प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कहना कि ‘अब कांग्रेस अर्बन नक्सलों के कब्जे में चली गई है। कांग्रेस अब वामपंथियों के चंगुल में फंसी हुई है। कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टों में जो कहा है वो चिंताजनक और गंभीर है। कांग्रेस में तूफान आ गया। और कांग्रेस की सच्चाई सामने आने पर तूफान आना लाजमी है। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस की सरकार बनेगी तो हरेक की प्रॉपर्टी का सर्वे किया जाएगा। हमारी बहनों के पास सोना कितना है, उसकी जांच की जाएगी। हमारे आदिवासी परिवारों में चांदी होती है, सिल्वर कितना है, उसका हिसाब लगाया जाएगा। इतना ही नहीं ये जो गोल्ड है, बहनों का और जो संपत्ति है वो सबको समान रूप से वितरित कर दी जाएगी। क्या ये आपको मंजूर है? क्या आपकी मेहनत करके कमाई हुई संपत्ति को सरकार को ऐंठने का अधिकार है क्या? हमारी माताओं-बहनों की जिंदगी में सोना सिर्फ शो करने के लिए नहीं होता है। उसके स्वाभिमान से जुड़ा हुआ है, उसका मंगलसूत्र, वो सोने का मु्ददा नहीं है। उसके जीवन के सपनों से जुड़ा हुआ है। तुम उसे छीनने की बात कर रहे हो, अपने मेनिफेस्टो में। गोल्ड ले लेंगे, सबको वितरित कर देंगे।
और पहले जब उनकी सरकार थी तो उन्होंने कहा कि देश की संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है। इसका मतलब ये संपत्ति इकट्ठी करके किसको बांटेंगे, जिसको ज्यादा बच्चे हैं, उसको बांटेंगे। घुसपैठियों को बांटेंगे। क्या आपकी मेहनत की कमाई का पैसा घुसपैठियों को दिया जाएगा। आपको मंजूर है ये? ये कांग्रेस के मेनिफेस्टो कह रहा है। वो माताओं-बहनों के सोने का हिसाब करेंगे, जानकारी लेंगे फिर और उसको बांटेंगे। जिनको मनमोहन सिंह जी की सरकार ने कहा था कि संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है। ये अर्बन नक्सल की सोच मेरी माताओं-बहनों आपका मंगलसूत्र भी बचने नहीं देंगे।’
इतना ही नहीं, मनमोहन सिंह सरकार पद्मनाभन मंदिर के कमरे में बंद स्वर्ण(सोना) को हथियाने कोर्ट तक पहुँच गयी थी, लेकिन मस्जिद और दरगाहों पर हो रही धन-वर्षा पर चुप्पी, क्यों? जब सरकार मंदिरों को आने वाले चढ़ावे पर गिद्ध नज़र रखती है, फिर मस्जिदों और दरगाहों की कमाई पर क्यों नहीं?
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"We will have to devise innovative plans to ensure that minorities, particularly the Muslim minority, are empowered to share equitably in the fruits of development. They must have the first claim on resources."
— BJP (@BJP4India) April 21, 2024
- Dr Manmohan Singh, 9th Dec, 2006
The Congress doesn’t trust their… https://t.co/MWAf8uP23N pic.twitter.com/EDAKfasXT8
ये देखो टाइम्स ऑफ इंडिया का लेख जिसमे साफ लिखा है ,
— Priya (@iamp777) April 21, 2024
मनमोहन ने कहा देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का हैhttps://t.co/NQjvZZsrqe
देश की आज़ादी के पहले से ही मुस्लिमों के अल्पसंख्यक होने का लाभ उठा कर गैर भाजपा दल उनके ही तुष्टिकरण में लगे रहे हैं। कांग्रेस ने मुस्लिमों के हितों को ध्यान में रखते हुए ऐसे ऐसे कानून बना दिए जिनकी वजह से आज मुस्लिम समुदाय हिंदू बहुल समुदाय को रौंदने से परहेज़ नहीं करता और सभी सेकुलर दल 80% हिंदुओं को गाजर मूली की तरह काटने को तैयार रहते हैं।
