इतना दोगलापन कहां से लाते हैं? भारत के खिलाफ बस कुछ होना चाहिए, पाकिस्तान के मुसलमान को मोदी में करिश्मा दिखता है, लेकिन भारत के मुसलमानों को भड़काते हैं

 

सुभाष चन्द्र

कांग्रेस आजकल मालदीव की भारत विरोधी हरकतों पर गदगद है जैसे सारा कसूर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का है। कांग्रेस के मुख्यालय में “चपरासी” जैसा दिखाई देने वाला कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे कह रहा है कि “मोदी हर चीज़ को निजी तौर पर ले रहे हैं” मतलब जो कुछ भी मालदीव और उसके मंत्रियों ने कहा, वह सब ठीक था कांग्रेस पढ़ा रही है कि मोदी को विदेश नीति की कुछ समझ है ही नहीं

इस्लामिक आतंकवाद को अपना समर्थन देने 'हिन्दू आतंकवाद' और 'भगवा आतंकवाद' का ढोल पीट हिन्दुओं को कलंकित किया जाता था। बेकसूर साधु, साध्वी और कर्नल को आतंकवाद के झूठे आरोप में गिरफ्तार कर जेलों में डाला गया। साध्वी प्रज्ञा को जबरदस्ती अंडा क्यों खिलाया? क्या इसको धर्म-निरपेक्षता कहते हैं? फिर मोदी सरकार द्वारा सर्जिकल और एयर स्ट्राइक करने पर पाकिस्तान की बोली बोल सबूत मांगते इन छद्दम देशप्रेमियों को शर्म नहीं आयी। 

दूसरी तरफ शरद पवार ने कहा है कि “हम अपने पीएम के खिलाफ कुछ नहीं सुन सकते अगर किसी देश का कोई भी व्यक्ति हमारे प्रधानमंत्री पर टिप्पणी करता है, तो हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे” 

लेखक 
बड़ी अच्छी बात है शरद पवार जी लेकिन आप बताएं कि राहुल “कालनेमि” और कांग्रेस के नेता विदेश में जाकर जब प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ अपमानजनक बातें करते हैं, तब क्या आपने कभी उनका विरोध किया? अमेरिका में पिछले जून में पीएम मोदी के सामने जब कुछ पत्रकारों ने भारत के खिलाफ बयानबाजी की थी, तब क्या आपने उनका विरोध किया था? इस Double Standard का भेद क्या है?

फारूक अब्दुल्ला तो और भी हदें पार कर गए, उन्होंने मालदीव की तरफ से बिगड़े बोलों के कारण रिश्तों में आई खटास पर कहा है कि क्या इसके लिए भारत में हो रहे हिन्दू मुसलमानों की बीच पैदा हो रही नफ़रतें जिम्मेदार नहीं हैं? 

कौन सी नफ़रतें पैदा हो रही हैं नामाकूल अब्दुल्ला? जब 5 लाख कश्मीरी हिन्दुओं पर बर्बरता हुई आपके राज में, मस्जिदों से महिलाओं को छोड़ सारे पुरुषों को कश्मीर छोड़ने का ऐलान किया जा रहा था, तब वह कौन सी मोहब्बत चल रही थी और आज तब से हर आतंकी हमले पर तुम कहते फिरते हो कि पाकिस्तान से बात करो, तुम्हें पाकिस्तान से बात करने का इतना ही शौक है तो पाकिस्तान चले जाओ, वहां बैठ कर Staretegy बनाया करो भारत से उलझने की

इतना दोगलापन कहां से लाते हो अब्दुल्ला मियां जो मालदीव नापाक हरकत करे तो उसके लिए भी भारत को दोष दे देते हो कल UAE के राष्ट्रपति  Mohamed bin Zayed Al Nahyan के भारत आने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हें एयरपोर्ट पर लेने स्वयं गए और उनके साथ गांधीनगर में roadshow किया इसे देख कर पाकिस्तान के लोग Youtube channels पर कहते सुने गए कि नरेंद्र मोदी एक world leader है जिसके साथ आज सभी बड़े बड़े इस्लामिक देश खड़े हैं जबकि पाकिस्तान के साथ एटॉमिक ताकत होने के बावजूद कोई नहीं है क्योंकि हम सबके कर्जदार हैं मोदी के भारत में निवेश सुरक्षित है जबकि पाकिस्तान में निवेश के सुरक्षित होने की बात तो दूर, हर इस्लामिक देश पाकिस्तान के लोगों को बाहर निकाल रहा है

नरेंद्र मोदी ने गुजरात Vibrant Summit में UAE के राष्ट्रपति Nahyan को अपना “भाई” कह कर पुकारा जरा सोचिए पाकिस्तान, तुर्की और ईरान के हुक्मरानों की छातियों पर यह सुनकर कैसे सांप लोटे होंगे कि एक इस्लामिक मुल्क का राष्ट्रपति मोदी के इतना करीब कैसे है

यानी पाकिस्तान के मुसलमान तो नरेंद्र मोदी की तारीफ में कसीदे पढ़ते हैं जबकि भारत के मुसलमानों के दिलों में मोदी को उनका दुश्मन बना कर बिठाया हुआ है पाकिस्तान के मुसलमान बेशक अब भी भारत को “काफिर” कह कर बुलाते हैं मगर उन्हें समझ आ गया है कि 75 साल में पाकिस्तान बना कर भी वो कुछ नहीं बिगाड़ सके लेकिन भारत में अभी भी अनेक मुस्लिम हैं जो “पाकिस्तान जिंदाबाद” करते फिरते हैं और यह सब इसलिए क्योंकि सेकुलर दलों ने मुस्लिम वोट बैंक को फसाद की जड़ बना कर रखा हुआ है 

इसी मुस्लिम वोट बैंक के फसाद की वजह से ही आज सोनिया गांधी और खड़गे ने राम मंदिर की प्राणप्रतिष्ठा को BJP / RSS का उत्सव बता कर उसमे जाने से मना कर कांग्रेस के हिन्दू विरोधी चेहरे को उजागर कर दिया है। इतना ही नहीं, कांग्रेस समर्थक सनातन का विरोध करने वाली पार्टियों को वोट देने वाले कौन-सी प्रजाति है, इस पर गूढ़ चिंता करने की जरुरत है। वामपंथियों द्वारा मुस्लिम पक्षकार बनने की नौटंकी पर भी मंथन जरुरी है, क्योकि वामपंथी किसी धर्म अथवा मजहब को नहीं मानना ही पार्टी नीति है। 

जिस तरह धीरे-धीरे इतिहास के पृष्ठ खुलने का श्रीगणेश हो चुका है, वह दिन भी अधिक दूर नहीं रहने वाला जब यही मुसलमान अपने मुल्लावाद के साथ-साथ इन सभी के विरुद्ध सड़क पर आकर इन पाखंडियों का घर से बाहर निकलना भी मुश्किल कर देगा। क्योकि इन लोगों द्वारा अपनी तिजोरियां भरने के लालच में केवल भारत में ही नहीं, विश्व में भारतीय मुसलमानों को बेइज्जत करने का काम किया है। जिसका नूपुर शर्मा विवाद में Jaipur Dialogue, Sach, News Nation के 'इस्लाम क्या कहता है' और कई चैनल हैं, जहाँ मुल्ला पाखंड खुलकर सामने आ चूका है। एक से बढ़कर एक मौलाना को वातानुकूलित कमरे में बैठ पसीना पोंछते दुनिया ने देखा।    

मंदिर अपवित्र होने से बच गया

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