कर्नाटक : मुस्लिम को बनाओ डिप्टी CM, 5 स्पेशल विभाग हमें दो: वक्फ बोर्ड ने रख दी अपनी डिमांड; हिन्दुओं आंखें खोलो और चुनावी हिन्दुओं का बहिष्कार करो

कर्नाटक वक्फ बोर्ड अध्यक्ष शफी सादी
कर्नाटक में कांग्रेस के चुनाव जीतने के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही बहस के बीच राज्य के वक्फ बोर्ड ने एक नई माँग उठाई है। वहाँ सुन्नी उलमा बोर्ड के मुस्लिम नेताओं ने कहा कि कर्नाटक में उप मुख्यमंत्री किसी मुस्लिम समुदाय के नेता को बनाओ। इसके अलावा 5 मुस्लिम विधायकों को गृह राजस्व, स्वास्थ्य और अन्य खास विभागों की जिम्मेदारी सौंप दो।

बुजुर्गों ने कोई कहावत गली-कूचों में कंचे खेलते हुए नहीं बनाई थी, लेकिन हिन्दू एक के बाद एक ठोकर खाने के बाद भी छद्दम-निरपेक्ष नेताओं और पार्टियों की वास्तविकता को नहीं पहचानने की भूल कर अपनी आने वाली पीडियों को घोर संकट में डाल रहा है। कांग्रेस अभी तक बहुमत होने के बावजूद कर्नाटक मुख्यमंत्री का निर्णय लेने में असफल हो रही है तो सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड ने अपनी मांग रख दी है। हिन्दू चुनावी हिन्दुओं के मकड़जाल में फंस अपने ही हाथों अपना नरसंहार करने पर तुला है। संत कृपालु जी महाराज के प्रवचन अपने चैनल पर दिखाकर चर्चित होने वाले भी भूल रहे हैं कि जब 7 मार्च 1966 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी गो-हत्या का विरोध कर रहे निहत्ते साधुओं पर गोलियां चलवाकर पार्लियामेंट स्ट्रीट को उनके खून से लाल कर दिया था, तब कृपालु जी इंदिरा को श्राप देते हुए कहा था कि 'एक दिन हिमालय से आधुनिक वेशभूषा में तेजस्वी तेरी पार्टी को समाप्त कर देगा... ', विरोधी हिन्दुओं को जातियों में लड़वाकर अपना खेल खेलने में व्यस्त हैं। 2014 से निरन्तर परमपिता भी हिन्दुओं की आंखें खोलने का प्रयास कर रहे है, लेकिन हिन्दू अपनी आंखें बंद किये बैठा है। ठीक ही कहा है: सोए हुए जगाना सरल है, परन्तु जो जागे हुए सो रहा हो, उसे जगाना बहुत कठिन है, बिलकुल वही स्थिति आज हिन्दुओं की है।   

कर्नाटक वक्फ बोर्ड के चेयरमैन शफी सादी ने कहा कि उन्होंने चुनाव से पहले ही कहा था कि किसी मुस्लिम को प्रदेश का उपमुख्यमंत्री होना चाहिए और उनको (मुस्लिमों को) 30 सीटें दी जानी चाहिए। हालाँकि, उन्हें 15 सीटें मिलीं, जिनमें से 9 मुस्लिम उम्मीदवार जीते।

अब उनका कहना है कि इन चुनावों में करीब 72 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस केवल मुसलमानों की वजह से जीती। सादी बोले कि एक समुदाय के तौर पर मुस्लिमों ने कांग्रेस को बहुत कुछ दिया है। अब समय आ गया है कि बदले में उन्हें कुछ मिले।

शफी ने माँग की, “हम एक मुस्लिम उप-मुख्यमंत्री और पाँच मंत्री चाहते हैं जिनके पास गृह, राजस्व और शिक्षा जैसे अच्छे विभाग हों। इसके साथ हमें शुक्रिया देना कांग्रेस की जिम्मेदारी है। इन सभी को लागू करने के लिए हमने सुन्नी उलमा बोर्ड कार्यालय में इमरजेंसी मीटिंग की है।”

वक्फ बोर्ड चेयरमैन ने कहा कि 9 मुस्लिम विधायकों में से किसे ये पद दिए जाएँ ये कांग्रेस  निर्णय लेगी कि किसने अच्छा किया। कई मुस्लिम प्रत्याशियों ने अपनी विधानसभा छोड़ अन्य क्षेत्रों का भी दौरा किया और हिंदू-मुस्लिम एकता पर बल दिया। यही वजह है कि कांग्रेस जीत सकी। उनकी जिम्मेदारी है कि मुस्लिम समुदाय का एक डिप्टी सीएम होना चाहिए।

15 में से जीते 9 विधायक

इस बार चुनाव में कांग्रेस ने अपनी पार्टी से 15 मुस्लिम कैंडिडेट्स को मैदान में उतारा था। इनमें से 9 जीत पाने में सफल हुए।
इनके नाम बीदर से रहीम खान जीते, मंगलुरु से खादर फरीद, मैसूर से तनवीर सैत, बेलगावी से आसिफ सैत, शिवाजीनगर से रिजवान अरशद, चामराजपेट से जमीन अहमद खान, रामनगर से एच ए इकबाल हुसैन, शांति नगर से एन ए हैरीस, गुलबर्गा से कनीज फातिमा है।

मुख्यमंत्री के नाम का नहीं हुआ चुनाव

कर्नाटक विधानसभा चुनावों के नतीजे 13 मई को ही आ गए थे। लेकिन कांग्रेस अभी तक यह तय नहीं कर पाई है कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा। इस पद के लिए डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया के बीच प्रतिस्पर्धा मानी जा रही है। विधायक दल का नेता चुनने के लिए 14 कई को हुई बैठक में दोनों पक्षों की नारेबाजी का बाद यह जिम्मेदारी आलाकमान को दे दी गई है।

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