वर्ष 2014 से पहले भारत पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद झेलता रहा और यहां की सरकार द्वारा 'हिन्दू आतंकवाद' और 'भगवा आतंकवाद' का नाम देकर इस्लामिक आतंकवादियों को संरक्षण देने के कारण विश्व में कोई इनकी नहीं सुनता था, चूंकि भारत सरकार की तरफ से एक्शन का रिएक्शन नहीं होता था तो पाकिस्तान के हौसले बुलंद रहते थे और वह भारत में कहीं भी आतंकवादी हमले करने की हिमाकत कर बैठते था। लेकिन 2014 के बाद भारत बदल गया, लेकिन पाकिस्तान उसी ढर्रे पर चलता रहा। 2014 के बाद पाकिस्तान को जवाब मिलने लगा तो वह संभलकर आतंकवादी हमले करने लगा। लेकिन अब तस्वीर बिल्कुल उलट गई है। पहले पाकिस्तान भारत के सैन्य अड्डों को निशाना बनाकर आतंकवादी हमले करता था। आज वह खुद अपने बुरे कर्मों का नतीजा झेल रहा है। उसके सैन्य अड्डों पर पिछले कुछ समय में आतंकवादी हमले बढ़ गए हैं। वहीं जिन आतंकवादियों को उसने पाला-पोसा आज वह एक-एक कर मारे जा रहे हैं। इससे पाकिस्तान के पैरों तले से जमीन खिसक गई है। अब जम्मू में आर्मी कैंप पर हमले का मास्टरमाइंड ख्वाजा शाहिद भी मारा गया है। 2023 से भारत के मोस्ट वांटेड 15 दुश्मनों का सफाया हो चुका है।
2022 से अब तक 20 आतंकवादी मारे गए, 2023 में 15 ढेर
पिछले कुछ महीनों में विदेशी धरती पर भारत विरोधी हरदीप सिंह निज्जर, अवतार सिंह खांडा, परमजीत पंजवार, रिपुदमन सिंह मलिक, हरविंदर रिंडा, सुखदूल सिंह, हैप्पी संघेड़ा के साथ ही अबू कासिम, जहूर मिस्त्री, अब्दुल सलाम भुट्टावी, सैयद नूर, एजाज अहमद, खालिद रजा, बशीर अहमद, शाहिद लतीफ, मुफ्ती कैसर फारूक, जियाउर रहमान, मलिक दाऊद, सुक्खा दुनिके, ख्वाजा शाहिद जैसे आतंकियों की रहस्यमय तरीके से मौत हो गई। वर्ष 2023 में अब तक 15 भारत विरोधी आतंकवादी विदेशों में मारे जा चुके हैं। वहीं 2022 में पांच भारत विरोधी आतंकवादी मारे गए थे।
एक-एक कर मरते जा रहे आतंकवादी
पीएम मोदी के नेतृत्व में जिस तरह भारत का कद बढ़ता जा रहा है वह विदेशी ताकतों को पसंद नहीं आ रहा है। इसीलिए वे तरह-तरह के प्रपंच कर भारत को बदनाम करने, उसकी विकास की रफ्तार को रोकने के षडयंत्र में जुटे हैं। लेकिन यह नया भारत है, भारत के दुश्मन जहां कहीं भी हो उसका खत्म होना निश्चित है, चाहे वे कहीं भी छिपे हों। 2014 से पहले की सरकारें आतंकवादी हमला होने पर संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका जैसे देशों से निहोरा करती थीं कि वे इसकी निंदा करें और भारत को इन आतंकवादी हमलों से बचाएं। आज पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत इस कदर सशक्त, सबल और सक्षम हुआ है कि अब वह दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देता है। यही वजह है कि अब भारत नहीं, पाकिस्तान खुद को आतंकवाद से पीड़ित बता रहा है।
5 नवंबर 2023
जम्मू आर्मी कैंप पर हमले का मास्टरमाइंड आतंकी ख्वाजा शाहिद ढेर
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में भारत मोस्ट वांटेड लश्कर आतंकी ख्वाजा शाहिद उर्फ मिया मुजाहिद की 5 नवंबर 2023 को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में सिर कटी लाश बरामद की गई। ख्वाजा शाहिद साल 2018 में जम्मू के आर्मी कैंप पर हमले का मास्टरमाइंड था। एक दिन पहले ही उसको अगवा कर लिया गया था। आतंकी ख्वाजा शाहिद साल 2018 में जम्मू के सुंजुवान में भारतीय सेना के एक कैंप पर हमले की साजिश रचने का मास्टरमाइंड था। आर्मी कैंप पर हुए हमले में 6 जवान, एक सैन्य अधिकारी और एक आम नागरिक की मौत हुई थी। वहीं जवाबी ऑपरेशन में सेना ने हमले में शामिल तीन आतंकियों को ढेर किया था। एजेंसियों को काफी समय से उसकी तलाश थी।
