गुजरात : ‘हिन्दुओं को मारो, जुलूस रोको… कोई जिंदा नहीं जाना चाहिए’: मदरसे और आसपास के घरों की छतों से किया शिव यात्रा पर हमला

                 मुस्लिमों की भीड़ ने घेरकर किया शिव यात्रा पर हमला (तस्वीर- ऑपइंडिया गुजराती)
गुजरात के खेड़ा जिले के थसरा में शुक्रवार (15 सितंबर, 2023) को श्रावण के आखिरी दिन आयोजित भगवान शिव यात्रा पर मुस्लिम भीड़ ने हमला कर दिया। यह हमला तब किया गया जब यात्रा मदरसे के पास से गुजर रही थी तभी अचानक से शिव यात्रा पर पथराव शुरू हो गया, जिससे वहाँ अफरा-तफरी मच गई और पुलिसकर्मियों समेत कई लोग घायल हो गए। अब इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। 

आज हिन्दू जानना चाहता है कि कहीं न कहीं हिन्दुओं की शोभा यात्राओं पर होती मुस्लिम कट्टरपंथियों द्वारा की जाने वाली पत्थरबाज़ी पर सरकार कब प्रहार करेगी? क्यों नहीं सरकार और न्यायालय इन जेहादियों और इनके समर्थकों को ब्लैकलिस्ट कर सरकारी सुविधाओं से वंचित करती? हिन्दू अपने त्यौहार भारत में नहीं मनाएंगे तो कहाँ मनाने जाएं? सरकार और न्यायालय पेट्रोल बम और पत्थर सप्लाई करने वालों पर प्रहार करेगी? एकदम इतने पत्थर कहाँ से आये? पत्थरबाज़ी कोई अचानक नहीं, बल्कि पूर्व नियोजित षड़यंत्र है। बाहरी दुश्मनों से निपटने से साथ-साथ देश में पल रहे इन जेहादियों से निपटने के लिए सरकार और न्यायालय को सख्त होना पड़ेगा। हिन्दू स्वयंसेवी संस्थाओं और नेताओं को टीवी पर बैठ प्रवचन देने की बजाये इन जेहादियों के विरुद्ध सड़क पर आकर राज्य, केंद्र और न्यायालय को इन पर प्रहार करने के बाध्य करें। 

घटना के संबंध में थसरा पुलिस स्टेशन में तीन एफआईआर दर्ज की गई हैं, जिनमें से सभी की कॉपी ऑपइंडिया के पास उपलब्ध हैं। एफआईआर से पता चलता है कि कैसे मुस्लिम भीड़ ने पहले डीजे को लेकर जुलूस पर हमला कर दिया।

इस मामले में थसरा पुलिस ने विजय परमार नाम के युवक की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की है। जिसमें बताया गया कि हर साल की तरह इस बार भी शुक्रवार को श्रावण मास की समाप्ति पर भगवान शिव की शोभा यात्रा निकाली गई, जिसके लिए कानूनी मंजूरी भी ले ली गई थी। 

हर साल यह यात्रा नागेश्वर महादेव मंदिर से शुरू होती है और बाघी, बलियादेव मंदिर, रामचौक, टावर बाजार, हुसैनी चौक, होली चकला, तीनबत्ती और आशापुरी मंदिर में भगवान शिव की मूर्ति रखकर नागेश्वर मंदिर वापस लौटती है।

जानकारी के मुताबिक यात्रा सुबह 11:30 बजे शुरू हुई और थसरा और आसपास के गाँवों से करीब 1000 हिंदू श्रद्धालु इसमें शामिल हुए। जिसमें महिला-पुरुष, बच्चे सभी शामिल थे। यात्रा में दो डीजे बुलाये गए  थे तथा पूरे मार्ग पर थसरा थाने से आवश्यक पुलिस बल उपलब्ध कराया गया था। यात्रा नागेश्वर महादेव मंदिर से शुरू होकर तय रूट के अनुसार ही बालीदेव मंदिर, रामचौक, टावर बाजार, हुसैनी चौक, होली चकला होते हुए करीब साढ़े तीन बजे तीनबत्ती पहुँची। 

मुस्लिमों ने मदरसे का हवाला देकर बंद कराया डीजे 

यात्रा के दौरान लगातार भक्ति गीत बजते रहे। शिकायत में कहा गया है कि जब जुलूस तीनबत्ती चौक स्थित मदरसे के पास पहुँचा, तो थसरा नगर पालिका सदस्य मोहम्मद अबरार रियाजुद्दीन सैयद, अस्पाक मजिम्मियान बेलीम और लगभग पचास अन्य मुस्लिम समुदाय के लोग जुलूस के पास पहुँचे और आयोजकों से कहा, “हमारा मदरसा बगल में है, अपना डीजे बजाना बंद करो।” और इतना कहने के बाद ही मारपीट कर डीजे बंद कर दिया गया।

