सुभाष चन्द्र
द्रमुक सांसद सेंथिल कुमार ने गौ माता का अपमान करके माफ़ी मांगने का ढोंग किया है। सही मायने में उसने कोई माफ़ी नहीं मांगी है। सेंथिल कुमार ने तो कहा है कि वह ऐसे बयान पहले भी देता रहा है। मेरी बात से कोई आहत हुआ है तो मैं माफ़ी मांगता हूं और भविष्य में अपनी यह बात कहने के लिए कुछ अन्य शब्दों का प्रयोग करूंगा। जब अन्य शब्द तलाश करेगा तो फिर माफ़ी कैसी मांग रहा है।
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आज कांग्रेस भी सेंथिल कुमार के बयान की आड़ में “राजनीतिक हज़” पर जाना चाहती है - कार्ति चिदंबरम ने कहा है - “शब्दों का बेहद दुर्भाग्यपूर्ण चयन - सेंथिल को तुरंत माफ़ी मांगनी चाहिए”। मिलिंद देवड़ा ने कहा - “द्रमुक को अहसास होना चाहिए कि उसकी लापरवाह टिप्पणियां हिंदी पट्टी में भाजपा को चुनौती देने में INDI गठबंधन के प्रयासों को कमजोर करती हैं”। सबसे बड़ी बात तो अधीर रंजन चौधरी ने कही कि “हम गोमाता का सम्मान करते हैं”।
कांग्रेस के नेताओं कार्ति, मिलिंद और अधीर रंजन की क्या औकात है, सवाल यह है सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने इस पर कोई बयान क्यों नहीं दिया?
राहुल गांधी तो खुल कर कहता है मुस्लिमों की तरफ इशारा करके कि उनके खाने की चीज़ों (गौमांस) पर रोक नहीं लगनी चाहिए। कांग्रेस ने 2013 में कर्नाटक भाजपा सरकार के गौहत्या पर लगाए बैन को 2018 में सत्ता में आते ही ख़त्म कर दिया था।
वर्ष 2015, 8 अक्टूबर को जम्मू कश्मीर विधान सभा प्रांगण में निर्दलीय MLA Engineer Rashid ने गौ हत्या पर प्रस्तावित बैन के विरोध में गोमांस की पार्टी दी थी। तब विधान सभा में कांग्रेस के 12 विधायक थे और किसी ने विरोध नहीं किया। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद ने तो यहां तक कहा था कि - “गोमांस को बैन करने के मामले में संयम से काम लेना चाहिए क्योंकि यह पूरे देश के लिए (खासकर कश्मीर के लिए) एक संवेदनशील मुद्दा है, हमें देखना होगा हम गौ हत्या बैन के प्रस्ताव के समर्थन करें या न करें”।
वर्ष 2017 मई में केरल के कन्नूर में Youth Congress नेताओं ने सड़कों पर गाय काट कर और पका कर पार्टी आयोजित की थी। भले ही कुछ लोगों को कांग्रेस ने निलंबित कर दिया परंतु कभी गौ हत्या पर प्रतिबन्ध का समर्थन नहीं किया और राहुल गांधी गोमांस को मुस्लिमों का प्रिय भोजन कहता रहा है।
अप्रैल, 2017 में राजस्थान में पहलू खान और उसके बेटों के साथ जब गोरक्षकों के साथ गोवंश की तस्करी को लेकर मुठभेड़ हुई और वह जब मारा गया, तब से कांग्रेस का वकील तहसीन पूनावाला उनके लिए सुप्रीम कोर्ट में लड़ रहा है जबकि सभी 6 आरोपी ट्रायल कोर्ट ने बरी कर दिए हैं।
कांग्रेस किस मुंह से सेंथिल कुमार के बयान का विरोध करती है जबकि उस पार्टी को घोर हिन्दू विरोधी होने के बाद भी कांग्रेस ने गले में लटकाया हुआ है, जिस पर राजीव गांधी की हत्या में शामिल लोगों का समर्थन करने का भी आरोप रहा है। कांग्रेस हो, या द्रमुक हो या INDI गठबंधन का कोई भी दल हो, सबकी राजनीति हिन्दुओं की विरुद्ध ही चलती है। बरसाती मेंढक की तरह टर टर करने से कुछ नहीं होगा और न कुछ मंदिरों में भटकने से होगा।
सनातन धर्म कांग्रेस और विपक्ष का परम शत्रु है। कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे खुल कर कह चुका है कि मोदी और RSS को मजबूत करने से सनातन धर्म का राज आ जायेगा।
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