I.N.D.I.A. गठबंधन दोस्त : जमीन पर दुश्मन, मतभेद हजार, अंदर से तकरार, ऊपर से प्यार !

2024 में मोदी सरकार को हटाने विपक्षी एकजुट हो गए हैं, लेकिन यह गठबंधन उस भव्य भवन के समान जिसकी न नींव है और न ही कोई सीमेंट। I.N.D.I.A. गठबंधन देश के 26 विपक्षी दल भले ही ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (I.N.D.I.A) के बैनर तले एकजुट होकर आगे बढ़ने पर सहमत हुए हों, लेकिन उनके लिए भविष्य में कई चुनौतियां भी खड़ी हैं जिनमें राज्य स्तर पर मतभेदों से निपटना और सीटों का तालमेल सबसे बड़ा सिरदर्द साबित होने वाला है। यही नहीं, चुनाव से पहले अगर वे इस गठबंधन के लिए नेता चुनने का फैसला करते हैं तो यह भी उनके लिए आसान नहीं होने वाला है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बेंगलुरु की बैठक में यह स्वीकार किया था कि विपक्षी दलों के बीच मतभेद हैं, हालांकि उन्होंने इन पार्टियों का आह्वान किया कि मतभेदों को अलग रखना होगा और मिलकर चुनाव लड़ना होगा। कई पार्टियों के सामने अप्रासंगिक होने का भी खतरा बना हुआ है इसी वजह से बेमन से ही सही इस गठबंधन का हिस्सा बने हुए हैं।

पहली बैठक में केजरीवाल, फिर नीतीश, तीसरी मीटिंग में ममता बनर्जी नाराज
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्षी एकता की मुहिम शुरू की थी और I.N.D.I.A. गठबंधन की पहली बैठक भी पटना में हुई थी। इसके बाद बेंगलुरु और फिर मुंबई में मीटिंग हुई। लेकिन तीनों ही बैठकों में हर बार किसी न किसी नेता के नाराज होने की खबरें आती रहीं। पटना में पहली बार 23 जून को सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मीटिंग हुई थी। इस बैठक में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पहुंचे थे और वो पहली बैठक में नाराज होकर गए। उस समय दिल्ली सरकार के खिलाफ केंद्र के विधेयक को लेकर अरविंद केजरीवाल कांग्रेस के समर्थन नहीं देने की बात से नाराज चल रहे थे। पटना की बैठक में उन्होंने मुद्दा उठाया लेकिन बात नहीं बनी तो वो बैठक खत्म होने से पहले ही निकल गए। दूसरी बैठक बेंगलुरु में हुई तो नीतीश कुमार यहां से नाराज होकर निकल गए। तीसरी बैठक मुंबई में हुई तो बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नाराज हो गईं। प्रेस कांफ्रेंस शामिल हुए बिना वह भी उठकर चली गईं।

जातिगत जनगणना पर I.N.D.I.A. गठबंधन में घमासान
विपक्षी गठबंधन जातिगत जनगणना पर बीजेपी को घेरने की तैयारी कर रही है, लेकिन उसके पहले ही गठबंधन के दलों में इसे लेकर घमासान मच गया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यंमत्री ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन के घर पर 5 सितंबर 2023 को गठबंधन के नेताओं की बैठक में जातिगत जनगणना पर आपत्ति जताई है। ममता बनर्जी की यह कोई पहली नाराजगी नहीं है। विपक्षी दलों के इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल अलायंस (I.N.D.I.A.) की तीसरी बैठक मुंबई में 31 अगस्त और 1 सितंबर 2023 को हुई थी। इस बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस में भी ममता बनर्जी ने हिस्सा नहीं लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की थी।

ममता बनर्जी जातिगत जनगणना के पक्ष में नहीं
टीवी9 की रिपोर्ट के अनुसार, जातिगत जनगणना के मुद्दे को विपक्षी गठबंधन INDIA लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी के खिलाफ सबसे बड़े हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने की तैयारी कर रही कर रही थी। विपक्ष लगातार जातिगत जनगणना को लेकर सियासी बिसात बिछाने में जुटा हुआ था, लेकिन अब ये ‘INDIA’ के घटक दलों के बीच सिर्फ तकरार ही नहीं बल्कि गठबंधन के गले का फांस भी बन रहा है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री व टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने जातिगत जनगणना के पक्ष में नहीं है। ऐसे में ममता के स्टैंड से विपक्षी गठबंधन के घटक दल हैरान हैं, जिसके चलते सवाल उठ रहा है कि INDIA गठबंधन में फूट पड़ सकती है? जातिगत जनगणना के मुद्दे पर सपा, जेडीयू, जेएमएम, आरजेडी, एनसीपी, डीएमके और कांग्रेस एकमत हैं।

