प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की राजनीति को एक नई दिशा दे रहे हैं जिसमें लोक लुभावन, भ्रष्टाचार, लोभ-लालच, फ्री की गारंटी के लिए कोई स्थान नहीं है। पीएम मोदी के नेतृत्व में आज केंद्र सरकार की योजनाएं समूचे देश के लिए होती है। वहीं कांग्रेस के लिए भ्रष्टाचार ही सबकुछ है। आजादी के बाद अब तक उन्होंने यही काम किया है और यही वजह है कि गांधी परिवार के परिवार के पास बिना किसी बिजनेस के अकूत संपत्ति है। आज जिन राज्यों में कांग्रेस की सरकारें हैं वहां भ्रष्टाचार का ही बोलबाला है। कर्नाटक में मई 2023 में कांग्रेस की सरकार बनी। रेवड़ी कल्चर यानि फ्री की पांच गारंटी के झांसे में आकर लोगों ने कांग्रेस को तो जिता दिया लेकिन अब जनता पछता रही है। कर्नाटक में कांग्रेस ने सरकार बनते ही हाथ खड़े कर दिए और कहा कि कांग्रेस की पांच गारंटी को पूरा करने के लिए 40,000 करोड़ रुपये अलग रखने पड़े हैं, इसीलिए अब विकास के लिए पैसा नहीं है। कांग्रेस ने चुनाव के समय फ्री बिजली का वादा किया था लेकिन अब उसने लोगों को बिजली कटौती झेलने के लिए तैयार रहने को कहा है। कुछ इलाकों में तो चार-चार घंटे बिजली कटौती हो रही है जिससे उद्योग-धंधे प्रभावित हो रहे हैं।
कर्नाटक में मुफ्त बिजली वादा कर काट रहे जेब, बिजली दरें बढ़ीं
सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कर्नाटक की कांग्रेस सरकार मुफ्त बिजली का वादा कर आम आदमी की जेब काटने का काम कर रही है। सरकार ने नागरिकों को 200 यूनिट फ्री बिजली देने का वादा किया है। वहीं बिजली की दरें 2.89 रुपये प्रति यूनिट बढ़ा दी गई। अगर कर्नाटक के लोग 200 यूनिट स्लैब से ज्यादा बिजली खर्च करते हैं तो उन्हें अब 2.89 रुपये प्रति यूनिट की अतिरिक्त राशि का भुगतान करना होगा। यह अतिरिक्त लागत ईंधन और बिजली खरीद लागत समायोजन (एफपीपीसीए) है और इसमें अप्रैल से बकाया शामिल है।
मई 2023 में कांग्रेस सरकार ने कहा- 200 यूनिट तक फ्री बिजली
कांग्रेस ने मई 2023 में सरकार बनाते ही जनता से कहा था कि 200 यूनिट से कम खपत होने पर 1 जून 2023 से बिजली बिल न भरें। हालांकि सरकार ने इसके लिए ‘गृह ज्योति मुफ्त बिजली योजना’ अगस्त 2023 में शुरू की। इस पर सालाना करीब साढ़े 14 हजार करोड़ का खर्च आने का अनुमान है।
कर्नाटक में बिजली कटौती के झटके से लाचार है जनता, गारंटी के नाम पर जनता को धोखा दे रही कांग्रेस सरकार।pic.twitter.com/OUObnLSeuy
— अवधेश सिंह (@DrAvadheshSingh) October 12, 2023
अक्टूबर 2023 में कांग्रेस ने कहा- बिजली कटौती होगी
कांग्रेस ने पहले कहा कि 200 यूनिट बिजली फ्री देंगे और अब कह रही है बिजली में कटौती होगी। अब बताइए जब बिजली रहेगी ही नहीं तब कितनी बिजली फ्री मिलेगी। कर्नाटक में भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए कांग्रेस ने कहा है कि बिजली कटौती होगी और इसका ठीकरा बिजली उत्पादन कम होने पर फोड़ दिया है। कांग्रेस ने कहा कि बारिश कम होने और जलापूर्ति प्रभावित होने से बिजली कटौती होगी। कांग्रेस सरासर झूठ कह रही है कि इस साल बारिश कम हुई है, इसलिए बिजली उत्पादन प्रभावित हुआ है।
कांग्रेस सरकार के दावे के उलट सच्चाई कुछ और
कुल ऊर्जा मांग – 8,682 मेगावाट
कर्नाटक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के आंकड़ों के अनुसार नवीकरणीय स्रोत ऊर्जा उत्पादन – 4,126 मेगावाट (47.25 प्रतिशत)
बिजली उत्पादन के लिए कुल तापीय संयंत्र – 3
Congress lies of Corruption in Karnataka
— The Story Teller (@I_am_the_Story) October 17, 2023
May 2023:
Congress in Karnataka - Don't pay electricity bills from June 1, 2023, if consumption is less than 200 units.
