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दिल्ली : तिहाड़ में सरेंडर करने के आधे घंटे बाद केजरीवाल को कोर्ट ने 5 दिन न्यायिक हिरासत में भेजा

 


दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविन्द केजरीवाल ने रविवार (2 जून, 2024) को तिहाड़ जेल में सरेंडर कर दिया। चुनाव प्रचार के लिए मिली उनकी अंतरिम जमानत रविवार को खत्म हो रही थी। इससे पहले उन्हें किसी भी अदालत से राहत नहीं मिली थी। उनके सरेंडर के बाद खबर आई कि उन्हें राउज एवेन्यू कोर्ट ने 5 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। जेल जाते-जाते उन्होंने कहा- “मैं देश बचाने के लिए जेल जा रहा हूँ। मुझे नहीं पता कब वापस आऊँगा। वहाँ मेरे साथ क्या-क्या होगा, मुझे नहीं पता।”

संवैधानिक पद पर रहते और संविधान की शपथ लेने वाला अरविन्द केजरीवाल किस तरह इन दोनों को अपमानित कर अपनी शान समझ रहे हैं, जो इस बात साबित कर रहा है कि वह एक तानाशाह बन घोटाले कर ईमानदारी की चोला ओढे घूम जनता को भ्रमित कर रहा है। क्यों नहीं जेल जाने से पहले अपने पद से इस्तीफा दिया? यह भी कोई गहरा षड़यंत्र लगता है। जेल जाते समय दिए भाषण में घोटाले के आरोप में हुए गिरफ़्तारी को देश में तानाशाही के विरुद्ध बताया। यानि न खाता न बही, जो केजरीवाल कहे वही सही। अगर इतने ईमानदार हो तो फिर अपने electronic devices का पासवर्ड क्यों नहीं दे रहे? केजरीवाल और परिवार अच्छी तरह जानता है कि पासवर्ड देकर electonic devices के खुलने से अन्य घोटालेबाज़ों के नाम आने के अलावा शायद पूरा परिवार के भी नाम सामने की संभावनाएं व्यक्त की जा रही है।   

दिल्ली CM केजरीवाल रविवार को अपने घर से निकल कर पहले महात्मा गाँधी की समाधि पर गए, इसके बाद दिल्ली कनॉट प्लेस स्थित हनुमान जी के मंदिर पहुँचे। यहाँ से उन्होंने आम आदमी पार्टी के पार्टी ऑफिस का रुख किया जहाँ उन्होंने एक भाषण दिया और इसके बाद वह तिहाड़ के लिए निकल गए।

केजरीवाल को 10 मई, 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव प्रचार करने के लिए 1 जून, 2024 तक की अंतरिम जमानत दी थी। उन्हें 2 जून को सरेंडर करने को कहा गया था। इस जमानत के दौरान ही उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाकर वृद्धि की माँग की थी, इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया था।

केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट ने 7 दिन की वृद्धि जमानत अवधि में करने की माँग की थी। उन्होंने इसके पीछे स्वास्थ्य कारण बताए थे। उन्होंने कहा था कि शरीर के चेकअप के लिए उन्हें 7 दिन की जमानत चाहिए। हालाँकि, उनकी इन दलीलों को सुप्रीम कोर्ट ने नहीं माना था।

उन्होंने दिल्ली की एक निचली अदालत में भी इस मामले में 7 दिन की अंतरिम जमानत और शराब घोटाला मामले में नियमित जमानत की याचिका लगाई थी। इस मामले में भी उन्हें राहत नहीं मिली थी और कोर्ट ने 5 जून के लिए यह निर्णय सुरक्षित रख लिया था। उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को भी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर फैसला सुरक्षित है।

केजरीवाल को मार्च, 2024 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार कर लिया था। एजेंसी ने उन्हें इस मामले में सरगना बताया था। एजेंसी ने उन्हें किसी भी प्रकार की राहत देने का विरोध किया था और स्वास्थ्य आधार को भी नकारा था।

दिल्ली : शराब और पानी घोटाले के बाद अब शुगर घोटाला : क्या घोटालों की जानकारी न दिए जाने पर सख्ती से बचने के लिए ड्रामा किया जा रहा है? पत्नी सुनीता परहेजी खाना न भेज क्यों अपने सुहाग की ज़िंदगी से खिलवाड़ कर रही है?क्या सुनीता को पति की ज़िंदगी प्यारी नहीं?