Unknown Men supremacy continues
— Lucky chaudhary (@Luckych27) November 4, 2023
Lashkar-E-Toiba commander and one of the mastermind of 2018 Sunjuwan terrorist attack on Indian Army camp, Khwaja Shahid Alias Mia Mujahid has been kidnapped from the Neelum Valley in (#PoK) by #UNKNOWN MEN'.#khwajaShahidAliasMia NSA Ajit Doval… pic.twitter.com/fjp1JtFtMa
20 अक्टूबर 2023
आतंकवादी मसूद अजहर का दाहिना हाथ दाऊद मलिक पाकिस्तान में ढेर
पाकिस्तानी अखबार डॉन ने लिखा है, पुलिस के मुताबिक पाकिस्तान के कबायली जिले उत्तरी वजीरिस्तान के मिराली इलाके में 20 अक्टूबर 2023 को मास्क पहने अज्ञात लोगों ने गोली मारकर मलिक दाऊद उर्फ खान मलिक दाऊद उर्फ दाऊद मलिक की हत्या कर दी है। पुलिस ने कहा है कि मलिक दाऊद को निशाना बनाकर गोली मारी गई, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। मलिक दाऊद मुसाकी गांव का रहने वाला था और गोली लगने के बाद उसे फौरन टीएचक्यू अस्पताल मीर अली ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलवामा हमले के बाद जब भारतीय सेना ने बालाकोट पर एयर स्ट्राइक की थी तो उस वक्त दाऊद मलिक की वहां पर उपस्थिति बताई गई थी लेकिन वह एयरस्ट्राइक के दौरान बाल-बाल बच गया था।
11 अक्टूबर 2023
पठानकोट हमले का मास्टमाइंड शाहिद लतीफ पाकिस्तान में ढेर
पठानकोट हमले के मास्टमाइंड शाहिद लतीफ की पाकिस्तान के सियालकोट की मस्जिद में गोली मारकर हत्या कर दी गई है। शाहिद लतीफ NIA की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल था। लतीफ पर अज्ञात लोगों ने गोलियां बरसा दी जिससे उसकी मौत हो गई। 2 जनवरी, 2016 को जैश के आतंकियों ने पठानकोट में एयरबेस पर हमला कर दिया था। इसमें 7 जवान शहीद हो गए थे। 36 घंटे एनकाउंटर और तीन दिन तक कॉम्बिंग ऑपरेशन चला था। शाहिद लतीफ आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) का एक प्रमुख सदस्य था। उसने ही चारों आतंकवादियों को पठानकोट भेजा था। लतीफ 1999 में इंडियन एयरलाइंस के विमान को अगवा करने में भी शामिल था। लतीफ को नवंबर 1994 में भारत में गिरफ्तार किया गया था, और मुकदमा चलाया गया था। कांग्रेस सरकार ने भारत में सजा पूरी होने के बाद 2010 में उसे वाघा के रास्ते पाकिस्तान भेज दिया गया था। NIA के मुताबिक लतीफ 2010 में अपनी रिहाई के बाद पाकिस्तान में जिहादी फैक्ट्री में वापस चला गया था।
10 अक्टूबर 2023
कुलभूषण जाधव को अगवा करने वाला आईएसआई एजेंट मुल्ला बाहौर ढेर
पाकिस्तानी आतंकवादी और आईएसआई एजेंट मुल्ला बाहौर उर्फ होर्मुज उर्फ महद उर्फ अब्दुल लतीफ को कुछ अज्ञात लोगों ने बलूचिस्तान के केच इलाके में गोली मारकर हत्या कर दी। मुल्ला बाहौर ने ही ईरान से कुलभूषण जाधव को अगवा किया था और फिर उसे आईएसआई के हवाले किया था। कुलभूषण जाधव बिजनेस करते थे और भारतीय नौसेना से रिटायर थे। इस वक़्त वह पाकिस्तान की जेल में हैं। कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। इसके ख़िलाफ़ भारत ने हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में दस्तक दी थी। वहां से कुलभूषण की मौत की सजा पर रोक लगाई गई है।
