‘किसान उत्पातियों’ पर अंबाला पुलिस ने ठोका NSA, उपद्रवियों की संपत्ति कुर्क करके नुकसान की भरपाई

किसान आंदोलन के नाम पर जिस तरह उग्र प्रदर्शनकारियों द्वारा सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुँचाने का काम किया जा रहा है उसे देखते हुए हरियाणा की अंबाला पुलिस ने सख्त खदम उठाए हैं। अंबाला पुलिस ने कहा है कि सरकारी संपत्ति के नुकसान की भरपाई इन्हीं आंदोलनकारियों की संपत्तियों से की जाएगी। इसके लिए संपत्ति की कुर्की और बैंक खातों को सीज करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। इसके अलावा किसान संगठन के पदाधिकारियों के खिलाफ NSA लगाने की बात भी पुलिस ने कही है।

जिस दिन ने इनके बैंक खातों को जब्त करना शुरू कर दिया, बिकाऊ उत्पादी अपने आप भागते नज़र आएंगे। यह आंदोलन वास्तव में पंजाब में होना था, क्योकि 5 मिनट में कानून बनाकर 22 फसलों पर MSP देने का वायदा भगवंत सिंह मान है, जो अब प्रदेश के मुख्यमत्री हैं। क्यों नहीं कानून बनाकर 22 फसलों पर MSP देते? क्यों अपना पाप केंद्र सरकार पर थोपा जा रहा है? 


22 फरवरी 2024 को जारी प्रेस नोट में अंबाला पुलिस ने कहा कि 13 फरवरी 2024 से किसान संगठनों द्वारा किसानों द्वारा दिल्ली कूच को लेकर शंभू बॉर्डर पर लगे बैरिकेड्स को तोड़ने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं व पुलिस प्रशासन पर पत्थरबहाजी व हुड़दंगबाजी करके कानून व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश भी हो रही है। इन सबसे सरकारी और प्राइवेट संपत्तियों को काफी नुकसान हो रहा है।

पुलिस ने कहा कि वो अब आंदोलनकारियों द्वारा सरकारी और प्राइवेट संपत्ति को पहुँचाए गए नुकसान का आँकलन कर रहे हैं। सबकी भरपाई इन्हीं आंदोलनकारियों की संपत्ति और बैंक खातों को सीज करके की जाएगी। पुलिस की मानें तो उन्होंने इस संबंध में पहले ही सूचित किया था कि अगर सरकारी संपत्ति को नुकसान हुआ तो वह यह कार्रवाई करेंगे। हालाँकि पिछले कुछ दिनों में फिर भी ऐसी घटनाएँ आईं, जिसके बाद पुलिस ने यह नोट जारी किया।

इसके अलावा पुलिस ने एक और ट्वीट में यह जानकारी दी है कि उन्होंने NSA के तहत किसान संगठनों के पदाधिकारियों को नजरबंद करने की तैयारी शुरू कर दी है। अंबाला पुलिस द्वारा दी गई जानकारी में कहा गया है कि आंदोलन में 30 पुलिसकर्मियों को चोटें आई हैं, 1 पुलिसकर्मचारी का ब्रेम हैमरेज हुआ और 2 की मृत्यु हो गई है। ऐसे में आंदोलन के कई किसान नेता जो सक्रिय भूमिका हैं और कानून व्यवस्था बिगाड़ने का काम कर रहे हैं। सोशल मीडिया के जरिए भड़काऊ बयानबाजी कर रहे हैं। सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए पोस्टर कर रहे हैं। प्रशासनिक अधिकारियों और सरकार के विरुद्ध गलत शब्दों का प्रयोग कर रहे हैं और उत्पात मचा रहे हैं। ऐसे में अपराधिक गतिविधियों को रोकने व कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए धारा 2(3) राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 तहत किसान संगठनों के पदाधिकारियों को नजरबंद करने की कार्यवाही पुलिस प्रशासन द्वारा अमल में लाई जा रही है।

ये भी जानकारी आई है कि अंबाला पुलिस की तरफ से भारतीय किसान यूनियन शहीद भगत सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष और किसान मजदूर मोर्चा के सदस्य अमरजीत सिंह मोहड़ी के घर पर पुलिस का नोटिस चस्पा किया गया है। इसमें लिखा गया है कि अमरजीत सिंह उस प्रदर्शन में अहम भूमिका में है, जो अब उग्र हो रहा है। अगर प्रदर्शनकारी सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुँचाते हैं तो फिर मोहड़ी की संपत्ति से भी भरपाई की जा सकती है।


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