कनाडा की सड़कों पर सनातनियों का सैलाब, लग रहे ‘जय श्रीराम’ के नारे: हिंदू मंदिर पर हमले को लेकर PM मोदी ने दिया सख्त संदेश, हिंसा में अब तक 3 गिरफ्तारी; पीड़ित हिन्दुओं को पीटते पुलिस वालों पर क्यों नहीं कार्यवाही की जा रही?

बांग्लादेश और कनाडा में उमड़े हिन्दू सैलाब को देख लगता है शायद 1555 में फ्रेंच महान ज्योतिष नॉस्त्रेदमस की हिन्दुत्व और अखंड भारत को लेकर मुखरित की गयी भविष्यवाणीं का शंखनाद हो चुका है, और सनातन विरोधियों के पतन का समय भी निकट आ रहा है। 

सनातन विरोधी भूल रहे हैं अरबों-खरबों वर्ष प्राचीन सनातन धर्म को कोई नहीं मिटा पाया। इन की क्या हैसियत? विपरीत इसके दुश्मनों का नाम लेवा भी नहीं बचा। गाज़ी जिन्हें मुग़ल बादशाह बताया जाता है, भारत में उनका नाम इसलिए जीवित है क्योकि यहाँ लालची लोगों के सहारे इन गाज़ियों का नाम लेने वालों की दुकानें चल रही है। वह भी बहुत जल्दी बंद होने के कगार की ओर बढ़नी शुरू हो चुकी हैं। भारत में मुस्लिम भी इस्लाम छोड़ एक्स मुस्लिम बन रहे हैं और जिस दिन इनकी संख्या 1+ लाख हो गयी, हिन्दू राष्ट्र उतनी सुगम होनी शुरू हो जाएगी। इनका वर्चस्व सोशल मीडिया पर देखने को मिल रहा है। जिसका श्रेय जाता है मुस्लिम कट्टरपंथियों द्वारा नूपुर शर्मा विवाद को। इनके सवालों का जवाब वो मौलाना, मौलवी या इमाम देने से भागते देखा है जिन्हे आम मुसलमान बहुत पहुंचा हुआ बताते हैं।    

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा मुखरित "बंटोगे तो कटोगे" सिर्फ एक नारा ही नहीं विश्व हिन्दुओं को जागृत करने का शंखनाद सिद्ध हो रहा है।     
कनाडा के ब्रैम्पटन में हिंदू मंदिर पर हमले के बाद जगह-जगह इस घटना के खिलाफ रोष जाहिर किया जा रहा है। पुलिस ने तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है मगर इससे हिंदुओं की नाराजगी शांत नहीं है। जबकि खालिस्तानियों की बजाए पीड़ित हिन्दुओं को पुलिस प्रताड़ित करती वीडियो में साफ नज़र आ रही है, उन पर खालिस्तान समर्पित सरकार क्यों नहीं कार्यवाही करती? उन्होंने कनाडा में मार्च निकाल अपनी सुरक्षा के लिए चिंता जाहिर की। इस दौरान जोर-जोर से नारेबाजी हुई। वहीं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस हमले की कड़ी निंदा की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, “मैं कनाडा में हिंदू मंदिर पर हुए जानबूझकर किए गए हमले की कड़ी निंदा करता हूँ। हमारे राजनयिकों को डराने की कायराना कोशिशें भी उतनी ही भयावह हैं। हिंसा के ऐसे कृत्य भारत के संकल्प को कभी कमजोर नहीं कर पाएँगे। हम उम्मीद करते हैं कि कनाडा सरकार न्याय सुनिश्चित करेगी और कानून के शासन को कायम रखेगी।”

हिंदू मंदिर में श्रद्धालुओं पर खालिस्तानी हमले के बाद कनाडा में हिंदू समुदाय के हजारों लोग भी सड़कों पर उतरे दिखे। इस दौरान उन्होंने मार्च निकालते हुए खुलेआम खालिस्तान मुर्दाबाद और जय श्रीराम के नारे लगाए। मार्च की वीडियो सोशल मीडिया पर हर जगह मौजूद है।

कनाडाई हिंदू संगठन ‘कोएलिशन ऑफ हिंदू ऑफ नॉर्थ अमेरिका’ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर विरोध प्रदर्शन की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, “हिंदू मंदिरों पर लगातार हो रहे हमलों के खिलाफ हजार से ज्यादा कनाडाई हिंदू ब्रैम्पटन में इकठ्ठा हुए हैं। कल (रविवार) को पवित्र दिवाली वीकेंड के दौरान इस तट से दूसरे तट तक कनाडा के हिंदू मंदिरों पर हमला किया गया। हम कनाडा से इस हिंदू फोबिया को तुरंत रोकने के लिए कहते हैं।”

अवलोकन करें:-

"बंटोगे तो कटोगे" नारा ही प्रभावी बना ; कनाडा में हिल गया पक्ष और विपक्ष ; हिंदू मंदिर के बाहर प्रद

हिंदू मंदिर पर हमला

3 नवंबर को हिंदू सभा मंदिर में भारतीय कांसुलर कैंप चल रहा था। इस बीच खालिस्तानियों की भीड़ आई और उनपर हमला बोल दिया। इस दौरान बच्चे और महिलाएँ भी निशाना बनाई गईं। घटना के बाद पुलिस ने इस मामले में अब तक तीन गिरफ्तारियाँ की है। वहीं एक पुलिसकर्मी को सस्पेंड किया गया है। हिंसा मामले में गिरफ़्तार किए गए लोगों की पहचान मिसिसॉगा के 43 वर्षीय दिलप्रीत सिंह बौंस, ब्रैम्पटन के 23 वर्षीय विकास और मिसिसॉगा के 31 वर्षीय अमृतपाल सिंह के तौर पर हुई है।

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