दिल्ली : तिहाड़ में सरेंडर करने के आधे घंटे बाद केजरीवाल को कोर्ट ने 5 दिन न्यायिक हिरासत में भेजा

 


दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविन्द केजरीवाल ने रविवार (2 जून, 2024) को तिहाड़ जेल में सरेंडर कर दिया। चुनाव प्रचार के लिए मिली उनकी अंतरिम जमानत रविवार को खत्म हो रही थी। इससे पहले उन्हें किसी भी अदालत से राहत नहीं मिली थी। उनके सरेंडर के बाद खबर आई कि उन्हें राउज एवेन्यू कोर्ट ने 5 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। जेल जाते-जाते उन्होंने कहा- “मैं देश बचाने के लिए जेल जा रहा हूँ। मुझे नहीं पता कब वापस आऊँगा। वहाँ मेरे साथ क्या-क्या होगा, मुझे नहीं पता।”

संवैधानिक पद पर रहते और संविधान की शपथ लेने वाला अरविन्द केजरीवाल किस तरह इन दोनों को अपमानित कर अपनी शान समझ रहे हैं, जो इस बात साबित कर रहा है कि वह एक तानाशाह बन घोटाले कर ईमानदारी की चोला ओढे घूम जनता को भ्रमित कर रहा है। क्यों नहीं जेल जाने से पहले अपने पद से इस्तीफा दिया? यह भी कोई गहरा षड़यंत्र लगता है। जेल जाते समय दिए भाषण में घोटाले के आरोप में हुए गिरफ़्तारी को देश में तानाशाही के विरुद्ध बताया। यानि न खाता न बही, जो केजरीवाल कहे वही सही। अगर इतने ईमानदार हो तो फिर अपने electronic devices का पासवर्ड क्यों नहीं दे रहे? केजरीवाल और परिवार अच्छी तरह जानता है कि पासवर्ड देकर electonic devices के खुलने से अन्य घोटालेबाज़ों के नाम आने के अलावा शायद पूरा परिवार के भी नाम सामने की संभावनाएं व्यक्त की जा रही है।   

दिल्ली CM केजरीवाल रविवार को अपने घर से निकल कर पहले महात्मा गाँधी की समाधि पर गए, इसके बाद दिल्ली कनॉट प्लेस स्थित हनुमान जी के मंदिर पहुँचे। यहाँ से उन्होंने आम आदमी पार्टी के पार्टी ऑफिस का रुख किया जहाँ उन्होंने एक भाषण दिया और इसके बाद वह तिहाड़ के लिए निकल गए।

केजरीवाल को 10 मई, 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव प्रचार करने के लिए 1 जून, 2024 तक की अंतरिम जमानत दी थी। उन्हें 2 जून को सरेंडर करने को कहा गया था। इस जमानत के दौरान ही उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाकर वृद्धि की माँग की थी, इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया था।

केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट ने 7 दिन की वृद्धि जमानत अवधि में करने की माँग की थी। उन्होंने इसके पीछे स्वास्थ्य कारण बताए थे। उन्होंने कहा था कि शरीर के चेकअप के लिए उन्हें 7 दिन की जमानत चाहिए। हालाँकि, उनकी इन दलीलों को सुप्रीम कोर्ट ने नहीं माना था।

उन्होंने दिल्ली की एक निचली अदालत में भी इस मामले में 7 दिन की अंतरिम जमानत और शराब घोटाला मामले में नियमित जमानत की याचिका लगाई थी। इस मामले में भी उन्हें राहत नहीं मिली थी और कोर्ट ने 5 जून के लिए यह निर्णय सुरक्षित रख लिया था। उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को भी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर फैसला सुरक्षित है।

केजरीवाल को मार्च, 2024 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार कर लिया था। एजेंसी ने उन्हें इस मामले में सरगना बताया था। एजेंसी ने उन्हें किसी भी प्रकार की राहत देने का विरोध किया था और स्वास्थ्य आधार को भी नकारा था।

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