मल्लिकार्जुन खड़गे का एमपी में जातिगत जनगणना कराने का वादा
न्यूज18 की रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मध्य प्रदेश के सागर में 23 अगस्त को एक सभा को संबोधित करते हुए जनता से 5 गारंटी वाले वादे किए। इसके साथ ही खड़गे ने मध्‍य प्रदेश की जनता से सत्‍ता में आने पर जातिगत जनगणना कराने का भी वादा किया। उन्‍होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनने पर जातिगत जनगणना कराई जाएगी और हर जाति के गरीब लोगों की पहचान की जाएगी।

डीएमके ने द्रौपदी मुर्मू की जगह यशवंत सिन्हा को वोट दिया
नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने द्रविड मुनेत्र कषगम (द्रमुक) प्रमुख एवं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन से मुलाकात की और चुनाव में उन्हें समर्थन देने का अनुरोध किया। सिन्हा के द्रमुक मुख्यालय ‘अन्ना अरिवालयम’ पहुंचने पर स्टालिन ने उनका स्वागत किया। स्टालिन ने वहां अपनी पार्टी और सहयोगी दलों की एक बैठक को संबोधित किया और उन्होंने पूर्व केन्द्रीय मंत्री को पूरा समर्थन देने का आश्वासन दिया।

डीएमके नेता मनिकम ने दलित लड़के के साथ दुर्व्यवहार किया
एक तरफ उदयनिधि जातिगत भेदभाव की बात करते हैं। वहीं उनके ही डीएमके नेता मनिकम ने महीनों पहले सलेम में मंदिर परिसर में प्रवेश करने पर एक दलित लड़के के साथ दुर्व्यवहार किया था।

नीच कर्म होते हैं, नीच जाति नहीं होतीः राहुल गांधी
एक तरफ उदयनिधि जातिगत भेदभाव की बात करते हैं वहीं राहुल गांधी कहते हैं- नीच कर्म होते हैं। नीच जाति नहीं होती, नीच कर्म होते हैं। नीच सोच होती है, गुस्से की सोच होती है, क्रोध की सोच होती है। नीच जाति नहीं होती।

सनातन धर्म को खत्म करना पहला काम होना चाहिएः स्टालिन
तमिलनाडु प्रोग्रेसिव राइटर्स एसोसिएशन ने 2 अगस्त को चेन्नई में एक सम्मेलन आयोजित किया था, जिसका नाम रखा गया था- सनातनम (सनातन धर्म) उन्मूलन सम्मेलन। इस सम्मेलन को उदयनिधि स्टालिन ने भी संबोधित करते हुए सनातन के खिलाफ यह जहरीला बयान दिया। उदयनिधि ने कहा- ”मच्छर, डेंगू, फीवर, मलेरिया और कोरोना, ये कुछ चीजें ऐसी हैं, जिनका केवल विरोध नहीं किया जा सकता, बल्कि उन्हें खत्म करना जरूरी होता है। सनातन धर्म भी ऐसा ही है। इसे खत्म करना हमारा पहला काम होना चाहिए।”

सनातन को मिटाने का ख्वाब अंग्रेजों, मुगलों ने भी देखा, सनातन नहीं मिटाः आचार्य प्रमोद कृष्णम
टाइम्सनाउ के अनुसार, कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि सनातन को मिटाने की साजिशें हजारों साल से हो रही हैं। तैमूल लंग से लेकर लार्ड मैकाले तक सब सनातन को मिटाने में जुटे रहे लेकिन सनातन नहीं मिटा। जो सत्य है वो शाश्वत है जो शाश्वत है वही सनातन है। ये लार्ड मैकाले की कुछ नाजायज औलादें हैं। सनातन को मिटाने का ख्वाब देख रहे हैं। न सनातन धर्म मिटा है न सनातन मिटेगा। हिंदुओं को गाली देने की होड़ सी मची हुई है नेताओं में। एक हजार साल तक भारत गुलाम रहा है और एक हजार साल तक सनातन को मिटाने की साजिशें होती रही। महाराणा प्रताप, गुरु गोविंद सिंह जी महाराज, छत्रपति शिवाजी महाराज कितने महापुरुषों का लहू शामिल है सनातन धर्म की शक्ति में। सनातन को मिटाने का ख्वाब अंग्रेजों ने भी देखा, मुगलों ने भी देखा लेकिन सनातन नहीं मिट पाया।

 दिल्ली की सातों सीटों पर चुनाव लड़ेगी कांग्रेस, केजरीवाल को दिखाया ठेंगा
दैनिक जागरण के मुताबिक, अलका लांबा ने 16 अगस्त को कहा कि कांग्रेस दिल्ली में सभी लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, केसी वेणुगोपाल और दीपक बाबरिया की मौजूदगी में तीन घंटे चली बैठक में ये फैसला लिया गया है। कांग्रेस की इस घोषणा के बाद AAP के नेता सौरभ भारद्वाज का भी बयान आया है। उन्होंने कहा कि हमारा केंद्रीय नेतृत्व इस पर निर्णय करेगा।

