अमेरिका और कनाडा दोनों आतंकियों के साथ खड़े हैं, पन्नू की Air India में यात्रा न करने की धमकी को क्या अमेरिका की धमकी माना जा सकता है? आतंकवादी का समर्थन कर अमेरिका क्यों मानव अधिकार की बात करता है?

सुभाष चन्द्र

विश्व में अमेरिका ऐसा अनोखा देश है जो जो अपने निजी स्वार्थ के लिए किसी भी देश को मुसीबत में डाल सकता है। पाकिस्तान का जिसकी  जीता-जागता मिसाल है। पाकिस्तान के पिछड़ेपन असली कारण है आर्थिक लाभ के लिए अमेरिका पर निर्भर रहना और अब हर तरह सम्पन्न कनाडा को आतंकवाद समर्थन कर बर्बादी की रास्ते पर ले गया है। आखिर UN आतंकवादी अंतरराष्ट्रीय समस्या पर आतंकवादी गतिविधियों को समर्थन देने पर लताड़ता क्यों नहीं? या फिर अपने हथियारों के बाजार को चालू रखने के लिए आतंकवाद का गुप्त समर्थन देकर मानव अधिकार का ड्रामा कर विश्व को पागल बनाता रहेगा?    

अमेरिका और कनाडा दोनों आज आतंकियों के साथ खड़े हो गए कनाडा निज्जर की हत्या को लेकर भारत से ऐसे संबंध बिगाड़ चुका जहां से वापसी ट्रुडो के समय में तो संभव नहीं है लेकिन ये  समझा जा सकता है कि वो तो चुनाव में कथित खालिस्तानियों के समर्थन का खेल खेल रहा है

लेकिन अमेरिका का गुरपतवंत सिंह पन्नू के लिए पागल हो जाना समझ से परे है पन्नू का कोई वोट बैंक भी नहीं है 9/11 का आतंकी हमला झेलने वाला अमेरिका अपने ही घर में आतंकी को पनाह देकर बैठा है और भारत जैसे मित्र राष्ट्र के साथ संबंध ख़राब करने को उतारू है

पन्नू को अमेरिका अपना नागरिक बताता है और एडवोकेट कह कर सम्मान देता है जिसकी कथित हत्या की कोशिश में भारत को भी बिना सबूत कटघरे में खड़ा कर दिया 

इसी तरह ट्रुडो ने निज्जर की हत्या के लिए बिना सबूत भारत पर दोष लगा दिया अमेरिका ने भारत के एक विकास यादव की तलाश शुरू की पन्नू की हत्या के षड़यंत्र मामले में मैं तो कहता हूँ अखिलेश यादव को अमेरिकी दूतावास के सामने अनशन पर बैठ का विरोध करना चाहिए कि अमेरिका ने एक “यादव” पर आरोप कैसे लगा दिया, अमेरिका कैसे जातिगत राजनीति खेल सकता है

अमेरिका पन्नू को अपना नागरिक कहता है और उसे वकील बताता है जो भारत के लिए आतंकी है तो इसका मतलब यह हुआ कि हमें पन्नू को अमेरिकी आतंकवादी नहीं कहना चाहिए

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अब देखिए, अमेरिका पन्नू के खिलाफ Conspiracy को अमेरिका के खिलाफ Conspiracy कहता है, तो फिर इस मापदंड से पन्नू की Air India के Plane उड़ाने की धमकी को भी अमेरिका की “आतंकी” धमकी समझा जाना चाहिएपन्नू ने धमकी दी है कि कोई भारतीय 1 से 19 नवंबर 2024 के बीच यदि यात्रा करेगा तो अपनी जिम्मेदारी पर करेगा क्योंकि इस दौरान किसी भी प्लेन पर हमला किया जा सकता है

पिछले साल भी पन्नू ने धमकी दी थी कि 19 नवंबर को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बंद होगा और लोगों को Air India से यात्रा करने को मना किया था इसके लिए भी NIA से केस दर्ज किया था

अमेरिका और कनाडा के ये कैसे कानून और संविधान हैं जो अपने देश में आतंकियों को पनाह देने की इज़ाज़त देते हैं और मित्र देशों के खिलाफ बगावत करने की छूट देते हैं? फिर तो किसी देश को भी उन पर सीधी कार्रवाई करने का अधिकार होना चाहिए

अमेरिका की एक और बेवकूफी कहिये या मक्कारी, उसके हथियार भारत में मारे जाने वाले आतंकियों के पास से बरामद हो रहे हैं राजौरी और कठुआ में मरने वाले आतंकियों के पास से  American M4 carbine and a pistol बरामद हुई ऐसी राइफल्स शायद अफगानिस्तान में हथियारों के जखीरे के साथ अमेरिकी सेना छोड़ कर आई थी जो पाकिस्तान के जरिए आतंकियों तक पहुंची है क्योंकि हो सकता है जब तक पाकिस्तान के संबंध मधुर थे अफगानिस्तान से, तब उसने पाकिस्तान को ये राइफल्स दी हों 

वैसे भी ये राइफल्स अमेरिका ने पाकिस्तान को भी सप्लाई की थी और पाकिस्तान अपनी आदत के मुताबिक आतंकियों को सप्लाई कर रहा है लेकिन इसके लिए पाकिस्तान के साथ साथ, भारत के प्रति अमेरिका की जवाबदेही बनती है 

अभी ट्रुडो तो सिमट जाएगा बहुत जल्दी क्योंकि उसकी पार्टी में विद्रोह हो गया है और इधर चुनाव के बाद अमेरिका में गेम पलटी खा सकता है यदि ट्रंप की वापसी होती है अमेरिका और कनाडा में यदि नई सरकार बनती है तो कथित खालिस्तानियों के लिए अच्छी समस्या खड़ी हो सकती है क्योंकि फिर भारत को सभी के OCI कार्ड रद्द कर भारत आना ही बंद कर देना चाहिए

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