हनुमान पाँचों वक्त का नमाज पढ़ते थे, राम जी ने पहली बार पढ़वाया था: सरकारी टीचर जियाउद्दीन ने क्लास में कहा- वे मूर्ख थे, गंगा भी देवी नहीं; इन जेहादियों को ईंट का जवाब पत्थर से देने के लिए अनवर शेख और अली सीना आदि की किताबों का वितरण होना चाहिए

                   शिक्षक मोहम्मद जियाउद्दीन और विद्यार्थियों के गुस्साए परिजन (साभार: ऑपइंडिया अंग्रेजी)
मदरसा छाप शिक्षकों को इतना भी नहीं मालूम कि पुरुषोत्तम श्री राम और उनके परमभक्त हनुमान हुए थे त्रेता युग में फिर आया द्वापर युग यानि अनेक लाख वर्षों के बाद आया कलयुग और इस्लाम आया लगभग 5 लाख वर्ष बीत जाने के बाद, अब कोई ऐसे उपद्रवी शिक्षकों से पूछो सबूत दिखा या सार्वजानिक जमीन पर नाक रगड़ कर माफ़ी मांगे। या फिर इन जैसे दंगाई उपद्रवियों और इनके समर्थकों को पाताललोक भेजने के लिए अनवर शेख और अली सीना की किताबों का वितरण करना चाहिए। जब इन लोगों को ईंट का जवाब मिलेगा तब इन जैसों और इन जेहादियों की अक्ल ठिकाने आएगी। वरना लोग कहेंगे कि हिन्दू हमेशा हिन्दू-मुसलमान करता रहता है। जबकि सच्चाई कुछ और है। ये जेहादी देश का माहौल ख़राब करने का प्रयास कर रहे हैं। इन जेहादियों को मालूम होना चाहिए कि द्वापर युग तक हर पशु-पक्षी इंसान की तरह बोलता था, लेकिन जैसे-जैसे द्वापर युग समाप्ति की ओर बढ़ कलयुग की शुरुआत होने लगी, सभी पशु-पक्षियों की आवाज़ सिवाए तोता और मैना को छोड़ सबकी बंद हो गयी।        
Understanding Mohammad & Muslim के लेखक अली सीना लिखते हैं कि किताब को पढ़ लोग इस्लाम छोड़ रहे हैं, जबकि लगता है सिर्फ इसी किताब को ही नहीं अन्य किताबों से भी बदलाव आ रहा है जिसका बीजारोपण अनवर शेख ने किया। फिर अनवर शेख से बहुत पहले सीता राम गोयल की किताब आयी थी Why I became Hindu, पुस्तक के प्रकाशित होने से पूर्व गोयल ने Organser Weekly में सीरीज शुरू करने के बाद पुस्तक रूप में प्रकाशित की। उस समय केवल रतन मलकानी मुख्य संपादक होते थे।         

बिहार के बेगूसराय में एक सरकारी स्कूल के शिक्षक मोहम्मद जियाउद्दीन ने हिंदुओं के आराध्य भगवान राम और हनुमान जी को मुस्लिम बताया है। क्लास में पढ़ाते समय जियाउद्दीन ने बच्चों से कहा कि ‘भगवान राम और उनके भक्त हनुमान पहले मुसलमान थे। वे नमाज पढ़ा करते थे।’ इतना ही नहीं, उसने हनुमान जी को मूर्ख और माँ गंगा को शक्तिहीन बताया। इसकी जानकारी लोगों को मिली तो उन्होंने हंगामा कर दिया। वहीं, बेगूसराय से भाजपा सांसद एवं केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने शिक्षक पर कार्रवाई की बात कही है।

मोहम्मद जियाउद्दीन बेगूसराय जिले के बछवाड़ा प्रखंड में स्थित हरिपुर कादराबाद के उत्क्रमित मध्य विद्यालय में शिक्षक है। मंगलवार (8 अक्टूबर 2024) को वह 7वीं कक्षा के बच्चों को पढ़ा रहा था। सामान्य ज्ञान और व्याकरण की कक्षा के दौरान उसने यह आपत्तिजनक बातें कही। शिक्षक जियाउद्दीन ने कहा, हनुमान जी पाँचों वक्त का नमाज पढ़ते थे। रामजी ने उन्हें पहली बार नमाज पढ़वाया था।”

इतना ही नहीं, ईटीवी के रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2016 से इस स्कूल में पदस्थापित शिक्षक मोहम्मद जियाउद्दीन ने क्लास में बच्चों को पढ़ाते वक्त माँ गंगा के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की। गंगा नदी की शक्ति पर सवाल खड़ा करते हुए उसने बच्चों से कहा, “गंगा नदी देवी का रूप नहीं है। अगर ऐसा होता तो लोग गंगा नदी में डूब क्यों जाते… मर क्यों जाते…?” 