क्या बीजेपी के कंधे बन्दूक रख सुनीता को निशाना बनाया जा रहा है? 

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शराब घोटाले मामले में तिहाड़ जेल में बंद हैं। जेल से बाहर आने के लिए तरह-तरह के तिकड़म अपनाए जा रहे हैं। अब पता चला है कि जमानत के लिए उन्होंने एक नया हथकंडा अपनाया है। वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अपने नियमित डॉक्टर से सलाह लेने की केजरीवाल की याचिका दायर पर सुनवाई के दौरान ईडी ने बताया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को टाइप-2 डाइबिटीज है, लेकिन वह तिहाड़ जेल में आलू-पूड़ी, आम और मीठा खा रहे हैं। ईडी ने कहा है कि वह ऐसा जानबूझकर रहे हैं, जिससे कि उनका शुगर लेवल बढ़े और उन्हें मेडिकल के आधार पर जमानत मिल जाए। ईडी ने यह भी कहा है कि वह विशेष रूप से मीठा भोजन खा रहे थे। जिसकी किसी भी मधुमेह रोगी को अनुमति नहीं है। 

मधुमेह या कोई षड़यंत्र? 

केजरीवाल के तिहाड़ जाने के बाद से पार्टी में मुख्यमंत्री बनने की होड़ मची हुई है। शायद इसीलिए केजरीवाल मुख्यमंत्री पद नहीं छोड़ रहे। इसके पीछे भी एक गहरी साज़िश होने की शंका है। क्योकि केजरीवाल परिवार में ही कुर्सी रखना चाहते हैं। शायद इसी लिए केजरीवाल ने तिहाड़ जाते समय आतिशी और सौरभ का नाम लेकर कुर्सी से दूर करना चाहा हो? यह भी चर्चा है कि पार्टी में कुर्सी की भगदड़ मचती देख केजरीवाल सुनीता के लिए मुख्यमंत्री का रास्ता साफ करने पर आतिशी और सौरभ के नामों पर मोहर लगाकर इन दोनों को भी तिहाड़ में आने के मजबूर न कर दे। 

ऐसे में तिहाड़ प्रशासन को सख्त कार्यवाही करते हुए घर से आने वाले भोजन की जाँच करनी चाहिए। तिहाड़ प्रशासन क्या सो रहा है? जब किसी भी मधुमेह रोगी को तली चीजें, तेज मसाले, आलू, चुकंदर, मीठी चाय/कॉफ़ी, आम, खरबूजा, तरबूज, और किसी प्रकार का मिष्ठान मना होता है, फिर क्यों पूरी, आलू की सब्जी, आम आदि घर से आने पर किसी भी अनहोनी के होने में तिहाड़ प्रशासन और केजरीवाल की पत्नी के बीच किसी षड़यंत्र को रचे जाने की शंका हो सकती है। संभव हो वह शंका निराधार हो, फिर भी ED, CBI, जेल प्रशासन और कोर्ट्स आदि को सचेत रहने की जरूरत है। किसी उन्होने के होने पर ये सब सवालों के घेरे में आएंगे।  

तब घर का खाना की इजाजत देने वाली कोर्ट भी इन्ही सवालों का जवाब मांगेगी। वास्तव में अगर केजरीवाल मधुमेह रोगी है, फिर पत्नी से पूछना चाहिए कि क्यों बदपरहेजी खाना भेजा जा रहा है? क्या इसके पीछे कोई गहरा षड़यंत्र है? दिल्ली मंत्री आतिशी मार्लेना से पूछना चाहिए कि तिहाड़ जेल और बीजेपी को आरोपित करने से पहले अपने आका की पत्नी से क्यों नहीं पूछती कि जिस मधुमेह रोगी को 50 यूनिट insulin जाती हो, क्यों आलू की सब्ज़ी, पूरी और आम आदि क्यों भेज रही हो? क्या षड़यंत्र रच रही हो? मंत्री आतिशी को अपने पद की गरिमा बनाए रखने के लिए उप-राज्यपाल और तिहाड़ प्रशासन को केजरीवाल को मिलने ऐसे भोजन को तुरंत रोक, मधुमेह रोगी को दिए जाने वाला भोजन दिया जाये।      