30 सितंबर 2023
हाफिज सईद के करीबी मुफ्ती कैसर फारूक की कराची में हत्या
26/11 मुंबई टेरर अटैक के मोस्ट वॉन्टेड आतंकी हाफिज सईद के सबसे करीबी माने जाने वाले मुफ्ती कैसर फारूक को कराची में अज्ञात हमलावरों ने गोली मार दी। कैसर फारूक लश्कर के संस्थापक सदस्यों में से एक था और हाफिज सईद का बेहद करीबी सहयोगी था। 30 वर्षीय कैसर फारूक को 30 सितंबर 2023 को समानाबाद इलाके में एक धार्मिक संस्थान के पास गोली मार दी गई।
21 सितंबर 2023
कनाडा में खालिस्तानी आतंकी सुखदूल सिंह उर्फ सुक्खा दुनेके मारा गया
गैंगस्टर सुखदूल सिंह उर्फ सुक्खा दुनेके की कनाडा के विन्निपेग में अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी। वह कई अपराधों में वांटेड था और 2017 में पंजाब से कनाडा भाग गया था। सुक्खा खालिस्तान समर्थक ताकतों के साथ जुड़ गया था। सुक्खा दविंदर बंबीहा गैंग का गैंगस्टर था और पंजाब के मोगा का रहने वाला था। कनाडा के विन्निपेग में अंतर-गिरोह प्रतिद्वंद्विता में उसकी हत्या हुई है। दुनेके पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान में देविंदर बंबीहा गिरोह को संचालित करता था, फाइनेंस जुटाता था और मजबूत कर रहा था। वह फर्जी पासपोर्ट पर 2017 में कनाडा भाग गया था। उसके खिलाफ पंजाब और आसपास के राज्यों में हत्या और अन्य जघन्य अपराधों के 20 से अधिक मामले दर्ज थे।
12 सितंबर 2023
लश्कर आतंकी मौलवी मौलाना जियाउर रहमान की दिनदहाड़े हत्या
कराची के गुलिस्तान-ए-जौहर के एक पार्क में एक मौलवी मौलाना जियाउर रहमान की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई। रहमान लश्कर का ऑपरेटिव रहा है। रहमान की मोटरसाइकिल पर सवार दो अज्ञात बंदूकधारियों ने गोलियों से भून दिया। रहमान शाम को सैर करने निकला हुआ था। इस हत्या ने रहमान के रिश्तेदारों, उनके दोस्तों और उनकी धार्मिक भक्ति के प्रति आश्वस्त लोगों को चिंता में डाल दिया है। रहमान लश्कर से लंबे समय से जुड़ा था और मजहबी काम करता था।
8 सितंबर 2023
हाफिज सईद के करीबी आतंकवादी अबू कासिम ढेर
पाकिस्तान में भारत विरोधी कुख्यात आतंकियों की शामत आ चुकी है। पाकिस्तान वैसे तो खुद ही कभी अपने पाले आतंकियों के हमलों का सामना कर रहा है। वहीं भारत विरोधी आतंकियों की भी जान जा रही है। इन आतंकवादियों की हत्या अज्ञात बंदूकधारी कर रहे हैं। जिनकी खोज पाकिस्तान पुलिस अब तक नहीं कर पाई है। 8 सितंबर 2023 को इन्हीं अज्ञात बंदूकधारियों ने लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) सरगना हाफिज सईद के करीबी माने जाने वाले आतंकवादी अबू कासिम को मार गिराया। अबू कासिम को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के रावलकोट में एक मस्जिद के अंदर गोली मारी गई। अबू कासिम कई आतंकवादी हमलों के लिए जिम्मेदार था। वह जम्मू-कश्मीर में भारतीय सुरक्षा बलों के खिलाफ कई हाई प्रोफाइल हमलों में शामिल था। इतना ही नहीं, वह पीओके से लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों को लॉन्च पैड के जरिए जम्मू और कश्मीर में दाखिल कराता था। वह उन आतंकवादियों के रहने, खाने-पीने और पैसों का इंतजाम भी करता था। कासिम स्थानीय युवाओं को लश्कर में भर्ती करने के काम में भी शामिल था। उसे इसके लिए पाकिस्तान से पैसे मिलते थे। भारतीय सुरक्षा एजेंसियां काफी समय से अबू कासिम की तलाश कर रही थीं।