स्कूल के विद्यार्थी जब घर गए तो उन्होंने परिजनों और गाँव वालों को इस बात की जानकारी दी। इसके बाद गाँव वाले एकजुट होकर उसी दिन शिक्षक मोहम्मद जियाउद्दीन के घर गए थे। कहा जा रहा है कि लोगों के गुस्से को देखते हुए शिक्षक ने माफी माँग ली। हालाँकि, लोगों का गुस्सा कम नहीं हुआ। अगले दिन बुधवार को जब स्कूल खुला तो छात्रों के परिजन स्कूल पहुँच गए और विद्यार्थियों से पूछताछ की।

साहिबा परवीन नाम की छात्रा ने कहा, “टीचर ने कहा कि हनुमान जी हिंदू धर्म के पहले ऐसे भगवान हैं, जिन्होंने नमाज पढ़ी थी। उनको रामजी ने नमाज पढ़वाया था। हनुमान जी मुसलमान हैं।” वहीं, मानव कुमार नाम के छात्र ने कहा, “जियाउद्दीन सर ने क्लास में हनुमान जी मुस्लिम थे। हनुमान जी पढ़ने-लिखने में मूर्ख थे। मूर्खता के कारण ही वो पर्वत उठा लाए थे। उन्हें राम जी ने पहली बार नमाज पढ़ाया था।”

अन्य विद्यार्थियों ने भी यही बातें दोहराईं। इतनी बातें सुनकर परिजनों के साथ-साथ स्कूल के अन्य शिक्षक भी सन्न रह गए। उन्होंने मोहम्मद जियाउद्दीनसे नाराजगी जाहिर जाहिर की। विद्यार्थियों के मुँह से इतना सुनते ही परिजनों का गुस्सा बढ़ गया और हंगामा करते हुए शिक्षक पर कार्रवाई की माँग करने लगे। परिजनों की नाराजगी को देखते हुए मोहम्मद जियाउद्दीन ने एक बार फिर माफी माँगी।

शिक्षक मोहम्मद जियाउद्दीन ने कहा, “मैंने गलती से ऐसी बातें बच्चों को पढ़ा दी। मुझसे गलती हो गई, माफ कर दीजिए। आज के बाद ऐसा नहीं होगा।” जियाउद्दीन ने परिजनों से कहा कि वह उसने ‘मुसल्लम ईमान’ की बात छात्रों को बताई। जब परिजनों ने उससे पूछा कि बच्चों को उसने क्या पढ़ाया था तो इस सवाल के वह जवाब में चुप्पी साधे रहा। इसके बाद परिजनों के गुस्सा और बढ़ गया।

परिजनों ने शिक्षक जियाउद्दीन को निलंबित कर उस पर एफआईआर दर्ज करने की माँग पर अड़े रहे। विवाद बढ़ने की जानकारी जब अधिकारियों को हुई तो बीडीओ अभिषेक राज और प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी निर्मला कुमारी स्कूल पहुँचे और जाँच की। बीडीओ ने कहा कि शिक्षक ने परिजनों के सामने सार्वजनिक रूप से माफी माँग ली है। हालाँकि, जाँच के दौरान शिक्षक ने अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत बताया है।

इस घटना के बाद बेगूसराय के सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कड़ा विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि हनुमान जी हिंदू धर्म के महान भक्त हैं। इस प्रकार की आपत्तिजनक टिप्पणी से करोड़ों हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुँची है। उन्होंने धार्मिक सौहार्द्र बनाए रखने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जिला प्रशासन से शिक्षक पर तुरंत कार्रवाई करने की माँग की है।

गिरिराज सिंह ने सोशल मीडिया साइट X पर अपने बयान का वीडियो जारी करते हुए कहा, “बछवाड़ा प्रखंड के हरपुर, कादराबाद (बेगूसराय) के उत्क्रमित मध्य विद्यालय में शिक्षक जियाउद्दीन द्वारा भगवान राम और हनुमान जी को मुसलमान बताने पर ग्रामीणों ने विरोध जताया। जियाउद्दीन ने इसे स्वीकारा और मुस्लिम छात्राओं समेत अन्य ने पुष्टि की। समाज में विद्वेष फैलाने वाले ऐसे शिक्षकों पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए।”

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