80 साल की हिंदू महिला से रेप, आँखें निकालने की कोशिश… फिरकापरस्त मीडिया ने नहीं बताया कि दरिंदा ‘छोटू आलम’ है, पर हेडलाइन में होली ठूँसना नहीं भूली

                                                   बुजुर्ग महिला का शोषण, मीडिया छिपाने में जुटा
बिहार के गोपालगंज जिले में 80 साल की दलित महिला से रेप का मामला सामने आया है। घटना 14 मार्च 2025 की है। बुजुर्ग महिला अपने गेहूँ के खेतों में घास काटने गई थी। उसी समय ‘छोटे आलम’ नाम का आरोपित वहाँ आया और महिला को दबोचकर रेप किया। उसके बाद उसने बुजुर्ग की आँखें निकालने की भी कोशिश की और उसे आखिर में मरा हुआ समझकर वहाँ से फरार हो गया।

जानकारी के मुताबिक, पूरी घटना 14 मार्च शाम करीब 4:30 बजे की है। इस संबंध में महिला के परिजनों ने शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में बताया गया कि महिला अधमरी अवस्था में एक गाँव की लड़की को मिली थी। उसी ने पीड़िता के बारे में सबको बताया और आखिर में महिला को घर लाया गया, फिर डॉक्टर बुलवाकर प्राथमिक इलाज हुआ।

पीड़ित बुजुर्ग की हालत इतनी ज्यादा खराब थी कि उन्हें होश 19 घंटे बाद जाकर आया। उन्होंने चेत अवस्था में जब सबको आपबीती बताई तो सब हैरान रह गए। वहीं उनका लड़का घटना के बाद सैयद अली के घर गया, मगर वहाँ- सैयद अली, बबुद्दीन, शहाबुद्दीन, सद्दाम, हशमत और जुम्मादीन ने उन्हें धक्का मारकर बाहर कर दिया।

इस दौरान उन्हें गालियाँ भी दी गईं- “सा%$, चम@$ सियार, हमारे दरवाजे पर आकर शिकायत करने आ गया…. भागो, नहीं तो यहीं चम@$ सियार, माद$^$ जान से मार देंगे।”

पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपित के अलावा चार उसके परिजनों के विरुद्ध भी केस को दर्ज किया है। बैकुंठपुर थाने के एसएचओ का कहना है कि इस मामले में अब तक एक गिरफ्तारी हो गई है जबकि मुख्य आरोपित अब भी फरार है।

वहीं आजतक की रिपोर्ट के अनुसार, सदर एसडीपीओ अभय कुमार रंजन ने बताया कि पीड़िता को मेडिकल परीक्षण के लिए ले जाया गया है और मेडिकल रिपोर्ट में रेप की बात सामने नहीं आई है। हालाँकि शारीरिक शोषण की पुष्टि हुई है। अधिकारी ने यह भी बताया कि मुख्य आरोपित गिरफ्तार हो चुका है।

मीडिया ने छिपाया आरोपित का नाम

बिहार की इस घटना को कई मीडिया संस्थानों ने कवर किया, लेकिन कुछ ने बहुत चालाकी से अपनी रिपोर्ट में आरोपित का नाम छिपा लिया। इसमें टाइम्स ऑफ इंडिया, ईटीवी भारत और द ऑब्जर्वर पोस्ट जैसे संस्थान शामिल हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया वाली रिपोर्ट में मुस्लिम आरोपित का नाम छिपाकर इसे एक होली पर हुई हिंसा और रेप की घटना की तरह प्रदर्शित किया गया।
रिपोर्ट में लिखा गया। 14 मार्च को होली पर गोपालगंज जिले में एक 80 साल की दलित महिला के साथ कथिततौर पर रेप हुई। हेडलाइन दी गई- होली पर बुजुर्ग महिला के साथ रेप।
इसी प्रकार ईटीवी भारत में भी ऐसे ही दिखाया गया कि दलित महिला के साथ होली पर रेप हुआ और उसकी आँख निकालने की कोशिश हुई। हालाँकि यहाँ भी मुस्लिम आरोपित का नाम छिपाया गया।
इसके बाद इस्लामी नैरेटिव को बढ़-चढ़कर आगे बढ़ाने वाला ‘ऑब्जर्वर पोस्ट’ भी इस घटना के नाम पर होली त्योहार को बदनाम करते देखा गया। उसने ये तो बताया कि दलित परिवार को गालियाँ दी गईं, लेकिन ये गालियाँ किसने दी, ये नहीं बताया गया।
अजीब बात ये है कि जब शिकायत में पूरी तरह आरोपित का नाम बताया गया है तो फिर आखिर क्यों इन मीडिया संस्थानों ने अपनी खबरों से आरोपित को नाम छिपाया और पाठकों को ये दिखाया कि होली पर दलित के साथ अत्याचार हुआ। खैर, ऑब्जर्वर पोस्ट और टाइम्स ऑफ इंडिया में ऐसे भ्रामक हेडलाइन दिखना कोई हैरान करने वाला भी नहीं है। पूर्व में कई ऐसे मामले हुए हैं जब आरोपित की पहचान छिपाते हुए इन मीडिया हैंडल्स पर रिपोर्ट प्रकाशित हुई।

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