मध्य प्रदेश : वक्फ बिल के खिलाफ प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को घेरने गए मुस्लिमों में ही मची मारकाट, काली पट्टी को लेकर चाकूबाजी

                                         रायसेन में भिड़े दो पक्ष (फोटो साभार: YT/Zee News)
भारत को आज़ादी मिलने से पहले ही कुर्सी के भूखे नेता और उनकी पार्टियां मुसलमानों को गुमराह कर मुसलमानों की वोट लेकर सत्ता की मलाई चाटने में मस्त रहे और मुसलमान अपनी बदहाली से खुद ही झुझता रहा। आये दिन देश में कहीं न कहीं दंगे होते रहे, परन्तु दंगा का इलज़ाम मुसलमान पर होने के बावजूद मुस्लिम तुष्टिकरण करने वालों को ही अपना रहनुमा मानता रहता है। संक्षेप में, 2002 में गुजरात दंगे का दोष तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर डाल मालपुए खाते रहे और आज भी खा रहे हैं। कालचक्र घूम रहा है, आज जब मुस्लिम गुजरात दंगों का इतिहास देखता तो महसूस कर रहा है कि मोदी ने मुसलमानों को अकाल मौत से बचाया है। लेकिन गुजरात से बाहर मूर्ख मुसलमान सच्चाई जानने से दूर भागता रहता है। 

खैर, अब वक़्फ़ बिल को लेकर मुसलमानों को गुमराह करने में मुस्लिम नेता ही नहीं, मुस्लिम वोट के भूखे हिन्दू नेता और उनकी पार्टियां भी लगी हुई हैं। वक़्फ़ ऑफिस में काम करने वाले चपरासी से लेकर उच्च अधिकारी तक जानते हैं कि वक़्फ़ जमीन की लूटमार करने वाले ही अपनी रोटी पानी छीनने के डर से इसका विरोध करने मुसलमानों को भड़काने में लगे हैं।     

मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में रमजान के आखिरी जुमे की नमाज के दौरान बड़ा हंगामा हो गया। बेगमगंज की मकबरा मस्जिद में वक्फ संशोधन बिल 2024 के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान दो मुस्लिम पक्षों में झड़प हो गई। प्रदर्शनकारी पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को निशाना बना रहे थे, लेकिन काली पट्टी बाँधने को लेकर 2 पक्षों में भिडंत हो गई। इस झड़प में चाकूबाजी हुई, जिसमें चार लोग घायल हो गए। पुलिस ने तीन हमलावरों – शकील अहमद पठान, लईक पठान और नवेद पठान को गिरफ्तार कर लिया है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, शुक्रवार (28 मार्च 2025) को दोपहर करीब 1 बजे जोहर की नमाज के लिए लोग मस्जिद में जमा थे। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने एक दिन पहले वक्फ बिल के खिलाफ काली पट्टी बाँधकर विरोध करने की अपील की थी।

सैयद सावेश अली और उनके साथियों ने इस अपील पर काली पट्टी बाँधी, जिसका मुस्लिम त्योहार कमेटी के अध्यक्ष शकील अहमद पठान ने विरोध किया। उन्होंने सावेश से कहा कि मस्जिद में पीएम मोदी और अमित शाह के खिलाफ राजनीतिक विरोध के लिए काली पट्टी बाँधने से पहले कमेटी से इजाजत लेनी चाहिए थी।

सावेश ने उनकी बातों का विरोध किया, जिसके बाद बहस शुरू हो गई। देखते ही देखते बहस हाथापाई में बदल गई। शकील अहमद पठान और उनके भाइयों लईक पठान और नवेद पठान ने सावेश और उनके साथियों पर चाकुओं से हमला कर दिया। इस हमले में सैयद सावेश अली, सैयद नवेद अली, सैयद अहद अली और सैयद शारिक अली घायल हो गए। सैयद नवेद अली को गंभीर हालत में रायसेन जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जबकि बाकी तीन का इलाज बेगमगंज के सिविल अस्पताल में चल रहा है।

चाकूबाजी की वजह से मस्जिद में भगदड़ मच गई। खून से फर्श लाल हो गया, जिसके चलते अलविदा की नमाज एक घंटे देर से पढ़ी गई। सावेश अली की शिकायत पर पुलिस ने तुरंत एक्शन लिया।

बेगमगंज थाना प्रभारी राजीव उइके ने बताया कि शकील अहमद पठान, लईक पठान और नवेद पठान को गिरफ्तार कर लिया गया है। उनके खिलाफ धारा 296, 115(2), 118(1), 351(2) और 3(5) बीएनएस के तहत केस दर्ज किया गया है। पुलिस का कहना है कि मामले की जाँच चल रही है।

No comments: