वाला हर नागरिक पहलवानों के साथ खड़ा है।” उन्होंने कहा कि, बीजेपी सांसद के खिलाफ लड़ाई में केंद्र सरकार को पहलवानों की मदद करनी चाहिए।
पूरी दुनिया में देश का नाम रोशन करने वाली ये सभी महिला खिलाड़ी हमारी बेटियाँ हैं, इन्हें इंसाफ़ मिलना ही चाहिए। आरोपी चाहे जितना भी शक्तिशाली हो, उसे सख़्त से सख़्त सज़ा मिलनी चाहिए। https://t.co/GeTVVl38Mz
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) April 29, 2023
ये तो बहुत गंदा और नीच आदमी है संजीव भाई ।।
— Adv Vishnu Sharma (@vishnus80635293) April 30, 2023
दोगले आपिये @NSO365 Team pic.twitter.com/At3NGggCcG
— Jajabor (@jajabor_sanjeev) May 1, 2023
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