रतन टाटा The Great, भारत के कोहिनूर चले गए कभी वापस न आने के लिए; हृदय से उन्हें शत शत नमन; आखिर क्यों सेठ छुन्नामल और सत्यनारायण गुड़वालों को गुमनाम किया गया?

सुभाष चन्द्र

भारत में ब्रिटिश काल से 2 उद्योगपतियों का ही बोलबाला रहा है, लेकिन देश का दुर्भाग्य है कि देश टाटा से लेकर अम्बानी-अडानी तक को याद रखते हैं, परन्तु ब्रिटिश काल के चर्चित सेठ छुन्ना मल और सत्यनारायण गुड़वालों को नहीं। क्यों? यह बहुत गहरा तुष्टिकरण करने वालों का बहुत गहरा षड़यंत्र है, जिसे समझने के लिए 1865 के आसपास का इतिहास खोलना होगा। वीर सावरकर और नाथूराम गोडसे को अपमानित करने वालों को बताना होगा कि आखिर क्यों सेठ छुन्नामल और सत्यनारायण गुड़वालों को गुमनाम किया गया?      

रतन टाटा को The Great कहना उचित ही होगा, वे सही दृष्टि में भारत के कोहिनूर थे और सही मायनों में “भारत रत्न” थे जो आज चले गए अनंत यात्रा पर कभी न वापस आने के लिए -

कोई ऐसा क्षेत्र नहीं था उद्योग जगत में जिसमें उन्होंने अपनी छाप न छोड़ी हो, उनकी कंपनियों की शेयर बाजार में High Values उनके वास्तविक उच्च आर्थिक प्रदर्शन के कारण है - देश की बीमार Air India को खरीद कर रतन टाटा ने मानों देश पर उपकार किया था क्योंकि Air India ऐसा कुआं बन चुकी थी जिसमें पैसे की खपत की कोई सीमा नहीं रही थी -

अभी एक खबर के अनुसार टाटा ग्रुप के और DRDO के वैज्ञानिकों  को मिलकर Quantum Computer बनाने में सफलता मिल सकती है जो अमेरिका और चीन भी नहीं बना सके -

लेखक 
चर्चित YouTuber
 

टाटा ग्रुप के बारे कभी हमें management classes में एक प्रोफेसर ने बताया था कि यह Tatas देश के पहले उद्योगपति थे जिन्होंने अपने कर्मचारियों के लिए आवास की व्यवस्था की थी- और रतन टाटा का देश और समाज के प्रति समर्पण देखो, कि कोरोना प्रबंधन के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने जब PM Cares Fund बनाया तो उसमे सबसे पहले 1500 करोड़ का दान रतन टाटा ने किया -

आज राहुल गांधी ने रतन टाटा को दूरदर्शी व्यक्ति बताते हुए कहा है -

“Ratan Tata was a man with a vision. He has a lasting mark on both business and philanthropy”  

Philanthropy मतलब परोपकार और कोरोना जैसी महामारी के लिए बनाये गए PM Cares Fund में 1500 करोड़ रुपये के दान से बड़ा और क्या परोपकार हो सकता है लेकिन राहुल की कांग्रेस ने विभिन्न High Courts और Supreme Court में याचिकाएं दायर कर करके इस फंड को बंद कराने की पूरी कोशिश की जबकि किसी ने उस फंड में एक पैसा नहीं दिया -

अमेरिका यूरोप, ब्रिटेन और एशिया के देशों, साउथ कोरिया, सिंगापुर, थाईलैंड समेत विश्व के 100 देशों में Ratan Tata का व्यापार फैला हुआ है और देश के झंडे गाढ़े हुए थे  परंतु राहुल गांधी,  तुम्हारा इन सब देशों में एकमात्र व्यवसाय रहा है, भारत को गाली देना - तुम तो रतन टाटा को श्रद्धांजलि देने की भी योग्यता नहीं रखते -

और राहुल गांधी यह भी न भूलें कि रतन टाटा भी अडानी अंबानी की Category के ही उद्योगपति थे और आगे भी उनकी कंपनियां ऐसे ही देश की सेवा करती रहेंगी - देश को मजबूत आर्थिक स्थिति में ले जाने में उद्योगपतियों की बड़ी भूमिका है - अब तुम्हारा पता नहीं, कहीं  तुम टाटा, अडानी और अंबानी की भी सम्पत्तियां जब्त कर उन गरीबों में न बांट दो जो लगातार जनसंख्या बढ़ाए जा रहे हैं -

व्यक्ति जन्म लेता है जीवन भर कर्म करता है और एक दिन जाना भी होता है लेकिन वह क्या करता है जिससे लोग उसे याद रखते हैं, यह महत्वपूर्ण है - जो लोग हर समय केवल जाति और धर्म की राजनीति करते हैं, उन्हें यह भी बताना जरूरी है कि रतन टाटा एक ऐसे “अल्पसंख्यक समुदाय” से आते थे जिसकी आबादी भारत में मात्र 65 से 70 हज़ार है और उस समुदाय के अधिकांश लोगों ने देश को कुछ दिया ही है लेकिन कभी अन्य “अल्पसंख्यकों” की तरह कुछ मांगते नहीं रहे और कभी प्रताड़ित होने का रोना नहीं रोया  -

1968 में जमशेद जी टाटा ने Tata Group को शुरू किया और उनके सभी वंशजों ने देश की प्रगति में अभूतपूर्व योगदान दिया है - इस ग्रुप के चेयरमैन रहे -

-जमशेद जी टाटा (1868 - 1904);

-दोराबजी टाटा (1904 - 1932);

-नौरोजी सकलतवाला, जमशेद जी टाटा के भांजे थे (1932 - 1938);

-JRD Tata (1938 - 1991);

-रतन टाटा (1991 - 2012);

-Cyrus Mistry (2012 - 2016);

-रतन टाटा (2016 - 2017); और 

-नटराजन चंद्रशेखरन (2017 से अभी तक)  

शत शत नमन रतन टाटा को, विनम्र श्रद्धांजलि -

ईश्वर आपको सद्गति दे और अपने चरणों में स्थान दे,

ॐ शांति शांति शांति  

No comments: