चंद्रचूड़ ने खेला कर दिया; अब केजरीवाल के लिए सड़क पर बेहोश होकर गिर कर अस्पताल में भर्ती होने के सिवाय कोई “चारा” नहीं बचा ; सुप्रीम कोर्ट ने ठोकर मार दी

सुभाष चन्द्र 

दिल्ली वालों ने जो मुफ्त की रेवड़ियों के लालच में अराजक और तानाशाह अरविन्द केजरीवाल को चढ़ाया, उन्हें इसकी हरकतें डूब मरने वाली बात है। केजरीवाल ने अपनी मनमानी की खातिर देश की सुप्रीम कोर्ट को भी आलोचना के घेरे में ले आया। यह आदमी देश के लिए कितना घातक है RAW अधिकारी रहे RPN Singh को सुनें। गृह मंत्रालय को उन सभी पोलिंग बूथों पर पैनी नज़र रखनी होगी, जहाँ आम आदमी पार्टी को 50 या 50 से अधिक वोट मिले हैं। देश को अगर शक्तिशाली बनाना है तो देशवासियों को केजरीवाल और इसके समर्थकों से दूरी बनानी होगी। अकेले नरेंद्र मोदी, अमित शाह और योगी आदित्यनाथ कुछ नहीं कर सकते। और कल यदि केजरीवाल पार्टी टूटती है तो किसी पार्टी विशेषकर बीजेपी को इसके किसी भी तथकथित नेता को अपनी पार्टी में शामिल नहीं करना चाहिए।   

कल(मई 28) सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जे के माहेश्वरी और जस्टिस विश्वनाथन की बेंच ने केजरीवाल की 7 दिन अंतरिम जमानत बढ़ाने की याचिका पर तुरंत सुनवाई करने से मना करते हुए कहा कि केजरीवाल की गिरफ़्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई पूरी कर चुका है और फैसला 17 मई को सुरक्षित कर लिया है और अब हम इस याचिका पर कुछ नहीं कर सकते, आप CJI के पास जाएं, वे ही इसे listing के लिए आदेश दे सकते हैं। 

इसका मतलब साफ़ है कि मामला CJI चंद्रचूड़ के पास जाना चाहिए था और वो फैसला करते कि कब लिस्ट करनी है याचिका लेकिन आज(मई 29) याचिका सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री ने ही ख़ारिज कर दी और याचिका सुनवाई के लिए स्वीकार करने से मना करते हुए कह दिया कि केजरीवाल के पास ट्रायल कोर्ट में regular bail के लिए जाने का रास्ता खुला है और plea is not maintainable.

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वैसे तो केजरीवाल के साथ बहुत अच्छा हुआ जो उसे उसके ड्रामेबाजी का जवाब मिल गया लेकिन रजिस्ट्री का रोल कुछ हास्यास्पद लगता है जब एक बेंच ने अपनी राय दे दी तो जाहिर है मामला उस बेंच तक सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री से होकर ही गया होगा और जैसा उस बेंच ने कहा मामला CJI चंद्रचूड़ के पास जाना चाहिए था क्योंकि एक तरह से जस्टिस माहेश्वरी की बेंच के पास भी रजिस्ट्री ने ही भेजा होगा

अब रजिस्ट्री स्वयं इस याचिका को ख़ारिज करती है यह बात समझ नहीं आती मुझे ऐसा लगता है CJI चंद्रचूड़ को लगा होगा कि कल ये सिंघवी आकर मेरे तरफ ललचाई नज़रों से देखेगा और आंखों से ही कहेगा, “मेरे दोस्त, मेरे भाई, मेरे बैचमेट कुछ मेहरबानी कर दे, मेरा कजरू मर जाएगा, इसे अभी कुछ और बचा दे जेल जाने से”, और इसलिए चंद्रचूड़ ने रजिस्ट्री के जरिए ही केजरी को निपटा दिया

अब एक काम और हो सकता है कि जस्टिस खन्ना और जस्टिस दत्ता केजरीवाल की गिरफ़्तारी को ही अवैध करार दे दें लेकिन उनके लिए भी शायद ऐसा करना कठिन होगा क्योंकि उन्होंने इसे जमानत दे कर गिरफ़्तारी स्वयं ही वैध करार कर दी थी

यह मेरा मानना था कि केजरीवाल कुछ नौटंकी जरूर करेगा जेल जाने से बचने के लिए और अब तो बहुत लोग कह रहे हैं कि प्रचार के अंत में या वोटिंग ख़त्म होने के बाद  केजरीवाल चक्कर खाकर गिरेगा और बेहोश होने का नाटक कर किसी अस्पताल में भर्ती हो जाएगा। अस्पताल के डॉक्टरों को खरीदना उसके लिए कोई बड़ी बात नहीं है 

लेकिन केजरीवाल को याद रखना चाहिए कि उसकी Credibility अब इतनी गिर चुकी है कि अब अगर वो सच भी कहेगा तो लोग उसे झूठ ही मानेंगे अब लोग उसकी बातों में नहीं आएंगे charge sheet दायर हो चुकी है अब केस भुगतना ही पड़ेगा केजरीवाल के साथ सिंघवी का भी मुंह पूरी तरह काला हुआ है

अभी भी केजरीवाल को नौटंकी करने से बाज आ जाना चाहिए लेकिन ऐसा संभव नहीं है बकबक आतिशी मार्लेना ने की और जब केस चल गया कोर्ट में तब भी केजरीवाल आतिशी की गलती मानने की बजाय भाजपा को कह रहा है कि आतिशी को जेल में डालने की साजिश कर रही है भाजपा स्वाति की पिटाई करा दी और विभव अब जेल में है मगर उसे बचाने में लगा है

केजरीवाल अब एक डूबता जहाज बन चुका है

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