“दिल्ली के राजा” केजरीवाल के जेल जाने के एक महीना पूरे होने पर 2 अदालतों के 2 फैसले आए और केजरीवाल को चारों खाने चित कर दिया। केजरीवाल के बारे में कुछ बात की जाए उससे पहले एक बात पर हंसी आनी लाजमी है कि सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी को केजरीवाल ने एक “Trial Court” का वकील बना कर छोड़ दिया और इससे बड़ा दुर्भाग्य कुछ हो नहीं सकता।
रविवार(अप्रैल 21) को केजरीवाल गिरोह की खूब हाय तौबा मचाने के बाद केजरीवाल की Video Conferencing से 40 मिनट AIIMS के वरिष्ठ विशेषज्ञ से करा दी गई लेकिन उसने डॉक्टर से एक बार भी Insulin के बारे में बात नहीं की और न ही डॉक्टर ने Insulin लेने की सलाह दी लेकिन फिर आतिशी मार्लेना रोना रोती रही कि शुगर 50 के नीचे चली जाए तो खतरा हो सकता है और इसलिए केजरीवाल को Insulin की जरूरत है जो नहीं दी जा रही। ये लोग लगता है सबको मूर्ख समझते हैं। कोई सुनीता से नहीं पूछ रहा कि 'जब अरविन्द मधुमेह रोगी है तो तले पकवान और मीठा क्यों भेजा जा रहा है? क्या बदपरहेजी खाना भेज कौन-सा षड़यंत्र कर रही है? क्या एक तीर से दो निशाने मार रही है?
आम आदमी पार्टी घोटालों से ध्यान भटकाने के लिए मधुमेह पर क्यों शोर मचा रही है? इस पूरे प्रकरण में मजे की बात यह है कि राघव चड्डा वापस भारत क्यों नहीं आ रहा? और अरविन्द अपनी जमानत के लिए कोर्ट नहीं जा रहे, क्यों? लोक सभा चुनावों में पार्टी नेताओं को दरकिनार कर सुनीता केजरीवाल क्यों भाषण देने जा रही हैं? क्या अरविन्द और सुनीता को पार्टी में किसी पर विश्वास नहीं? चर्चा यह भी है कि लोक सभा चुनाव मतदान के बाद पार्टी टूट सकती है। राघव भारत आने से पूर्व बीजेपी में शामिल होने की घोषणा भी कर सकता है और अगर बीजेपी राघव को पार्टी में लेती है, बीजेपी की भयंकर भूल होगी। यह भी शंका व्यक्त की जा रही है कि राघव वहां बैठ नयी पार्टी बनाने में व्यस्त है। केजरीवाल जानते हैं कि जिस दिन राघव चड्डा भारत आ गया, कोई गिरफ्तार होने से नहीं रोक सकता, जो जरा सी सख्ती होते ही घोटालों के कई राज एकदम खोल देगा। जो केजरीवाल के लिए ही नहीं कई मुश्किलें बढ़ाएगी, पार्टी के कई नेता जेल जाते नज़र आएंगे और शंका है कि केजरीवाल के समस्त परिवार को भी जेल का रास्ता देखना पड़ सकता है। शराब घोटाले के चलते इसके लड़के का जिम घोटाला दब गया है। कहते हैं, अरविन्द के बाद घोटालों का दूसरा सबसे बड़ा राजदार राघव चड्डा ही है।
कल Rouse Avenue कोर्ट ने भी फैसले में साफ़ कहा है कि केजरीवाल के घर से Diet Chart में बताए गए खाने से हट कर खाना दिया गया। जो चीजें Diet Chart में नहीं थीं वे दी जा रही थीं जिन पर जेल प्रशासन को ध्यान देना चाहिए था। विशेष न्यायाधीश कावेरी बवेजा ने साफ़ कहा कि जेल प्रशासन के पास बंदियों के लिए अच्छी तरह से विकसित बुनियादी व्यवस्था है और CM के लिए विशेष व्यवहार नहीं हो सकता, सबके लिए एक ही व्यवस्था होती है क्योंकि कानून सबके लिए समान है।
#BREAKING
— TIMES NOW (@TimesNow) April 23, 2024
Delhi's Rouse Avenue Court extends Judicial Custody till May 7 of Delhi CM Arvind Kejriwal and BRS Leader K Kavitha in ED case related to the Liquor Policy matter@priyanktripathi brings us more details. pic.twitter.com/Q3AZk0JF6K
A Delhi Court on Tuesday extended till May 07 the judicial custody of Chief Minister Arvind Kejriwal and BRS leader K Kavitha in the money laundering case connected to the liquor policy scam.
— Live Law (@LiveLawIndia) April 23, 2024
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“आप” नेता संजय सिंह और आतिशी समेत एक ही आरोप लगाया जा रहा है कि केजरीवाल की हत्या की साजिश हो रही Insulin न देकर जबकि सत्य यह लगता है “आप” और सुनीता केजरीवाल ही CM की हत्या की साजिश कर रहे लगते हैं उसे वह खाना देकर जो उसे नुकसान पहुंचा सकता है। केजरीवाल के डाइटीशियन के चार्ट के अनुसार ही उसे भोजन दिया, जेल प्रशासन ने अपना कोई डाइटीशियन नहीं तय किया था लेकिन आतिशी फिर भी कह रही है कि एक डाइटीशियन के चार्ट पर जेल प्रशासन दावा कर रहा है। यानी अपने डाइटीशियन पर भी भरोसा नहीं है।
कोर्ट के आदेश के बावजूद Insulin को लेकर केजरीवाल ने जेल अधीक्षक को पत्र लिख कर उन पर Insulin को लेकर झूठ बोलने का आरोप लगाया है। आखिर केजरीवाल को जेल में रह कर पत्र लिखने का सामान कैसे मिल जाता है कि वह formal letter लिख सके।
दूसरे केस में दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल के 4 सिरफिरे दीवानों की उसे असाधारण अंतरिम जमानत देने की याचिका खारिज करते हुए उन पर 75,000 का जुर्माना लगा दिया। कोर्ट ने याचिका ख़ारिज करते हुए जिस तरह उनकी धज्जियाँ उड़ाई वो काबिलेतारीफ हैं। कोर्ट ने उन्हें पूछा कि आप कौन होते हैं जमानत मांगने वाले, वो खुद मांग सकते हैं, आप क्या UN सदस्य हो और आपके पास क्या वीटो पावर है।
अवलोकन करें:-
केजरीवाल के वकील ने बेशक याचिका का विरोध किया लेकिन याचिका तो केजरीवाल की मदद के लिए ही थी। याचिकाकर्ता इतने समझदार थे कि दलील दे रहे थी कि अतीक अहमद और गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की मौत पुलिस कस्टडी में हुई थी। इसका मतलब यह भी निकाला जा सकता है कि वो केजरीवाल को अतीक और टिल्लू ताजपुरिया की श्रेणी में मान रहे थे।
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