पाकिस्तान में छिपे हैं भारत के 10 मोस्ट वांटेड आतंकी
दाऊद इब्राहिमः भारत में कई आतंकी घटनाओं को अंजाम देने वाला दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान में है। दाऊद के भांजे अलीशाह पारकर ने ED को दिए बयान में खुलासा किया था कि दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान के कराची में है।
मौलाना मसूद अजहरः आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का संस्थापक और प्रमुख नेता है।
हाफिज मुहम्मद सईदः प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक है और जमात-उद-दावा का मुखिया है। साल 2008 में मुंबई पर हुए हमले में मुख्य आरोपी है। इस हमले में 166 लोगों की मौत हुई थी। मुंबई हमले के बाद हाफिज सईद को घर में नज़रबंद कर दिया गया था, लेकिन 2009 में छोड़ दिया गया, क्योंकि पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट को उसके ख़िलाफ़ पर्याप्त सबूत नहीं मिले।
जकी-उर-रहमान लखवीः जकी-उर-रहमान लखवी उर्फ अबू वहीद इरशाद अहमद अरशद का पहली बार नाम उस समय लोगों ने सुना, जब साल 1999 में मुर्दिके सम्मेलन हुआ। लखवी ने फिदायिनों को भारत पर हमले करने और यहां पर खून-खराबा करने के लिए उकसाया था। लखवी ने उस समय इस बात को जोर देकर कहा था कि अब भारत को सबक सिखाने का समय आ गया है। मुंबई की लोकल ट्रेन में वर्ष 2006 में हुए ब्लास्ट्स के पीछे लखवी ही था।
वधावा सिंह बब्बरः ख़तरनाक आतंकी संगठन बब्बर खालसा का चीफ है। पंजाब में बड़ी घटनाओं के पीछे बब्बर खालसा का हाथ रहा है। वाधवा सिंह का पाकिस्तान की सेना और वहां की खुफिया एजेंसियों के साथ काफी गहरा रिश्ता है। बब्बर खालसा को ट्रेनिंग लश्कर-ए-तैयबा के कुख्यात आतंकवादियों द्वारा दी गई है। वधावा सिंह के दाऊद इब्राहिम से भी संबंध हैं और कई तरह की अवैध गतिविधियों में दोनों एक-दूसरे का साथ देते रहे हैं।
लखबीर सिंहः आतंक के दौर में देश छोड़कर इंग्लैंड चला गया था। बाद में इंग्लैंड से पाकिस्तान पहुंच गया। तब से वह पाकिस्तान में रह रहा है। वहां ISI के संपर्क में आने के बाद भारत में अपने पुराने संपर्क के सहारे देश विरोधी गतिविधियों को संचालित कर रहा था। उस पर भारत में कई स्लीपर सेल बनाने का भी आरोप है।
रणजीत सिंह नीताः खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (KZF) का चीफ है। वह पाकिस्तान में रहकर इस प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन को चला रहा है। वह आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए पंजाब से लोगों को भर्ती करता रहता है।
लखबीर सिंह रोडे उर्फ बग्गाः पाकिस्तान में रहता है, उसका काम ड्रग्स और हथियार भेजना है। पंजाब में लोकल गैंग की मदद के लिए प्रमुख आईएसआई समर्थित खालिस्तानी आतंकी है लखबीर।
परमजीत सिंह पम्माः पम्मा के अमृतपाल सिंह से अच्छे संबंध हैं। पम्मा प्रतिबंधित संगठन बब्बर खालसा इंटरनैशनल से जुड़ा हुआ है। वह खालिस्तान टाइगर फोर्स का भी सदस्य है। NIA की मोस्ट वांटेड लिस्ट में पम्मा का नाम शुमार है। 1994 में पम्मा ने भारत छोड़ दिया था और पाकिस्तान चला गया। उसकी आईएसआई से भी करीबी है।
जावेद चिकनाः जावेद चिकना का नाम टेरर फंडिंग से जुड़ी एनआईए की एफआईआर में आया था। उसने 1993 के मुंबई बम धमाकों के लिए कई लोगों को बम बनाने और हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी थी।
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