केंद्र सरकार ने Old Pension Scheme और New Pension Scheme के कलेश के बीच एक नई पेंशन की घोषणा की है, Unified Pension Scheme(UPS) जिसके अनुसार 25 वर्ष की नौकरी के बाद आखिरी 12 महीने की Basic Pay के average का आधा पेंशन के रूप में मिलेगा, 10 साल की नौकरी के बाद भी 10000 रुपए मासिक पेंशन मिल सकेगी।
इस UPS की घोषणा करते हुए लोगों को यह भी विकल्प दिया गया है कि वे चाहें तो UPS को अपनाएं या फिर NPS में बने रहें। इस नई पेंशन scheme से कहा गया है 23 लाख कर्मचारियों को लाभ होगा। मुझे लगता है 1 जनवरी, 2004 को NPS लागू होने के बाद अभी तक 23 लाख लोग ही सरकारी नौकरी में भर्ती हुए हैं जिसकी वजह से यह बात कही गई। और वे लोग अभी तक रिटायर नहीं हुए हैं लेकिन 2029 में 25 साल की नौकरी के बाद VRS लेकर UPS का लाभ ले सकेंगे।
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लेखक चर्चित YouTuber |
मई, 2023 तक तो चुनाव भी घोषित नहीं हुए, फिर तो गहलोत साहब को उसी समय से OPS लागू कर देनी चाहिए और ऐसा करने में कोई रोक नहीं थी लेकिन ये किसी को कुछ देना ही नहीं चाहते बस राजनीति करना चाहता हैं।
कांग्रेस के सांसद प्रमोद तिवारी ने भी बड़ी धमकी भरे लहजे में कहा है, “ये तो नाम बदला है भाजपा ने जिसके लिए वो महारथ रखते हैं, हमें तो बस Old Pension Scheme चाहिए, इससे कम कुछ नहीं, आप नहीं करोगे तो जब हमारी सरकार आएगी तो यह OPS पूरे देश में लागू करेगी”। ये भी आर्डर ऐसे दे रहे हैं जैसे मोदी इनका बाप का नौकर हो।
सरकार के आने की बात क्यों करती है कांग्रेस कि तब लागू करेंगे, अभी जहां सरकार है हिमाचल प्रदेश में और जहां OPS का वादा जनता से करके सत्ता में आए थे, वहां तो OPS लागू करने की हिम्मत करो। इसके अलावा कर्नाटक और तेलंगाना में लागू कर दो वहां भी तो तुम्हारी सरकार हैं क्योंकि जब ये OPS राज्य सरकार ने देनी होती है, तब ही तो कांग्रेस ने HP में वादा किया था, तो जहां जहां सरकार है कांग्रेस की वहां लागू कर दो, किसने रोका है लेकिन खाली पीली ड्रामेबाज़ी करना बंद करो।
कांग्रेस को NPS से इतना एतराज है और OPS से इतना लगाव है तो एक बात का जवाब कांग्रेस को देना चाहिए। NPS लागू हुई 1 जनवरी, 2004 से वाजपेयी सरकार के 22 दिसंबर, 2003 के आदेश से। मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बने 22 मई, 2004 को, NPS लागू होने के केवल 5 महीने बाद, वे तो बहुत बड़े अर्थशास्त्री थे, उनको आते ही यह NPS बंद कर देनी चाहिए लेकिन उन्होंने इस प्रधानमंत्री बनने के बाद NPS को बंद नहीं किया और न कभी कांग्रेस ने मांग की उनके पूरे 10 साल के कार्यकाल में और इसलिए कोई कार्रवाई नहीं की गई।
इसका मतलब साफ़ है कि कांग्रेस को OPS का विदा होना सही लगा था और कांग्रेस ने NPS को OPS का सही विकल्प माना था। जब 10 साल सत्ता में थे तब कांग्रेस कर सकती थी, तो कुछ किया नहीं तो अब क्या “घुईयां” छीलेंगे।
लेकिन आज नौटंकी कर रहे हैं, छातियां पीट रहे हैं जैसे pensioners को मोदी ने ही लूट लिया हो। किसी को कुछ फायदा दिखा कर बेवकूफ बना सकते हो जबकि तुम्हें भी पता है कि OPS फिर से लागू करना Practically Possible नहीं है जैसे सब फसलों पर MSP देना संभव नहीं है लेकिन कांग्रेस के ढक्कन दोनों बातों को लेकर जनता को गुमराह कर रहे हैं। कांग्रेस के भौंपू पहले “गरीब” महिलाओं के खातों में “खटाखट खटाखट” 8500/- हर महीने तो डालना शुरू करें।
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