विपक्ष के हाथ कठपुतली बनी 56 इंच वाले मोदी की भाजपा ; नूपुर शर्मा की तरह कंगना रनौत का भाजपा में ही विरोध क्यों ? जनता के सामने सच्चाई लाने से क्यों डर रही भाजपा? वीडियो

                                    'किसान आंदोलन' पर कंगना रनौत के बयान से भाजपा ने झाड़ा पल्ला
नूपुर शर्मा के बाद कंगना रनौत से क्यों किनारा कर रही भाजपा? 
कंगना ने क्या गलत बोला है? क्यों कंगना द्वारा सच्चाई सामने लाने से 56 इंच वाले नरेंद्र मोदी की पार्टी और सरकार किनारा कर रही है? अगर नूपुर शर्मा के मामले में मोदी सरकार ने मुस्लिम कट्टरपंथियों और विपक्ष को प्रेस कांफ्रेंस कर छेड़छाड़ वाली और असली वीडियो बशर्ते डंडा हाथ में लेकर यह आदेश देकर कि प्रेस कांफ्रेंस को लाइव नहीं दिखाने चैनल को 6 महीने के बैन कर दिया जाएगा कहकर दिखाई होती, किसी कन्हैया की जान नहीं जाती। हैदराबाद में टी राजा सिंह के मामले में भी बीजेपी ने मुस्लिम कट्टरपंथियों के आगे घुटने टेक दिए थे। राजा सिंह को पार्टी से निकाल दिया, क्यों? जिसका जब किया सनातन का अपमान करता रहता है, मोदी सरकार चुप रहती है,क्यों? कितनों के विरुद्ध मोदी सरकार ने सनातन का अपमान करने पर कार्यवाही की? आखिर कब भारत विरोधियों और सनातन विरोधियों के मंसूबों पर कुठाराघात किया जाएगा? जब देश ही सुरक्षित नहीं रहेगा, कौन करवाएगा चुनाव?          

भाजपा ने अपने सांसद कंगना रनौत के बयान से पल्ला झाड़ लिया है। हिमाचल प्रदेश के मंडी से सांसद कंगना रनौत ने ‘किसान आंदोलन’ के संबंध में कहा था कि उस दौरान बलात्कार और हत्या की घटनाएँ हुई थीं। अब भाजपा ने आधिकारिक बयान जारी कर के खुद को इससे अलग कर लिया है। भाजपा ने कहा है कि सांसद कंगना रनौत द्वारा ‘किसान परिप्रेक्ष्य’ में दिया गया बयान पार्टी का मत नहीं है। साथ ही पार्टी ने कंगना रनौत के बयान से असहमति भी व्यक्त की है।

भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि पार्टी की ओर से नीतिगत विषयों पर बोलने के लिए न तो कंगना रनौत को अनुमति है और न ही वो बयान देने के लिए अधिकृत हैं। साथ ही BJP ने कंगना रनौत को ये भी निर्देश दिया है कि भविष्य में वो इस प्रकार का बयान न दें। पार्टी ने दोहराया कि भाजपा ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ तथा सामाजिक समरसता के सिद्धांतों पर चलने के लिए कृतसंकल्पत है। कॉन्ग्रेस लगातार कंगना रनौत के बयान का विरोध कर रही थी।

कंगना रनौत ने इस दौरान ये भी कहा था कि फ़िल्मी लोगों को पता होना चाहिए कि देश नहीं रहेगा तो वो भी नहीं बचेंगे। अब कॉन्ग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा है कि भाजपा को कंगना रनौत को पार्टी से निकालना चाहिए। बता दें कि इन्हीं सुप्रिया श्रीनेत ने कंगना रनौत के लिए लोकसभा चुनाव के समय अश्लील शब्द का प्रयोग किया था। इसके बाद उन्हें इंस्टाग्राम पोस्ट डिलीट करना पड़ा था। अब वही कॉन्ग्रेस पार्टी कंगना रनौत के नाम पर भाजपा को घेर रही है।