सवाल यह है कि जब आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को शुगर और बीपी है तो उन्हें घर से इस तरह का खाना क्यों भेजा जा रहा है? डाइट चार्ट से ये भी पता चलता है कि केजरीवाल नियमित रूप से आलू-पूड़ी, केला, आम और मीठा खा रहे हैं। ऐसे में केजरीवाल से जुड़ी ये खबर सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रही है। लोग इसी के बारे में चर्चा कर रहे हैं।

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‘परिवारवादी’ राजनीति भी करने लगी आम आदमी पार्टी, अरविंद केजरीवाल ने आतिशी और सौरभ का किया पत्ता साफ, तिहाड़ जेल से सुनीता केजरीवाल को आगे बढ़ाने में जुटे

आखिर तिहाड़ जेल जाने से पहले अरविन्द केजरीवाल ने आतिशी और सौरभ का नाम लेकर ED के निशाने पर ही नहीं लाये बल्कि शराब घोटाले में बराबर साझी होने के आरोप में शामिल कर अपनी पत्नी सुनीता के मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ कर दिया, जो यह साबित कर रहा है, कि उन्हें पार्टी में किसी पर लेशमात्र भी विश्वास नहीं। जिस मुख्य को पार्टी के वरिष्ठ सहयोगियों पर भरोसा नहीं, उसे तानाशाह और परिवार समर्पित पार्टी ही कहना उचित होगा। 
इंडी गठबंधन की सहयोगी आम आदमी पार्टी भी अब कांग्रेस और अपने अन्य मित्र दलों की तरह परिवारवादी राजनीति की राह पर चल निकली है। दरअसल, दिल्ली के सबसे बड़े शराब घोटाले के मामले में जेल गए सीएम अरविंद केजरीवाल ने बड़ी चालाकी से पत्नी सुनीता को आगे किया है। इसके लिए केजरीवाल ने सुनीता की राह के कांटे बनने वाले सौरभ भारद्वाज और आतिशी को अपने बयानों से उलझा दिया है। उन्होंने कहा है कि विजय नायर उनको नहीं, बल्कि आतिशी और भारद्वाज को रिपोर्ट करता था। यानि यदि केजरीवाल को सीएम पद छोड़ना पड़े तो आतिशी और सौरभ दावेदार के रूप में न उभर आएं, इसलिए कोर्ट में उनका नाम लेकर उन्हें विवादित बना दिया है। दूसरी ओर आप के विधायकों और सुनीता केजरीवाल की मुलाकातें रणनीति के तहत बढ़ गई हैं। पार्टी में नंबर दो बनने के लिए सुनीता केजरीवाल ने पहली बार विधायकों की बैठक ली, जिसमें 55 विधायक मौजूद थे।

सुनीता केजरीवाल ने बिना किसी पद के ही आप विधायकों की बैठक ले डाली
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आबकारी नीति घोटाले में ईडी की गिरफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी (आप) में नंबर-2 के पोजिशन को लेकर चल रही कयासबाजी अब और तेज हो गई है। दरअसल, केजरीवाल ने असुरक्षा की भावना के चलते पार्टी में सैकेंड लाइन ही तैयार नहीं की है। पहली कतार के नेता मनीष सिसोदिया, राज्यसभा सासंद संजय सिंह, सत्येंद्र जैन आदि जेल में हैं। ऐसे में केजरीवाल के भी जेल जाने के बाद पार्टी के अंदरूनी हलकों में ये चर्चा और तेज हो गई कि यदि विपरीत हालात बने तो नया सीएम कौन होगा? ऐसे ही कयासों के बीच सीएम अरविंद की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने किसी पद पर न होने के बावजूद विधायकों की बैठक ले डाली। इससे साफ हो गया कि आम आदमी पार्टी में भी परिवारवाद का ‘प्रभाव’ दिखाई देने लगा है। ये अलग बात है सालों पहले केजरीवाल, मनीष और संजय सिंह राजनीति में परिवारवाद के खिलाफ बोलते रहे हैं, लेकिन जब केजरीवाल फंसे तो उन्हें भी लालू की तरह परिवार और पत्नी की याद आ गई है।