एकजुटता को झटका! कांग्रेस बोली- पंजाब में ‘आप’ संग नहीं करेंगे गठबंधन
एडिटरजी की रिपोर्ट के अनुसार, एक तरफ जहां आगामी लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी दलों के गठबंधन ‘INDIA’ एकजुट होने की बात कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर गुटों की अंदरुनी कलह भी खुलकर सामने आ रही है। इसी अंदरुनी कलह और मनमुटाव की तस्दीक करता है पंजाब कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वारिंग का बयान जिसमें उन्होंने कहा कि पंजाब में आम आदमी पार्टी के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा और कांग्रेस सभी सीटों पर अकेले चुनाव मैदान में उतरेगी।

AAP का पंजाब में अकेले 13 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान
न्यूज18 की रिपोर्ट के अनुसार, आम आदमी पार्टी ने पंजाब में महागठबंधन I.N.D.I.A को बड़ा झटका दिया है। पंजाब की मंत्री अनमोल गगन मान ने 6 सितंबर 2023 को प्रेस कांफ्रेंस कर ऐलान किया कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में पंजाब की 13 सीटों पर आम आदमी पार्टी अकेली लड़ेगी। कांग्रेस के साथ किसी भी तरह का सीट बंटवारा नहीं किया जाएगा। इसके अलावा गगन मान ने कहा, ‘हम कांग्रेस के साथ कोई भी गठबंधन नहीं करेंगे।

राजस्थान में आम आदमी पार्टी की 200 सीटों पर लड़ने की तैयारी
जीन्यूज के मुताबिक, आम आदमी पार्टी राजस्थान की 200 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए ताल ठोक रही है। हालांकि अभी इसकी घोषणा नहीं हुई है। आप के प्रदेश अध्यक्ष नवीन पालीवाल ने कहा- आम आदमी पार्टी के प्रति जनता का लगाव प्रदेश में आम आदमी पार्टी की सरकार बनाएगा और उसके बाद दिल्ली और पंजाब की तर्ज पर राजस्थान में भी जनहित के कार्य किए जाएंगे। यानि वे सीधे-सीधे कांग्रेस की गहलोत सरकार को चुनौती दे रहे हैं।

छत्तीसगढ़ः आम आदमी पार्टी ने 90 सीटों पर चुनाव लड़ने का किया एलान
नई दुनिया के अनुसार, आम आदमी पार्टी (आप) ने छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव में 90 सीटों पर चुनाव लड़ने का एलान किया है। 29 अप्रैल 2023 को राजधानी के शहीद स्मारक भवन में प्रदेश स्तरीय पदाधिकारियों के शपथ ग्रहण समारोह में प्रदेशभर से पदाधिकारी व कार्यकर्ता जुटे। समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय संगठन महामंत्री डा. संदीप पाठक ने कहा कि सरकार बदलने के लिए पांच वर्ष नहीं बल्कि पांच महीना ही काफी है। छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में आप 90 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।

केजरीवाल ने किया अनुच्छेद 370 हटाने का समर्थन
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने पर दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उनकी पार्टी जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को खत्म करने के केंद्र सरकार के कदम का समर्थन करती है। बीएसपी के बाद आम आदमी ऐसी दूसरी पार्टी थी जिसने सरकार के पक्ष को समर्थन देकर सबको चौंका दिया। इन पार्टियों के अलावा बीजेडी, एआईएडीएमके और और शिवसेना ने भी सरकार के फैसले का समर्थन किया।

UCC: समान नागरिक संहिता को केजरीवाल और नीतीश का समर्थन
अमर उजाला के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समान नागरिक संहिता का मुद्दा उठाने के एक दिन बाद जनता दल यूनाइटेड (जदयू) व आम आदमी पार्टी (आप) ने इसे सशर्त सैद्धांतिक समर्थन देने की घोषणा की। जदयू के महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि जदयू व सीएम नीतीश कुमार समान नागरिक संहिता का विरोध नहीं कर रहे हैं। हम चाहते हैं, सबको साथ लेकर व्यापक विमर्श के बाद इस पर आगे बढ़ा जाए। आप के वरिष्ठ नेता संदीप पाठक ने कहा, आप सैद्धांतिक रूप से संहिता के पक्ष में है। संविधान का अनुच्छेद 44 भी संहिता का समर्थन करता है। हालांकि संहिता पर सभी धर्म और संप्रदायों के साथ बातचीत कर आम सहमति बनाई जाए।


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