Oct 2023:
Congress in Karnataka - WATER SUPPLY WILL BE AFFECTRED AND THERE WILL BE POWER CUTS DUE TO LESS ELECTRICIYT… pic.twitter.com/PN15pef8ou
तीन थर्मल पावर की छह इकाइयों में उत्पादन
वर्तमान में तीनों थर्मल पावर स्टेशनों की कुल 13 इकाइयों में से छह बिजली उत्पादन कर रही हैं। रायचूर थर्मल पावर स्टेशन की आठ इकाइयों में से दो, बल्लारी की तीन इकाइयों में से दो और यरमरस थर्मल पावर स्टेशन की एक इकाई ने बिजली उत्पादन बंद कर दिया है। तीनों थर्मल पावर स्टेशनों में औसत दैनिक कोयले की खपत 25,000 मिलियन टन है।
कर्नाटक में 1,500-2,000 मेगावाट की भारी कमी
कर्नाटक सरकार उत्तर प्रदेश और पंजाब जैसे उत्तरी राज्यों के साथ बिजली अदला-बदली व्यवस्था पर बातचीत करेगी, साथ ही संकट से निपटने के लिए अन्य स्रोतों से अल्पकालिक बिजली खरीद पर भी विचार कर रही है। राज्य के ऊर्जा विभाग के अनुसार, 6 अक्टूबर को बिजली की मांग बढ़कर 15,012 मेगावाट हो गई, जबकि पिछले साल इसी दिन यह 9,032 मेगावाट थी। विभाग ने कहा कि कर्नाटक 1,500-2,000 मेगावाट की भारी कमी का सामना कर रहा है।
कर्नाटक में भाजपा सरकार के दौरान 30 प्रतिशत से ज्यादा बिजली सरप्लस
कर्नाटक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के आंकड़ों के अनुसार 2021-22 में, कर्नाटक ने 32,503 एमयू बिजली पैदा की। मार्च 2022 में कर्नाटक ने 285 मिलियन यूनिट (एमयू) की उच्चतम खपत के साथ 14,818 मेगावाट का सर्वकालिक पीक लोड हासिल किया, जो वर्ष 2022 में वर्ष 2021 की तुलना में 30 प्रतिशत से 40 प्रतिशत अधिक था। क्या कर्नाटक में बिजली की कमी और बिजली कटौती हुई? नहीं!! क्या जल आपूर्ति में कोई कमी थी? नहीं!!
