बहराइच : जहाँ हुई हिंसा वहाँ घरों पर लगे लाल निशान, रिपोर्ट में दावा- सुनियोजित था हिंदुओं पर हमला, अब्दुल हमीद ने कर रखी थी पूरी तैयारी

                     जिस जगह दुर्गा विसर्जन जुलूस पर हुआ था हमला, वहाँ अब पसरा है सन्नाटा (फोटो: राहुल पाण्डेय)
हिन्दू त्योहारों पर जेहादियों द्वारा होती पत्थरबाज़ी और मौत का तांडव होने का मुख्य कारण है सारी हिन्दू स्वयंसेवी संस्थाओं और साधु-संतों द्वारा कमलेश तिवारी की हत्या को गंभीरता से नहीं लेना है। हिन्दू जेहादियों के मकरजाल में फंस गए। यदि कमलेश की हत्या को गंभीरता से लेकर अपराधियों और इनके समर्थकों की सरकारी सुविधाओं और फांसी देने की मांग को लेकर सड़क पर आये होते, शोभा यात्राओं पर पत्थरबाज़ी नहीं होती। दूसरे, पुलिस और अदालतों को उन जगहों को कम से कम 3 सालों के सील ही नहीं यह पूछना था किसके और कितने रूपए लेकर पत्थर जमा हुए थे। इन जेहादियों द्वारा बेगुनाह, मजलूम और भटक गया आदि victim card खेलना कोई नहीं बात नहीं, जिसे समझने के लिए अली सीना द्वारा लिखित Understanding  Mohammad And Muslim किताब को गंभीरता से पढ़ना ही नहीं बल्कि वितरण करना चाहिए ताकि छद्दम धर्म-निरपेक्षों और कट्टरपंथियों को मुंह तोड़ जवाब दिया जा सके।       

उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के महराजगंज कस्बे के हिंसा प्रभावित इलाकों में प्रशासन ने अब बुलडोजर एक्शन की तैयारी शुरू कर दी है। प्रशासन ने अवैध रूप से बने घरों पर निशान लगाया था, जहाँ एक्शन हो सकता है। वहीं, इस हिंसा के मामले में जैसे-जैसे जाँच आगे बढ़ रही है, नए-नए खुलासे सामने आ रहे हैं। बहराइच हिंसा के पीछे सुनियोजित साजिश का पता चला है, जिसमें मुख्य आरोपित अब्दुल हमीद और उसके सहयोगियों ने दहशत फैलाने की पूरी तैयारी कर रखी थी। अब्दुल हमीद की छत पर पत्थर, ईंटें और कांच की बोतलें जमा थीं। यह हिंसा केवल आकस्मिक घटना नहीं थी, बल्कि एक बड़ी साजिश का हिस्सा थी, जिसमें रामगोपाल मिश्रा की हत्या को अंजाम दिया गया था।

प्रशासन की सख्त कार्रवाई: अवैध अतिक्रमण पर बुलडोजर चलाने की तैयारी

बहराइच हिंसा के बाद योगी सरकार की ओर से बड़ी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। बहराइच के महराजगंज कस्बे में अवैध अतिक्रमण पर बुलडोजर चलाने की योजना बनाई गई है। गुरुवार को राजस्व और लोक निर्माण विभाग की टीम ने अतिक्रमण चिह्नित कर लिया है। माना जा रहा है कि मुख्य आरोपितों समेत 30-40 मकान ध्वस्तीकरण की जद में आ सकते हैं।
महराजगंज कस्बे के कई दुकानदारों ने सड़क किनारे अतिक्रमण कर रखा है, जिससे रास्ते संकरे हो गए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इसी अतिक्रमण के कारण शोभायात्रा के दौरान भीड़ और टकराव की स्थिति उत्पन्न हुई थी। माना जा रहा है कि इस अव्यवस्था के कारण ही बवाल भड़का, जिसमें रामगोपाल मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
ग्रामीणों की शिकायत पर कुछ समय पहले ही महसी के विभिन्न कस्बों में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया गया था। अब प्रतिमा विसर्जन यात्रा के दौरान हुई हिंसा के बाद यह अभियान फिर से शुरू होने की संभावना है।

बहराइच हिंसा की तैयारी पहले से, छत पर मिले ईंट-पत्थर

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस ने इस हत्याकांड के मुख्य आरोपितों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू की। इस दौरान दो मुख्य आरोपितों—मोहम्मद सरफराज और मोहम्मद तालिब—के साथ पुलिस की मुठभेड़ भी हुई। यह मुठभेड़ बहराइच के नानपारा बायपास पर हुई, जहाँ पुलिस ने आरोपितों को घेर लिया था। पुलिस की जवाबी फायरिंग में दोनों आरोपित घायल हो गए। इन आरोपितों को नेपाल भागने की फिराक में पकड़ा गया।

हत्याकांड में इस्तेमाल हथियार बरामद

इस हत्याकांड में उपयोग किए गए हथियारों की भी बरामदगी हुई है। पुलिस के मुताबिक, हत्या के बाद भी आरोपितों के इरादे खतरनाक थे। उन्होंने अपने पास एक अवैध असलहा छिपा रखा था ताकि जरूरत पड़ने पर फिर से दहशत फैलाई जा सके। इसका प्रमाण उन्होंने पुलिस टीम पर फायरिंग करके दे दिया।
घायल आरोपितों को इलाज के लिए पहले नानपारा सीएचसी ले जाया गया, फिर गंभीर हालत देखते हुए उन्हें मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। मेडिकल कॉलेज परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया गया, जहाँ चारों तरफ भारी संख्या में पुलिस और पीएसी बल तैनात किए गए हैं।
मुठभेड़ के बाद एक वीडियो सामने आया जिसमें एक पुलिसकर्मी आरोपियों से कहता है कि पुलिस पर हमला करना गलत था। इस पर एक आरोपी कहता है, “अब गलती नहीं करेंगे, हम लोग फायर करके भागना चाह रहे थे।” पुलिसकर्मी ने जवाब दिया, “पहले अपराध किया और फिर दूसरा अपराध कर रहे हो।” आरोपितों ने अपनी गलती स्वीकार की, लेकिन यह स्पष्ट था कि उनके इरादे बेहद खतरनाक थे।
पुलिस ने आरोपितों के ठिकानों पर छापा मारा और पाँच लोगों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आरोपितों के नाम मोहम्मद फहीन, मोहम्मद तालिब, मोहम्मद सरफराज, मोहम्मद हमीद और मोहम्मद अफजल हैं। पुलिस ने इनके खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई करने की योजना बनाई है। इसके अलावा, जो लोग इन आरोपियों को संरक्षण दे रहे थे, उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बहराइच में हिंसा की घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर उन्हें न्याय का आश्वासन दिया था। उन्होंने कहा था कि हिंसा के जिम्मेदार आरोपितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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