तीसरी बार वापसी आने पर मोदी सरकार को उर्दू आदि शब्दों का असली अर्थ बताना होगा। सुश्री नाज़िया खान का निम्न वीडियो इस पर रौशनी डाल रहा है। ऐसे अनेकों वीडियो है जो मुस्लिम समाज में चलन में कई शब्द हैं, लेकिन तुष्टिकरण करते कई उर्दू नही बल्कि अरबी और फ़ारसी के लब्जों को हिन्दी भाषा में चलन ला दिया। श्रीराम प्राण प्रतिष्ठा के दिनों में एक बुजुर्ग मौलाना अंसारी ने न्यूज़ 18 पर लखनऊ से लाइव प्रोग्राम 'भइया जी कहिन' में कहा था की नमाज़ संस्कृत का शब्द है किसी अरबी या फ़ारसी का नहीं। वही बात इस पुराने वीडियो में सुश्री नाज़िया खान कह रही हैं।
कांग्रेस ने समय समय पर जो कानून बनाए मुस्लिमों के लिए, वे ये हैं -
Article 25, 28, 30 (1950)
HRCE (1951)
HCB MPL (1956)
Secularism (1975)
Minority Act (1992)
Places of worship Act (1991)
Wolf Act (1992)
Ram Setu affidavit (2007)
Saffron terrorism (2009)
ऐसा इसलिए किया जाता रहा है क्योंकि देश में आज तक यह तय नहीं किया गया है कि कौन सी कौम कितनी प्रतिशत आबादी होने पर Minority मानी जाएगी। आज मुस्लिम समुदाय 100 के करीब लोकसभा सीटों के चुनाव को प्रभावित कर सकता है, भला फिर ऐसा समुदाय Minority कैसे माना जा सकता है?
2011 की जनगणना के अनुसार देश में हिंदू और अन्य समुदायों की आबादी यह थी -
-हिंदू - (80%)
-मुस्लिम - (14.2%)
-ईसाई -(2.3%)
-सिख -(1.72%)
-बौद्ध - (0.7%)
-सरना (0.41%)
-जैन -(0.37%)
-गोंड धर्म - (0.08%)
-पारसी - (0.006%)
-अन्य धर्म - (0.16%)
-किसी को न मानने वाले -(0.24%)
वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार मुस्लिमों की आबादी 17.22 करोड़ थी जो सरकार के अनुसार 2023 में 19.7 करोड़ हो गई।
वर्ष 2020-21 की MoSPI (Ministry of Statistics and Program Implementation, Government Of India.) की रिपोर्ट में बताया गया था कि 94.9% मुस्लिमों के अनुसार उन्हें बेहतर पीने के पानी की सुविधा मिली और 97.2% मुस्लिमों के अनुसार उन्हें बेहतर Toilet Facilities मिली। इसके अलावा 50.2% मुस्लिमों ने 31 मार्च, 2014 के बाद नए घर खरीदे या बनाए। यह तथ्य 2021 तक के हैं और उसके बाद उनके लिए और भी बेहतर हुआ होगा।
लेकिन फिर भी हर समय एक ही रोना कि हमारा अल्पसंख्यक होने की वजह से शोषण हो रहा है जबकि उपरोक्त सूचना से साबित होता है कि मोदी राज में मुस्लिमों का जीवन स्तर हर तरह से बेहतर हुआ है।
हर देश को अपनी आवश्यकताओं के अनुसार देश और समाज हित में कानून बनाने का अधिकार होता है। कांग्रेस 2005 से संसाधनों पर मुस्लिमों का पहला हक़ बताती आई है जो बहुसंख्यक और अन्य अल्पसंख्यकों के साथ अनाचार है।
इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध है कि वे अपने अगले कार्यकाल में यानी Modi 03 में संसद से कानून पास करा कर तय करें कि किसी समुदाय को तब ही अल्पसंख्यक (Minority) का दर्जा मिलेगा जब उसकी आबादी 5% से कम होगी - 5% से ज्यादा आबादी होने पर Minorities को मिलने वाली सुविधाएं नहीं मिलेंगी।
इस कानून को सुप्रीम कोर्ट में जरूर चुनौती दी जाएगी और अगर अदालत इसके खिलाफ फैसला देती है तो संसद से उस फैसले को भी निरस्त कराया जाए।
यह कानून Minority-ism से जुड़ी सभी व्यवस्थाओं को ध्वस्त कर देगा बिना संविधान में कोई छेड़छाड़ किए हुए। इस पर नई सरकार बनने के तुरंत बाद कार्य शुरू होना चाहिए, जिससे देश के करोड़ों रुपए बचेंगे जो देश के विकास में काम आएंगे।
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