⚡Karnataka: CONgress 5 Guarantees said 200 Units free for all
— Arun Pudur (@arunpudur) October 17, 2023
Now Electricity price doubled 🚀
Erratic Electricity to Industries & people which means job losses ⏬
No Power to people😡
So Freebies was a fraud🤡
During BJP, low Electric Prices & literally no power cuts. pic.twitter.com/5DuFJnYMtn
कर्नाटक में हर वादे से पीछे हट रही है कांग्रेस
कांग्रेस के अलोकतांत्रिक झूठ का कोई अंत नहीं है। कांग्रेस सरकार में “झूठ” और “भ्रष्टाचार” का ही बोलबाला है। कर्नाटक के लोगों के पास एक ऐसी सरकार है जो चुनाव के दौरान कर्नाटक के लोगों से किए गए हर वादे से पीछे हट रही है।
मोदी ने रेवड़ी संस्कृति के प्रति किया था आगाह
पीएम मोदी ने रेवड़ी संस्कृति के प्रति चेताते हुए कई बार कहा है कि यदि देश को विकसित बनाना है तो इससे छुटकारा पाना ही होगा। लेकिन विडंबना है कि कई राजनीतिक दल फ्री की गारंटी देकर न केवल जनता को ठगने का काम कर रहे हैं बल्कि देश और प्रदेश के विकास की राह में रोड़ा भी बन रहे हैं। कांग्रेस पार्टी ने इसी तरह फ्री की गारंटी का लोक लुभावन नारा देकर कर्नाटक में सरकार गठन कर लिया लेकिन अब उसकी झूठ की पोल खुलने लगी है। राज्य में कांग्रेस की सरकार बनते ही दूध के दाम बढ़ा दिए गए और बस किराया बढ़ा दिया गया। इससे लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। फ्री की गारंटी का वादा करके सत्ता में आई कर्नाटक की कांग्रेस सरकार जनता के पैसे की बर्बादी के नए आयाम बना रही है। लोगों के लिए बिजली नहीं है लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की तांबे की प्रतिमा पर एक करोड़ रुपये खर्च करने के लिए पैसे हैं।
कर्नाटक में कांग्रेस की गारंटी की सच्चाई अब लोगों से सामने आ रही है। कांग्रेस सरकार के पास विकास के लिए पैसा नहीं है, दूध-बिजली की कीमतें बढ़ा दी गई। राजीव गांधी की मूर्ति पर 1 करोड़ खर्च किए जा रहे। इन पर एक नजर-
विकास के लिए पैसा नहीं, राजीव गांधी की प्रतिमा पर खर्च होंगे 1 करोड़
रेवड़ियों का वादा करके सत्ता में आई कर्नाटक की कांग्रेस सरकार जनता के पैसे की बर्बादी के नए आयाम बना रही है। कर्नाटक सरकार अब पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की तांबे की प्रतिमा पर एक करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है। यह स्थिति तब है जब पहले से ही वहां पर राजीव गांधी की पत्थर की प्रतिमा लगी हुई है। इस कदम को लेकर अब पार्टी के भीतर से भी प्रश्न उठ रहे हैं।कर्नाटक में अपनी पाँच “मुफ़्त” गारंटी पूरी करने के नाम पर एक तरफ़ जहां कॉंग्रेस सरकार विकास कार्य पूरी तरह रोकने पर बाध्य है वहीं बंगलौर में राजीव गांधी की कांस्य प्रतिमा के लिये एक करोड़ रुपया खर्च कर रही है ।
— ANUPAM MISHRA (@scribe9104) August 2, 2023
ये वही पार्टी है जो सरदार पटेल की मूर्ति को पैसे की बर्बादी बता रही… pic.twitter.com/aQuL0VNfx7
एससी-एसटी फंड का उपयोग अब फ्री की गारंटी के लिए
विकास के कामों को बंद करने के बाद अब कर्नाटक की कांग्रेस सरकार की दृष्टि अनुसूचित जाति/जनजाति (एससी-एसटी) के कल्याण के लिए उपयोग किए जाने वाले फंड पर पड़ गई है। कांग्रेस सरकार ने अपनी चुनावी गारंटियों को पूरा करने के लिए अब इस फंड से 11,000 करोड़ रुपए खर्च करने का निर्णय लिया है।