मदरसे और आसपास के घरों की छतों से हुआ पथराव 

जैसा कि FIR में बताया गया है कि जब ये लोग लौट रहे थे, तो मदरसे और आसपास के घरों की छतों पर इकट्ठा हुए मुस्लिम पुरुषों और महिलाओं ने जोर-जोर से चिल्लाना शुरू कर दिया, ‘हिन्दुओं को रोको… हिन्दुओं के  जुलूस को रोको’ और ‘कोई हिन्दू जिन्दा नहीं जाना चाहिए। तभी पथराव शुरू हो गया था और जुलूस पर ईंटें और बड़े-बड़े पत्थर फेंके जाने लगे।

 
इस बीच जुलूस में साथ चल रहे पुलिसकर्मियों और यात्रा के नेताओं ने पथराव रोकने की पूरी कोशिश की लेकिन उत्तेजित मुस्लिमों की भीड़ ने पथराव नहीं रोका। इससे थसरा थाने के कई पुलिसकर्मी और यात्रा में शामिल कई लोग घायल हो गए। तभी हालात बिगड़ने पर अन्य पुलिसकर्मियों का काफिला भी मौके पर पहुँच गया, जिसे देखकर पथराव करने वाले लोग मदरसे और आसपास के घरों की छतों से उतरकर भाग निकले।

17 के खिलाफ नामजद और पचास अन्य की भीड़ के खिलाफ शिकायत

थसरा में शिव यात्रा पर हमले के बाद इस मामले में कुल 17 मुस्लिमों को नामजद किया गया है और बाकी 50 मुस्लिम लोगों पर धारा 143, 147, 148, 149, 153A, 295A, 323, 324, 504, 505, 506 के तहत मामला दर्ज किया गया है। थसरा पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है। जिनके खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है उनके नाम इस प्रकार हैं :
  1. मुहम्मद अबरार रियाज़ुद्दीन सैयद
  2. अस्पाक मजिम्मियान बेलीम
  3. ज़ैद अली मुहम्मद अली सैयद
  4. अतीक मालेक
  5. अहद सैयद
  6. हारून पठान
  7. रुकमुद्दीन रियाकतअली सैयद
  8. फ़िरोज़ मजीत खान पठान
  9. इदरीश
  10. नावेद
  11. जुनैद
  12. तनवीर सैयद
  13. फैजान सैयद
  14. फ़ोम बैटरी
  15. जाबिर खान इनायत खान पठान
  16. मुर्गा
  17. अल्ताफ खान मुख्तयार खान पठान
15 सितंबर को, श्रावण के शुभ महीने के आखिरी दिन, गुजरात के खेड़ा जिले के थसरा इलाके में भगवान शिव की बारात पर क्रूरता से हमला हुआ। खबरों के मुताबिक, जब हिंदू श्रद्धालु इलाके से जुलूस निकाल रहे थे तो एक मदरसे से पथराव किया गया। इस मामले में “शिवजी की सवारी” यात्रा के आयोजक विजय दास जी महाराज ने कहा कि हमला पूर्व नियोजित प्रतीत होता है। हमला इस तरह से किया गया कि इस शिव यात्रा में शामिल  श्रद्धालुओं को यात्रा बीच में ही छोड़कर अपनी जान बचाकर भागने के लिए मजबूर होना पड़ा। वहीं इस घटना में दो अधिकारी और एक पीएसआई समेत तीन पुलिस अधिकारियों को भी घायल हुए हैं। 

गुजरात के खेड़ा में हिंदू त्योहारों पर पथराव आम बात 

खेड़ा गुजरात का वही इलाका है जहाँ पिछले साल नवरात्रि का उत्सव तब हिंसक हो गया था जब आरिफ और जहीर नाम के दो युवकों के नेतृत्व में मुस्लिम भीड़ ने हिंदू भक्तों पर पथराव किया था।
रिपोर्टों में कहा गया था कि आरिफ और जहीर के साथ आई मुस्लिम भीड़ ने नवरात्रि उत्सव के दौरान हंगामा किया था। इससे पहले, यह बताया गया था कि कैसे खेड़ा में एक मुस्लिम शिक्षक ने छात्रों को नवरात्रि उत्सव के दौरान गरबा करने के बजाय मुहर्रम-शैली के शोक में अपनी छाती पीटने और ‘या हुसैन’ का नारा लगाने के लिए कहा था। ऐसी भी खबरें आई थी कि जहाँ मुस्लिम पुरुषों ने फर्जी नामों के तहत नवरात्रि स्थल में प्रवेश करने की कोशिश की थी। साथ ही कुछ इलाकों में स्थानीय मुस्लिमों ने नवरात्रि मनाने का विरोध भी किया था।

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