भाजपा के 96 वर्षीय लालकृष्ण आडवाणी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित करने का फैसला किया गया है। राम मन्दिर के लिए जनमानस को जागृत करने का श्रेय आडवाणी को ही जाता है। इन्होने ही पाञ्चजन्य-आर्गेनाइजर की संयुक्त सम्पादकीय मीट में कहा था कि "जब तक केंद्र और उत्तर प्रदेश में बहुमत में भाजपा नहीं आती अयोध्या में श्रीराम मंदिर शायद स्वप्न ही रहेगा। क्योकि तथ्यों को छुपाने और सच्चाई सार्वजनिक होने से रोकने वाला कोई नहीं होगा।" वास्तव में आज हुआ भी वही। जिन डाक्यूमेंट्स को अनुवाद करने में उत्तर प्रदेश सरकार केंद्र सरकार के सहयोग से टालती रही, जिस कारण कोई भी कोर्ट निर्णय देने में असमर्थ होने के कारण तारीख-पर-तारीख देने के अलावा कुछ नहीं कर सकती थी। उत्तर प्रदेश में बहुमत वाली भाजपा सरकार बनने के बाद निर्णय में अवरोध कर रहे सबसे बड़े रोड़े को ठोकर मारते ही निर्णय सबके सामने है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोशल नेटवर्किंग साइट एक्स पर इसकी घोषणा करते हुए उन्हें बधाई दी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के विकास में उनका योगदान अविस्मरणीय है। उन्होंने एक्स पर लालकृष्ण आडवाणी के साथ अपनी दो तस्वीरों को शेयर करते हुए लिखा है कि मुझे यह बताते हुए काफी खुश हो रही है कि श्री लालकृष्ण आडवाणी जी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। मैंने उनसे बात की और इस सम्मान से सम्मानित किए जाने के लिए उन्हें बधाई दी। वह हमारे समय के सबसे बड़े और सम्मानित राजनेताओं में से एक हैं। देश के विकास में उनका योगदान अविस्मरणीय है। उनका जीवन जमीनी स्तर पर काम करने से शुरू होकर देश के उप-प्रधानमंत्री के रूप में सेवा करने तक का है। उन्होंने गृह मंत्री और सूचना एवं प्रसारण मंत्री के रूप में अपनी एक अलग पहचान बनाई। उनके संसदीय कार्य हमेशा अनुकरणीय रहे हैं और समृद्ध अंतर्दृष्टि से भरे रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने अगले ट्वीट संदेश में लिखा है कि उन्होंने दशकों तक देश के लोगों की सेवा की। पारदर्शिता, अखंडता और राजनीतिक नैतिकता के मामले में आडवाणी जी ने कई अनुकरणीय मानक स्थापित किए हैं। उन्होंने राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक पुनरुत्थान को आगे बढ़ाने की दिशा में अद्वितीय प्रयास किए हैं। उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया जाना मेरे लिए बहुत भावुक क्षण है। मैं इसे हमेशा अपना सौभाग्य मानता हूं कि मुझे उनके साथ काम करने और उनसे सीखने के कई मौके मिले हैं।
Advani Ji’s decades-long service in public life has been marked by an unwavering commitment to transparency and integrity, setting an exemplary standard in political ethics. He has made unparalleled efforts towards furthering national unity and cultural resurgence. The conferring…
— Narendra Modi (@narendramodi) February 3, 2024
पद्म विभूषण से सम्मानित लालकृष्ण आडवाणी का जन्म 8 नवंबर, 1927 को पाकिस्तान के कराची में हुआ था। विभाजन के बाद उनका परिवार पाकिस्तान छोड़कर भारत आ गया था।
आडवाणी जी बीजेपी के अकेले राजनेता हैं जो तीन पार्टी पार्टी के अध्यक्ष रह चुके हैं। आडवाणी एनडीए की अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में उप प्रधानमंत्री भी रह चुके हैं। वे चार बार राज्यसभा और पांच बार लोकसभा सांसद रहे हैं।
अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण अभियान में इनकी अहम भूमिका रही है। 1990 में उन्होंने सोमनाथ से अयोध्या तक रामरथ यात्रा निकाली। वैसे यात्रा के बीच में ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

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