कर्नाटक सरकार पर हर साल लगभग 52,000 करोड़ का बोझ
अनुमान है कि कांग्रेस द्वारा दी गई पांच गारंटियों का बोझ हर साल लगभग 52,000 करोड़ रुपए का होगा। इन गारंटियों का फंड जुटाने के लिए सरकार अब विकास के कामों सहित बाकी कल्याणकारी कामों को भी बंद करने पर तुली हुई है।
मुफ्त चावल योजना पर ग्रहण, अब पैसे देगी सरकार
कर्नाटक सरकार अपना चावल देने का वादा नहीं पूरा कर पाई क्योंकि देश भर में चावल की कीमतें बढ़ गई थी और वह चावल खरीद नहीं पाई थी। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि वे अन्न भाग्य योजना के तहत मुफ्त चावल के बदले पैसे देंगे। अन्न भाग्य योजना योजना के तहत बीपीएल परिवारों को अतिरिक्त पांच किलो चावल देने का वादा किया गया था, लेकिन अभी पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न उपलब्ध नहीं होने के कारण अनाज के बदले लाभार्थियों को पैसे देने की बात कही गई।
कर्नाटक में 60,000 करोड़ का खर्चा मात्र पेंशन और कर्जों के ब्याज के भुगतान पर
कर्नाटक सरकार का वर्ष 2023-24 का बजट कुल 3.24 लाख करोड़ रुपए का है। इसमें से सरकार का लगभग 60,000 करोड़ का खर्चा मात्र पेंशन और कर्जों के ब्याज के भुगतान में होगा। इसके अतिरिक्त भी सरकार को तनख्वाह समेत शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य खर्चे करने हैं।
कर्नाटक की कांग्रेस सरकार 66,000 करोड़ उधार लेगी
कर्नाटक की कांग्रेस सरकार द्वारा पेश किए गए बजट के अनुसार, वह इस वर्ष लगभग 66,000 करोड़ रुपए बाहर से उधार लेगी जिससे राज्य के खर्चे पूरे किए जा सकें। इन सभी परिस्थितियों में भी कांग्रेस लगातार ऐसे खर्चे कर रही है जिनकी आवश्यकता नहीं जबकि विकास के कामों के लिए दिया जाने वाला बजट घटा रही है।
नंदिन दूध के दाम में 3 रुपये प्रति लीटर बढ़ोतरी
कर्नाटक की कांग्रेस सरकार विकास के काम रोकने के बाद आम आदमी को महंगाई का झटकाक देने से भी गुरेज नहीं कर रही। कर्नाटक सरकार ने नंदिन दूध के दाम में 3 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी करने का फैसला किया। यह बढ़े हुए नए दाम 1 अगस्त 2023 से लागू हो गए। अगर यह बढ़े हुए दाम दही, दूध पाउडर जैसे अन्य डेयरी प्रोडक्ट पर भी लागू होते हैं तो आम लोगों की परेशानी और भी बढ़ने वाली है।
कर्नाटक में बसों में सफर हुआ महंगा, बढ़ गया किराया
कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) की बसों ने अब किराया बढ़ा दिया है। बस किराए में 2 से 5 रुपये तक वृद्धि करने का निर्णय लिया गया। दरअसल, ‘शक्ति योजना’ के कारण इन बसों में यात्रियों की संख्या बढ़ गई थी। इसके बाद महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा का भी ऐलान कर दिया था। लेकिन अब सरकार ने केएसआरटीसी बसों का किराया बढ़ा दिया है। इस नए आदेश के मुताबिक, मैसूर में घंटे के हिसाब से वाहन उपलब्ध कराने की व्यवस्था रद्द कर दी गई है। कर्नाटक परिवहन के साथ ही राजहम्सा एक्जीक्यूटिव और राजहम्सा सहित सात विभिन्न प्रकार की अनुबंध बसों का संशोधित किराया 1 अगस्त से लागू हो गया।
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