केजरीवाल ने आतिशी और सौरभ का नाम रणनीति के तहत लिया
सीएम की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने आप विधायकों के साथ ऐसे समय बैठक की है, जब ईडी ने अरविंद केजरीवाल के हवाले से अदालत में दावा किया कि शराब घोटाले का मुख्य संदिग्ध विजय नायर आतिशी और सौरभ भारद्वाज को रिपोर्ट करता था। हालांकि, ईडी ने अदालत में करोड़ों के शराब घोटाले का किंगपिन सीएम केजरीवाल को ही बताया है। राजनीतिक हलकों में ऐसा माना जा रहा है कि केजरीवाल ने आतिशी और सौरभ का नाम रणनीति के तहत लिया है। क्योंकि आप नेताओं के जेल जाने के बाद ये वरिष्ठ नेता हैं और सीएम पद की दावेदारी कर सकते हैं। इस बीच सीएम आवास पर सुनीता केजरीवाल ने विधायकों की बैठक ली। इसमें आतिशी, सौरभ भारद्वाज, कैलाश गहलोत और गोपाल राय सहित करीब 55 विधायक मौजूद रहे। सूत्र बताते हैं कि विधायकों ने अरविंद केजरीवाल के जेल से सरकार चलाने, इस्तीफा देने की स्थिति में सीएम चेहरा बनाने आदि के मुद्दों पर मंथन किया।

लालू के नक्शेकदम पर चलते हुए पत्नी सुनीता का आगे बढ़ा रहे केजरीवाल
साल 1996 में लालू यादव का नाम चारा घोटाले में आया तो बिहार में सियासी भूचाल पैदा हो गया। तमाम तरह की संभावनाओं के बीच लालू यादव ने दबाव में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। अटकलें लग रही थीं कि लालू के राजनीति सफर का अंत हो गया, लेकिन तभी लालू यादव ने राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बना दिया। लालू यादव की तरह दिल्ली के मुख्यमंत्री बड़े शराब घोटाले में फंसे हैं। आम आदमी पार्टी के सामने दो बड़े सवाल हैं- केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद चुनाव में पार्टी का चेहरा कौन होगा? और भ्रष्टाचार के आरोपों से पार्टी कैसे बाहर निकलेगी और इसके नुकसान की भरपाई हो सकेगी? आज हालात ये हैं कि आप पार्टी में सेकेंड लाइन में आम लोगों से जुड़ा कोई बड़ा नेता नहीं है, जिसे सामने किया जा सके। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद पार्टी इस पर विचार कर रही है कि केजरीवाल की पत्नी को पार्टी का चेहरा बनाया जाए। केजरीवाल को अगर जमानत नहीं मिलती है, तो सुनीता केजरीवाल पार्टी के लिए प्रचार कर सकती हैं।

आतिशी जैसी एक्टिविस्ट के लिए भाजपा में कोई वैकेंसी नहीं- पुरी
इस बीच दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने दावा किया कि लोकसभा चुनाव से पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) उन्हें, सौरभ भारद्वाज, दुर्गेश पाठक और राघव चड्ढा को गिरफ्तार करेगी। आतिशी ने मीडिया में यह भी हवा-हवाई दावा किया कि भाजपा ने एक करीबी व्यक्ति से पार्टी में शामिल होने का संदेश भेजा है। इधर, आतिशी के आरोप पर भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि आतिशी इस बारे में सबूत दें या कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहें। केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि आतिशी जैसी एक्टिविस्ट के लिए भाजपा में कोई वैकेंसी नहीं है।

