आज वर्तमान में यह विचित्र स्थिति दिखाई दे रही है। ऐसा ही प्रतीत हो रहा है दुष्ट मानव जैसे भगवान को चुनौती देकर कह रहा है कि मुझे अपनी आत्मा को मार कर जीना भी आता और मुझे नहीं चिंता कल इस कर्म का क्या फल मिलेगा, किस जन्म में मिलेगा मुझे नहीं पता और जब उस जन्म का पता ही नहीं तो अपना जीवन अपनी मर्जी से ही जी कर रहूँगा।
पुणे में एक किशोर वेदांत अग्रवाल के हाथों मारे गए 2 युवा IT Professionals की हत्या करने पर भी उसे बचाने के लिए ससून जनरल अस्पताल के फोरेंसिक मेडिसिन विभाग के प्रमुख डाक्टर अजय तावड़े और अस्पताल के CMO श्रीहरि हलनोर को गिरफ्तार किया गया क्योंकि उन्होंने वेदांत को बचाने के लिए उसके खून के सैंपल कूड़ेदान में फ़ेंक कर ऐसे व्यक्ति के सैंपल टेस्ट कर दिए जिसमे शराब का कोई अंश नहीं था। ऐसे मार दिया अपनी आत्मा को डॉक्टरों ने।
दूसरों का जीवन बचाने वाले डॉक्टर ने इस काम को 3 लाख रुपए में कर के अपनी आत्मा को मार दिया। वेदांत के पिता विशाल अग्रवाल ने ही जोर लगाया होगा और उन्हें खरीदा होगा, 2 जवानों के जीवन की कोई कीमत नहीं बस अपना बेटा बचना चाहिए। यह है अपनी आत्मा को मारना।
![]() |
लेखक चर्चित YouTuber |
ऐसे और बहुत मामले मिलेंगे जिनमें इंसान कोई चिंता नहीं करता और समझने की कोशिश ही नहीं करता कि किस कर्म का दंड उसे मिला है। लालू यादव 1000 करोड़ का चारा घोटाला करके 32 साल की सजा पा कर और भगवान राम से टकरा कर भी नहीं समझा कि उसकी दुर्दशा क्यों हुई और आज भी अपनी आत्मा को मार कर सीना चौड़ा करके मोदी को धमकी दे रहा और उसका ललुआ मोदी को “बेड रेस्ट” पर भेजने की धमकी दे रहा है।
जिस खानदान के हाथ में 60 साल तक भारत की सत्ता थी, वो नहीं समझ सका कि आज 10 साल से सत्ता से विहीन क्यों है और भाई बहन और माताश्री बदहवास बोलते फिरते हैं और पार्टी को 50 सीट लोकसभा की जीतने के पापड़ बेलने पड़ते हैं। इतना होने पर भी भगवान से सीधा टकराते हैं। यह है अपनी आत्मा को मारना।
जिसे जनता ने भरोसा करके भारी बहुमत से सत्ता दी, वो केजरीवाल जनता को धोखा देकर घोटाले करके जेल पहुंच गया लेकिन फिर भी समझ नहीं रहा कि उसे किस कर्म का दंड मिल रहा है। यह है आत्मा को मारना और फिर भी जिंदा रहना। ममता बनर्जी किस हद तक गिर चुकी है लेकिन उसे कोई चिंता नहीं है।
ऐसे और भी बहुत लोग मिलेंगे लेकिन ईश्वर न्याय जरूर करता है। हर किसी को कर्मफल मिलता है चाहे अगले जन्म में और कहीं कहीं भगवान जल्दी ही कृपा करके इसी जन्म में खेल कर देते हैं।
No comments:
Post a Comment