बॉलीवुड अभिनेत्री और हिमाचल प्रदेश के मंडी लोकसभा सीट से भाजपा सांसद कंगना रनौत ने कहा कि अगर देश का शीर्ष नेतृत्व को बेहद मजबूत बताया है। उन्होंने कहा कि अगर नेतृत्व मजबूत नहीं होता तो किसान आंदोलन के दौरान पंजाब को भी बांग्लादेश बना दिया जाता। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के नाम पर उपद्रवी हिंसा फैला रहे थे। प्रदर्शन स्थल पर रेप और हत्याएँ हो रही थीं।

 कंगना ने एक मीडिया हाउस दो दिए इंटरव्यू में कहा, “आज हमारा शीर्ष नेतृत्व कमजोर होता तो भारत में बांग्लादेश जैसी स्थिति हो सकती थी। यहाँ किसान आंदोलन के दौरान क्या हुआ, उसे सबने देखा। प्रोटेस्ट के नाम पर वायलेंस फैलाया गया। वहाँ रेप हो रहे थे। मारकर लाशों को लटकाया जा रहा था।” उन्होंने कहा कि उपद्रवियों ने बहुत लंबी योजना बना रखी थी।

अभिनेत्री ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के सरकार के फैसले को सही ठहराया और कहा, “जब उस बिल को वापस लिया गया तो ये उपद्रवी चौंक गए, क्योंकि उनकी प्लानिंग तो बहुत लंबी थी। उन पर समय रहते कंट्रोल पा लिया गया, वरना वे कुछ भी कर सकते थे।” उन्होंने पंजाब का उदाहरण दिया, जहाँ ड्रग्स रैकेट और धर्मांतरण रैकेट सक्रिय हैं।

दैनिक भास्कर को दिए इंटरव्यू में भाजपा सांसद कंगना रनौत ने कहा, “पंजाब में क्या हो रहा है, यह सारी दुनिया देख रही है। ‘उड़ता पंजाब’ फिल्म में वहाँ की रियलिटी भी दिखाई गई है। इस समय पंजाब में ड्रग्स माफिया, धर्म परिवर्तन गैंग और अलगाववादी खालिस्तान समर्थक खूब फल-फूल रहे हैं। वहाँ पर कुछ लोग हर वक्त कानून अपने हाथ में ले रहे हैं।”

महिला सुरक्षा के सवाल पर उन्होंने कहा, “मैंने हमेशा महिलाओं के सपोर्ट में आवाज बुलंद की है। आज से 10 साल पहले आमिर खान जी के शो सत्यमेव जयते में मैंने फिल्मों में आइटम नंबर्स का खुला विरोध किया था। आइटम सॉन्ग में महिला को ऑब्जेक्टिफाई किया जाता है। एक महिला का शरीर सिर्फ मनोरंजन के लिए है? इससे समाज में गलत मैसेज जाता है।”

उन्होंने कहा कि संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘रामलीला’ में आइटम सॉन्ग करने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। इसी तरह, फराह खान ने भी अपनी फिल्म के लिए उन्हें कॉल किया था, लेकिन कंगना ने उन्हें भी मना कर दिया। उन्होंने कहा, “मेरा वजूद मुझे यह सब करने की इजाजत नहीं देता, क्योंकि इसे मैं महिला के अपमान के तौर पर देखती हूँ।”

फिल्म इंडस्ट्री के लोगों का उनसे खफा रहने के सवाल पर कंगना ने कहा, “लोगों को लगता है कि कंगना कुछ ज्यादा ही सच बोल देती है। मैंने इंडस्ट्री में फैले सेक्सिज्म, नेपोटिज्म और आइटम नंबर्स के खिलाफ हमेशा से ही बोला है। मीटू मूवमेंट के वक्त भी मैंने काफी लोगों के पोल खोले थे। सुशांत सिंह राजपूत के सुसाइड के वक्त भी मैंने काफी खुलासे किए, जिसकी वजह से काफी लोगों को मिर्ची लगी थी।”

किसान आंदोलन और पंजाब को लेकर कंगना रनौत द्वारा दिए गए बयान पर पंजाब के कॉन्ग्रेस नेता राजकुमार वेरका ने निशाना साधा है। वेरका ने कहा, “कंगना लगातार किसानों पर ऐसे बयान दे रही हैं। उनके खिलाफ FIR दर्ज की जाए और उन पर NSA लगाया जाए।” राजकुमार वेरका 2 बार कांग्रेस विधायक रह चुके हैं। 2017 से 2022 तक पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे हैं। 


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