करोड़ों के शीशमहल से एशिया की सबसे बड़ी तिहाड़ जेल तक का सफर
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कभी सरकारी बंगले को शीशमहल बनाने में 45 करोड़ खर्च किए थे, लेकिन बीती रात उन्हें तिहाड़ जेल में गुजारनी पड़ी। कोर्ट ने 15 अप्रैल तक जेल में भेजा है। बता दें कि केजरीवाल ने सरकारी बंगले के सुंदरीकरण पर 44 करोड़ 78 लाख रुपये खर्च किए थे। इस भारी-भरकम खर्च पर भी सवाल खड़े हुए थे। अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शराब घोटाले में तिहाड़ जेल पहुंच गए हैं। जेल में पहली रात बेचैनी में बीती। वह 14 गुणा 8 फीट की कोठरी में देर रात तक घूमते रहे। कुछ ही देर सोए। एशिया की सबसे बड़ी जेल में बंद भारत के पहले मौजूदा मुख्यमंत्री को बैरक नंबर दो में रखा गया है। मुख्यमंत्री को दोपहर में चाय दी गई और रात के खाने में घर का बना खाना परोसा गया। जेल की दीवारों के तनाव ने केजरीवाल का शुगर लेबल घटा दिया है।

लालू, जयललिता, सोरेन ने दिया था सीएम पर दे इस्तीफा, लेकिन केजरीवाल…
लोक प्रतिनिधि अधिनियम 1951 में इस बात का कहीं उल्लेख नहीं है कि जेल जाने पर किसी जनप्रतिनिधि, मुख्यमंत्री या मंत्री को इस्तीफा देना पड़े। विधायक या सांसद जेल जाएं तो सरकारी कामकाज में बाधा नहीं पड़ती। मंत्रियों के जेल जाने पर भी उनके विभाग दूसरे मंत्रियों को दिए जा सकते हैं, लेकिन मद्रास हाईकोर्ट ने जेल जाने के बावजूद मंत्री पद से बर्खास्त नहीं करने पर राज्य सरकार की आलोचना की थी। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ED की गिरफ्तारी से पहले अपना त्यागपत्र दे दिया था। चारा घोटाले में गिरफ्तारी से पहले लालू प्रसाद यादव ने भी इस्तीफा देकर अपनी पत्नी राबड़ी को CM बना दिया था। इसी तरह जयललिता ने भी गिरफ्तारी से पहले इस्तीफा दे दिया था। लेकिन केजरीवाल से सीएम पद का मोह छूट ही नहीं रहा है। वे इस जिद पर अड़े हैं कि वे जेल से सरकार चलाएंगे। लेकिन जेल जाने के बावजूद त्यागपत्र नहीं देने से राज्य सरकार के समक्ष संवैधानिक संकट हो सकता है।

मैं भरोसा देता हूं कि दिल्ली की सरकार जेल से नहीं चलेगी- उप राज्यपाल
जेल से सरकार चलाने के AAP के दावे पर उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने बुधवार को यह बड़ी बात कही। उनसे जब यह पूछा कि क्या दिल्ली की सरकार जेल से चलेगी? इस सवाल पर एलजी ने कहा कि ‘ मैं लोगों को भरोसा देता हूं कि दिल्ली की सरकार जेल से नहीं चलेगी।’ कार्यक्रम के पहले दिन एलजी ने देश में हर क्षेत्र में हो रही तरक्की का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारत तेजी से विकास कर रहा है। विकास की यह यात्रा आगे बढ़ती रहेगी। भारत को अब रोका नहीं जा सकता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए उप राज्यपाल ने कहा कि पीएम देश को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने पर काम कर रहे हैं। एलजी ने जन धन योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि देश में इसके तहत 50 करोड़ बैंक खाते खुले और 50 करोड़ से ज्यादा लोगों के पास अपने मोबाइल फोन हैं।

