बीते एक वर्ष में यह तीसरा ऐसा मौका है जब कनाडा के हाई कमिश्नर को भारतीय विदेश मंत्रालय ने तलब किया है। इससे पहले जुलाई और मार्च महीने में भी उन्हें तलब किया गया था जो कि दर्शाता है कि दोनों देशों के रिश्ते सामान्य नहीं हैं।
विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, “कनाडा के भारत में हाई कमिश्नर को आज तलब किया गया था और उन्हें एक कनाडाई राजनयिक के भारत से निष्कासन के निर्णय की जानकारी दी गई। उक्त राजनयिक को 5 दिनों के भीतर भारत छोड़ने को कहा गया है। यह निर्णय कनाडाई राजनयिकों की भारत विरोधी गतिविधियों में बढती संलिप्तता और उनके भारत के आंतरिक मामले बढ़ते दखल के प्रति भारत की चिंताओं को दर्शाता है।”
इससे पहले कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने कनाडाई संसद में भारतीय राजनयिक के कनाडा से निष्कासन की सूचना दी थी। बीते कुछ वर्षों से कनाडा के खालिस्तानी आतंकवादियों के संरक्षण को लेकर भारत से सम्बन्ध काफी निचले स्तर पर चले गए हैं।
आतंकवादी निज्जर की हत्या का दोषारोपण भारत पर करके कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो अपनी खीझ जाहिर कर रहे हैं। वह कनाडा के खालिस्तानियों का तुष्टिकरण करना चाहते हैं। खालिस्तानियों के दबाव में आए ट्रूडो को हाल ही में G20 में भी कोई ख़ास तवज्जो नहीं मिली थी।
भारत ने निष्कासित किए जाने वाले कनाडाई राजनयिक का नाम सार्वजनिक नहीं किया है, जबकि कनाडा ने यह जानकारी दी है कि उसने कनाडा में ‘रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW)’ के मुखिया पवन कुमार राय को निष्कासित किया गया है। हालाँकि, अंग्रेजी समाचार वेबसाइट मिंट की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि भारत से निष्काषित होने वाले कनाडाई राजनयिक, कनाडा की ख़ुफ़िया एजेंसी के भारत में मुखिया ओलिवर सिल्विस्टर हैं।

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