आज जॉर्ज सोरोस की कठपुतली बना विपक्ष देश के राष्ट्रगान तक का अपमान करने पर उतर आया है। क्या ऐसे विपक्ष से देश की एकता और अखंडता की कल्पना की जा सकती है? तमिलनाडु मुख्यमंत्री देश को बताएं कि क्या राज्य का गीत राष्ट्रगान से अधिक महत्वपूर्ण है? जब राष्ट्र ही नहीं होगा राज्य कहाँ से होगा? क्या ऐसी सरकार का सत्ता में बने रहने का अधिकार है? आखिर देश विरोधी ताकतों की कब तक कठपुतली बन अराजकता का माहौल बनाया जाता रहेगा?
तमिलनाडु विधानसभा में एक बार फिर राष्ट्रगान का अपमान किया गया है। राष्ट्रगान के अपमान से नाराज तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि अभिभाषण दिए बिना सदन से वॉकआउट कर गए। आज, 6 जनवरी को तमिलनाडु विधानसभा के इस साल के पहले सत्र की शुरुआत हुई। लेकिन परंपरा के अनुसार सत्र की शुरुआत राष्ट्रगान से ना कर राज्य गीत ‘तमिल थाई वाजथु’ के गायन से हुआ। राज्यपाल ने सदन को उसके संवैधानिक कर्तव्य की याद दिलाते हुए राष्ट्रगान की बात कही, लेकिन उनकी बात नहीं मानी गई। इससे नाराज राज्यपाल बिना अभिभाषण दिए सदन से चले गए।
#WATCH | Tamil Nadu Governor RN Ravi leaves from the Secretariat as he boycotts Governor annual address
— ANI (@ANI) January 6, 2025
The winter session of the Tamil Nadu Assembly began today. pic.twitter.com/Nm7HCd2dK0
राजभवन की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि आज तमिलनाडु विधानसभा में एक बार फिर भारत के संविधान और राष्ट्रगान का अपमान किया गया। राष्ट्रगान का सम्मान करना हमारे संविधान में निहित पहले मौलिक कर्तव्य में से एक है। राज्यपाल के अभिभाषण के आरंभ और अंत में इसे सभी राज्य विधानसभाओं में गाया जाता है। आज सदन में राज्यपाल के आगमन पर केवल तमिल थाई वाज़्थु गाया गया। राज्यपाल ने सदन को सम्मानपूर्वक उसके संवैधानिक कर्तव्य की याद दिलाई और स्पीकर के साथ सदन के नेता मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से जोरदार अपील की, लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया। संविधान और राष्ट्रगान के प्रति इस तरह के निर्लज्ज अनादर के कारण राज्यपाल गहरी पीड़ा में सदन से चले गए।
The Constitution of Bharat and the National Anthem were once again insulted in the Tamil Nadu Assembly today. Respecting the National Anthem is among the first Fundamental Duty as enshrined in our Constitution. It is sung in all the state legislatures at the beginning and the end…
— RAJ BHAVAN, TAMIL NADU (@rajbhavan_tn) January 6, 2025
तमिलनाडु विधानसभा में राष्ट्रगान के अपमान का मामला सोशल मीडिया पर सुर्खियों में है। लोग राष्ट्रगान ना गाने पर हैरानी जता रहे हैं। इससे स्टालिन सरकार की किरकिरी हो रही है।
तमिलनाडु की विधानसभा में राष्ट्रगान का अपमान।
— Ashok Shrivastav (@AshokShrivasta6) January 6, 2025
विधानसभा के शीतकालीन सत्र की शुरुआत हमेशा राष्ट्रगान से होती है। स्टालिन के इशारे पर इस बार सत्र की शुरुआत राज्य के गीत से की, राज्यपाल ने इसका विरोध किया। लेकिन इसके बावजूद पहले राज्य गीत हुआ उसके बाद राष्ट्रगान गाया गया। इसके विरोध…
देश की सभी विधानसभाओं में राज्यपाल के अभिभाषण के आरंभ और अंत में राष्ट्रगान की परम्परा है। तमिलनाडु की विधानसभा में राष्ट्रगान नहीं बजाया गया जिसके विरोध स्वरूप राज्यपाल महोदय बगैर अभिभाषण किए चले गए । यह एक प्रकार का अलगाववाद पैदा करने की कोशिश है । कोई भी प्रांतवाद या भाषावाद… pic.twitter.com/ot9aR1A6UP
— 𝐉𝐚𝐲𝐫𝐚𝐦 𝐕𝐢𝐩𝐥𝐚𝐯 (@jviplav) January 6, 2025
तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि अपना पारंपरिक संबोधन पढ़े बिना यह शिकायत करते हुए विधानसभा से चले गए कि राज्य सरकार ने राष्ट्रगान से पहले तमिल थाई वाज़थु बजाने का फैसला किया है। National Anthem#देश_विरोधी_कॉंग्रेस pic.twitter.com/ytbFIR3d1X
— हिंद की खोज (@Hind_ki_khoj) January 6, 2025
तमिलनाडु के राज्यपाल आर.एन. रवि ने विधानसभा में अपना पारंपरिक अभिभाषण पढ़े बिना ही सदन से वॉकआउट कर दिया।
— FIGHTER 3.0 🚩 (@AAjju_33) January 6, 2025
उनकी शिकायत थी कि राज्य गान ‘तमिल थाई वज़्थु’ के बाद राष्ट्रगान नहीं बजाया गया है।
"आज तमिलनाडु विधानसभा में दूसरी बार फिर से भारत के संविधान और राष्ट्रगान का अपमान किया… pic.twitter.com/iv4f52nJCY
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