जेल से सरकार चलाना आसान नहीं, राजनीति में ऐसा कोई उदाहरण भी नहीं
दरअसल, पार्टी को वन मैन शो की तरह चला रहे अरविंद केजरीवाल ने कोई सैकंड लाइनअप ही तैयार नहीं किया। मनीष सिसोदिया, संजय सिंह और सत्येंद्र जैसे कुछेक जो बड़े नेता थे, वे भी अब जेल की सलाखों के पीछे हैं। शराब घोटाले में गिरफ्तारी के बाद भी अरविंद केजरीवाल CM के पद पर हैं। पार्टी कह रही है कि वे जेल जाते हैं, तो वहीं से सरकार चलाएंगे। हालांकि पूर्व में इस तरह का कोई उदाहरण भी नहीं है, क्योंकि ये इतना आसान नहीं है। फाइलों पर साइन करने से लेकर कैबिनेट मीटिंग तक के लिए उन्हें बार-बार कोर्ट से परमिशन लेनी होगी। इसके अलावा लोकसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में न सिर्फ दिल्ली की सरकार चलाने की चुनौती है, बल्कि पार्टी को चुनाव की तैयारी भी करनी है। इसका पहला असर 22 मार्च को ही दिख गया। दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी की वजह से स्थगित करना पड़ा।

जेल से सरकार चलाना गलत, फिर तो हर कोई जेल से ऑफिस चलाने लगेगा
पॉलिटिकल एक्सपर्ट मानते हैं कि ‘केजरीवाल जेल से सरकार चलाने की बात कह रहे हैं, लेकिन इससे गलत मैसेज जाएगा। फिर किसी यूनिवर्सिटी का वाइस चांसलर किसी केस में जेल चला गया, तो वो भी वहीं से ऑफिस चलाने की बात कहेगा। अपराधी भी कोर्ट से डिमांड करेंगे कि हमें भी जेल से काम करने की परमिशन दी जाए।’ दरअसल सीएम अरविंद केजरीवाल ने अबतक अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया है। वह ईडी की कस्टडी से ही दिल्ली की सरकार चला रहे हैं। वह अब तक अपने मंत्रियों को दो निर्देश भी जारी कर चुके हैं। ऐसे में हर किसी के मन में एक सवाल उठ रहा है। क्या दिल्ली की सरकार ऐसे ही जेल से चलती रहेगी? दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने इसका साफ-साफ जवाब दे दिया कि ऐसा नहीं होगा।

केजरीवाल के जेल जाने के बाद मजबूरी में एक्टिव हुई पत्नी सुनीता
सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद सुनीता केजरीवाल एक्टिव दिख रही हैं। दरअसल, यह उसकी मजबूरी भी है, क्योंकि आप के पास अब कोई बड़ा चेहरा है भी नहीं। इसलिए सुनीता केजरीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट की थी। X पर सुनीता केजरीवाल की ये पोस्ट करीब एक साल बाद आई है। बीते एक साल में उन्होंने सिर्फ पार्टी और दूसरे नेताओं की पोस्ट को ही री-पोस्ट किया है। अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद उनकी पोस्ट को लेकर सोशल मीडिया पर भी चर्चा होने लगी कि सुनीता केजरीवाल पार्टी का चेहरा बन सकती हैं। केजरीवाल के जेल जाने के बाद उनकी पत्नी सुनीता दो बार कैमरे के सामने मैसेज दे चुकी हैं। वीडियो में वे उसी जगह बैठी दिख रही हैं, जहां से अरविंद केजरीवाल लोगों को मैसेज देते हैं। दिल्ली के राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि यह कदम सुनीता को पार्टी का चेहरा बनाने के लिए तो नहीं है?


दिल्ली : केजरीवाल सरकार के अधीन तिहाड़ जेल में मसाज करवाते जेल मंत्री सत्येंद्र जैन

                                                         सत्येंद्र जैन तिहाड़ जेल में मसाज लेते हुए
दिल्ली सरकार में मंत्री और आम आदमी पार्टी नेता सत्येंद्र जैन जेल में बंद हैं। जेल से ही उनका हैरान करने वाला वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में सत्येंद्र जैन जेल के अंदर मसाज करवाते नजर आ रहे हैं। जेल के सेल में लगे CCTV कैमरे में सत्येंद्र जैन की मसाज की तस्वीरें/वीडियो कैद हैं।

