भाजपा सनातन को अपमानित करने वालों पर क्यों नहीं कानूनी कार्यवाही करती? क्यों नहीं BPLमें फ्री का राशन लेने वालों का आर्थिक सर्वे किया जाता? 'सर तन से जुदा' गैंग पर कब प्रहार होगा?

रमाकांत साहू 

भाजपा को यह बात समझनी होगी कि अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए चाहे जितना भी योजनाएं बना ले परंतु यह कभी भाजपा को वोट देते हैं और देने वाले नहीं है। जबकि कांग्रेस और विपक्षी दल की सरकार अपना वोट बैंक पक्का करने के लिए केवल अल्पसंख्यक वर्ग लाभ पहुंचने के लिए खुलेआम योजना बनाती हैं और इनका संरक्षण करते है। परिणाम स्वरूप अल्पसंख्यकों को खुश करने के चक्कर में भाजपा अपने बहुसंख्यक  वोट बैंक की उपेक्षा कर देती है। अगर भाजपा का यही व्यवहार रहा तो आने वाले चुनाव में वह अपना बहुसंख्यक समाज का वोट बैंक भी खो देगी। 

BPL में फ्री का राशन लेने वालों के घरों पर BPL स्टीकर लगाने के साथ-साथ उनके परिवार की आर्थिक स्थिति का सर्वे किया जाता? सरकार द्वारा निश्चित सीमा से अधिक आय मिलने वालों पर क्यों नहीं कार्यवाही की जाती? ब्याज सहित उनसे वसूली की जाए। 

हैरानी की बात है कि भाजपा का अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ और 
आरएसएस का मुस्लिम मंच भी जब  भाजपा को वोट नहीं देता, क्यों इस पर पैसा बर्बाद किया जा रहा है? हिन्दुओं से अधिक पार्टी का लाभ अल्पसंख्यक उठा रहा है। शीर्ष नेतृत्व को आंखें खोलनी होंगी। धरातल पर काम करना होगा। जो लगभग शून्य है। जनसंघ के समय से सक्रिय कार्यकर्ताओं को दरकिनार किया जा चुका है। जबकि कांग्रेस अपने पुराने से पुराने कार्यकर्ता का पूरा ध्यान रखती है। 
दिल्ली भाजपा अधिकतर मंडल केवल मोदी-योगी पर ही निर्भर हैं। भाजपा ग्रुप में फोटो डाल शीर्ष नेतृत्व को गुमराह किया जा रहा है। लेकिन किस से शिकायत की जाए, चोर चोर मसोरे भाई। 

अब तक कन्हैया का गला रेतने वालों को क्यों जेल में रख पाला जा रहा है? क्यों नहीं सनातन विरोधियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाती? क्यों नहीं 'सर तन से जुदा' गैंग और उनके समर्थकों पर कार्यवाही की जाती? नूपुर शर्मा क्या गलत कहा था, जो उसको गुमनामी ज़िंदगी जीनी पड़ रही है? जिसके गलत वीडियो की वजह से उपद्रव हुआ वो आज़ाद घूम रहा है। क्यों नहीं उसी वक़्त प्रेस कांफ्रेंस कर एडिटेड और असली वीडियो को दिखाया गया?   

पश्चिम बंगाल का उदाहरण देखिए। वहां अल्पसंख्यक समाज का वोट एक मुश्त टीएमसी को पडता है बदले में टीएमसी सरकार, ममता बनर्जी रोहिंग्या मुसलमानों, बांग्लादेश अवैध घुसपैठियों आदि का खुलेआम संरक्षण करती है और लाभ पहुंचाती है जिसके परिणाम स्वरूप कांग्रेस और वामपंथी दल जो बंगाल में मजबूत पार्टियां समझी जाती थी उनको एक भी सीट नहीं मिली। भारतीय जनता पार्टी समस्त बहुसंख्यक समाज को विश्वास में लेने में कामयाब नहीं हुई जिससे कई जिलों में मतों का विभाजन हुआ और टीएमसी चुनाव जीत गई। चुनाव के दौरान और चुनाव के बाद टीएमसी के समर्थकों ने भाजपा समर्थकों पर खुलेआम हमले किये, दरिंदगी की, काफी लोगों को मौत के घाट उतार दिया फिर भी आरोपियों के खिलाफ टीएमसी सरकार ने कोई कार्यवाही नहीं की। 

भाजपा की स्थानीय बंगाल इकाई ने तो सरकार के खिलाफ फिर भी कुछ धरना प्रदर्शन किया परंतु भाजपा की केंद्र सरकार अपने समर्थकों को सुरक्षा देने  में पूर्णतया नाकाम रही जिससे कि बहुसंख्यक समाज और डर गया और ना चाहते हुए भी भाजपा के समर्थन से दूरी बना सकता है। बहुसंख्यक समाज मैं विश्वास पैदा करने के लिए भाजपा को उनकी पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक नीतियां बनानी चाहिए जिससे कि अधिक बहुसंख्यक समाज के अधिक से अधिक वोट भाजपा के खाते में जाएं और उनका विभाजन ना हो। इस दिशा में भाजपा को अति शीघ्र निम्न कानून बनाने चाहिए।

एक देश एक कानून लागू  हो और चार शादी और 40 बच्चों पर तुरंत प्रतिबंध लगे।

अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों और रोहिंग्या को देश से बाहर करें।

राष्ट्रविरोधी गतिविधियो में शामिल लोगों पर कठोर कार्रवाई हो।

झूठा दुष्प्रचार करके देश की छवि बिगाड़ने वालों पर कड़ी कार्रवाई हो ।

सरकारी प्रशासनिक दफ्तरों में काम करने वालों के लिए सेना में 3 साल की सर्विस अनिवार्य हो।

मस्जिदों और मदरसों का लगातार ऑडिट हो।

जुडिशरी में प्रत्येक मुकदमे की सुनवाई करके फैसला देने के लिए एक समय सीमा तय हो।

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