केजरीवाल की याचिका तत्काल सुनने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, अब CJI चंद्रचूड़ करेंगे फैसला: 2 जून को करना है सरेंडर

जैसी शंका की जा रही थी कि गिरगिट की तरह रंग बदलने वाला अरविन्द केजरीवाल जून 2 को सरेंडर नहीं करना का कोई न कोई बहाना निकालेगा। वैसे भी अपनी चुनावी रैलियों में कह रहा है कि 'अगर झाड़ू और INDI गठबंधन को वोट दिया तो 5 जून को बाहर आ जाऊंगा' दूसरे प्राइवेट हॉस्पिटल में health check up क्यों करवाया? जबकि रैलियों में अपने मौहल्ला क्लिनिक और सरकारी हॉस्पिटलों को उच्च स्तरीय बताते हैं, यानि खुद ही साबित कर दिया कि  जनता को पागल बनाने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बदनाम करने का ड्रामा। जब स्वास्थ्य ठीक नहीं, रोज प्रदर्शन क्यों किये जा रहे हैं? जब जेल से बाहर आकर शेरों की तरह दहाड़ने से नहीं लगता जेल में 7 किलो वजन कम हुआ हो। 

केजरीवाल को नहीं मालूम कि द्वापर युग में दुर्योधन का राज गया द्रौपदी चीरहरण के कारण, वही हाल पार्टी का स्वाति मालीवाल के कारण होने वाला है। दोनों महिलाएं माहवारी से थीं, दोनों के केशों को खिंचा गया था, और इस दौरान महिला के साथ की पर-पुरुष द्वारा उत्पीड़न उसके पतन का आधार बन जाता है। दोनों ने ही अपनी रजस्वला को बता दिया था। जब दिमाग छल-कपट में हो सनातन धर्म का ज्ञान कहाँ से होगा? अयोध्या राममन्दिर के विरुद्ध बहुत कहते फिरते थे कि 'मेरी नानी ऐसे कहती थी, वैसे कहती थी' लेकिन नानी ने संस्कारी बातें नहीं बताईं?     

दिल्ली के मुख्यमंत्री और AAP के मुखिया अरविन्द केजरीवाल की अंतरिम जमानत बढ़ाने की अर्जी को लेकर CJI डीवाई चंद्रचूड़ फैसला करेंगे। सुप्रीम कोर्ट की अवकाश बेंच ने इस मामले को तत्काल सुनने से मना कर दिया है। केजरीवाल ने 7 दिन की जमानत स्वास्थ्य आधार पर माँगी है।

28 मई, 2024 को सुप्रीम कोर्ट की जेके माहेश्वरी और केवी विश्वनाथन की अवकाश बेंच ने इस मामले पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया। बेंच के सामने अरविन्द केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने उनकी अंतरिम जमानत बढ़ाने को लेकर लगाई गई याचिका की तत्काल सुनवाई की माँग की। उन्होंने दावा किया कि यह जमानत की शर्तों का उल्लंघन नहीं बल्कि केवल एक छोटी सी माँग है।

अवकाश बेंच ने इस पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया और कहा कि इस मामले को CJI चंद्रचूड़ के सामने रखा जाए, वही इस पर अंतिम फैसला लेंगे कि याचिका को सुनवाई के लिए लिस्ट किया जाए या नहीं। CM केजरीवाल ने सोमवार (28 मई, 2024) को सुप्रीम कोर्ट के सामने याचिका लगाई थी कि उनकी अंतरिम जमानत को बढ़ा दिया जाए।

उन्होंने माँग की थी कि 1 जून, 2024 को खत्म हो रही उनकी चुनाव प्रचार के लिए दी गई जमानत को 8 जून, 2024 तक बढ़ा दिया जाए। उन्होंने कहा है कि उन्हें इस एक सप्ताह में कुछ मेडिकल चेकअप करवाने हैं, जिसके लिए उन्हें यह बढ़ी हुई जमानत चाहिए। AAP ने बताया था कि डॉक्टरों ने केजरीवाल को गंभीर मेडिकल चेकअप करवाने की सलाह दी है, उन्हें पूरे शरीर का PET स्कैन करवाने को कहा गया है। इसी कारण से अरविन्द केजरीवाल को एक सप्ताह की अतिरिक्त जमानत चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई, 2024 को अरविन्द केजरीवाल को 1 जून तक लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत दी थी। उन्हें 2 जून को कोर्ट के सामने आत्मसमर्पण करना था। उन्हें मार्च, 2024 में दिल्ली शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार किया गया था । अब उन्होंने स्वास्थ्य आधार पर फिर से जमानत बढ़ाने की माँग की है।

इससे पहले भी वह जेल में स्वास्थ्य को लेकर कई दावे कर चुके हैं। आम आदमी पार्टी ने दावा किया था कि तिहाड़ जेल में ले जाए जाने के बाद CM केजरीवाल का वजन 4.5 किलोग्राम कम हो हुआ था। हालाँकि, इस दावे को तिहाड़ प्रशासन ने नकारते हुए बताया था कि वह जेल में 65 किलोग्राम के आए थे और उतने ही बने रहे थे।

केजरीवाल को गिरफ्तार करने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कोर्ट को बताया था कि वह अपना स्वास्थ्य बिगाड़ने के लिए आम और मिठाई खा रहे थे। ऐसा वह जेल के भीतर पाना स्वास्थ्य बिगाड़ने के लिए कर रहे थे ताकि उन्हें स्वास्थ्य आधार पर जमानत मिल सके।

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