वीडियो में साफ दिख रहा है कि वह बड़े आराम से एक बिस्तर पर लेटे हुए हैं। सत्येंद्र जैन के हाथ में कुछ कागज हैं, जिसको वह पढ़ रहे हैं। उनके हाथों और पैरों में मसाज की जा रही है और इस दौरान सत्येंद्र जैन लोगों से बातचीत भी कर रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि ये अलग-अलग दिनों की तस्वीरें हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि वीडियो में वे अलग-अलग कपड़ों में दिखाई दे रहे हैं।

सत्येंद्र जैन को जेल में वीवीआईपी ट्रीटमेंट: ED

जो वीडियो सामने आया है, वह 13 सितंबर 2022 का बताया जा रहा है। सीसीटीवी वीडियो तिहाड़ जेल के सेल-4 ब्लॉक A का है। इससे पहले ईडी ने भी दावा किया था कि जेल में सत्येंद्र जैन को वीवीआईपी ट्रीटमेंट मिल रहा है।
ED ने अपने हलफनामे में आम आदमी पार्टी नेता सत्येंद्र जैन को मसाज की सुविधा मिलने का आरोप लगाया था। ईडी ने कहा था कि सत्येंद्र जैन को समय-समय पर हेड मसाज, फुट मसाज और बैक मसाज मिलता है। यही नहीं, ED के अनुसार सत्येंद्र जैन को अन्य तरह की सुविधाएँ भी दी जा रही हैं।
ईडी ने बताया था कि चूँकि सत्येंद्र जैन जेल मंत्री हैं, इस वजह से वह अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं। अब जो तस्वीरें/वीडियो सामने आई हैं, उससे यह साबित भी हो रहा है। ED ने तिहाड़ जेल से सत्येंद्र जैन को मसाज दिए जाने वाली फुटेज ली थी, जो अब सार्वजनिक हो चुका है। खबर यह भी है कि जैन ने कोर्ट से मसाज कराते फुटेज को रोकने की अपील की थी।

सजा की जगह वीवीआईपी मजा

वीडियो सामने आने के बाद से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। भाजपा एक बार फिर आम आदमी पार्टी पर हमलावर हो गई है। वीडियो के वायरल होने के बाद भाजपा ने आरोप लगाया है कि सत्येंद्र जैन को जेल में ही वीआईपी ट्रीटमेंट मिल रहा है। बीजेपी के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने ट्वीट किया। उन्होंने लिखा: “तो सजा की जगह सत्येंद्र जैन को मिल रहा था पूरा वीवीआईपी मजा? तिहाड़ जेल में मसाज? पाँच महीने से जमानत नहीं पाने वाले हवालाबाज के सिर की मालिश! आप सरकार द्वारा संचालित जेल में नियमों का उल्लंघन। इस तरह वसूली और मसाज के लिए आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया गया, केजरीवाल को धन्यवाद।”
बीजेपी के इस आरोप पर दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इसे राजनीति करार दिया। मनीष सिसोदिया के अनुसार सत्येंद्र जैन को डॉक्टरों ने मसाज करने की सलाह दी है क्योंकि उनका 2 ऑपरेशन किया गया था।
दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के जवाबों से हालाँकि सोशल मीडिया यूजर्स संतुष्ट नहीं हैं। लोग फोटो में गोला बना कर रिमोट कंट्रोल और मिनरल वॉटर की बोतलों पर सवाल खड़े कर रहे।
दिल्ली में जेल के भीतर अगर किसी मंत्री को मसाज का मजा मिल रहा है तो जनता भी मसाज की डिमांड करने लगी है। राम मनोहर लोहिया अस्पताल के सामने ही ‘केजरीवाल मसाज सेंटर’ का बोर्ड लगा दिया गया है। जनता पूरी दिल्ली में ऐसे मसाज सेंटर की माँग कर रही है।
दिल्ली सरकार में मंत्री सत्येंद्र जैन को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में 30 मई 2022 को गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले ईडी ने जैन के परिवार और कंपनियों की 4.81 करोड़ रुपए की अचल संपत्तियाँ कुर्क की थीं। जैन पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली में कई शेल कंपनियाँ बनाईं और कोलकाता के तीन हवाला ऑपरेटरों की 54 शेल कंपनियों के माध्यम से 16.39 करोड़ रुपए के काले धन को सफेद किया।