अगर वो CD चल जाती प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली UPA सरकार गिर जाती… अब साथी पत्रकार ने खोली राजदीप सरदेसाई की पोल, कहा- उन्होंने ही ‘कैश फॉर वोट स्कैम’ का स्टिंग दबाया

                                          राजदीप सरदेसाई ने छिपाया था यूपीए सरकार के खिलाफ स्टिंग
अपने आपको ‘निष्पक्ष’ कहकर कांग्रेस के लिए रोना रोने वाले राजदीप सरदेसाई का एक बार फिर काला सच सामने आया है। उनके पूर्व साथी और वरिष्ठ पत्रकार मनोज रंजन त्रिपाठी ने कहा है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के समय में राजदीप ने ‘कैश फॉर वोट स्कैम’ का स्टिंग दबा दिया था। त्रिपाठी ने यह बात शुभांकर मिश्रा के पॉडकॉस्ट के दौरान की। बातचीत 1 घंटे 22 मिनट से लेकर 1 घंटे 26 मिनट के बीच सुन सकते हैं।

2014 में मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली UPA सरकार के जाने और मोदी सरकार आने के बाद से प्रसून वाजपेयी और राजदीप सरदेसाई आदि कई महारथी पत्रकारों की बहुत किरकिरी हो रही है। कांग्रेस के हाथ का खिलौना रहे इन पत्रकारों का एजेंडा सिर्फ और सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश करते रहते हैं। हालाँकि कई बार जनता के बीच मोदी विरोध करने पर अपमानित भी होना पड़ा। लेकिन जो पत्रकार एक सेट एजेंडे पर काम कर अपने आकाओं को खुश करना ही अपनी योग्यता मानते हों, फिर उन्हें किसी तरह की बेइज्जती की परवाह नहीं होती।   

मनोज रंजन त्रिपाठी ने मीडिया इंडस्ट्री के ‘दिग्गज’ पत्रकार को लेकर बताया कि कैसे संसद में जब ये स्कैम उजागर हुआ, उससे पहले 2008 में इस पर स्टिंग हो चुका था। लेकिन, तब राजदीप सरदेसाई उनके बॉस थे और उन्होंने इस स्टिंग ऑपरेशन को दबा दिया।

मनोज रंजन ने कहा कि अगर वो सीडी चल जाती तो अमर सिंह से लेकर कई बड़े नेता इसमें फँसते… लेकिन राजदीप बॉस थे। मनोज रंजन ने बातचीत में साफ तौर पर कहा कि अगर ये पॉडकॉस्ट राजदीप देख लें तो भी उन्हें कोई दिक्कत नहीं, क्योंकि जो वो बोल रहे वो सच हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि राजदीप ने स्टिंग को दबाया और वो ऐसे सौ लोग को जानते हैं जिन्हें पता है राजदीप ने स्टिंग को दबाया।

इस खुलासे के बाद अब लोग राजदीप सरदेसाई से जवाब माँग रहे हैं।

ये पहली बार नहीं है कि राजदीप के ऊपर यूपीए काल में इस स्टिंग को दबाने का आरोप लगा हो। इससे पूर्व दूरदर्शन न्यूज़ के एंकर अशोक श्रीवास्तव ने ‘इंडिया टुडे’ के कंसल्टिंग एडिटर राजदीप सरदेसाई को लेकर खुलासा किया था।

उन्होंने कहा था, जब कैश फॉर वोट कांड हुआ था, राजदीप सरदेसाई जिस चैनल के हेड थे अगर वो उस स्टिंग ऑपरेशन को प्रसारित कर देता तो शायद तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली UPA सरकार गिर जाती।

अशोक श्रीवास्तव ने आगे बताया, “मनमोहन सिंह की सरकार को बचाने के लिए पैसों का जो लेनदेन हुआ था, उस पर एक स्टिंग ऑपरेशन हो गया था। राजदीप सरदेसाई उस स्टिंग ऑपरेशन को देखने के बाद एक संपादक के रूप में निर्णय लिया कि इसे टेलीकास्ट करने से पहले वो इसकी जाँच करेंगे। आपने जाँच के नाम पर कई महीनों तक उसे रोक कर रखा। मनमोहन सिंह की सरकार बन गई, उसके बाद राजदीप सरदेसाई को पद्मश्री सम्मान दिया जाता है।”

अशोक श्रीवास्तव के बाद ये खुलासा मनोज रंजन त्रिपाठी ने किया है जो बड़े-बड़े मीडिया संस्थानों में बतौर पत्रकार सेवा दे चुके हैं और राजदीप के साथ काम करने का अनुभव रखते हैं। इस पॉडकॉस्ट में उन्होंने मीडिया इंडस्ट्री पर भी बात की। बताया कि उनके सामने ऐसा हुआ है कि वो लाशों के बीच खड़े रहे और उन्हें कैमरे पर आने से पहले TIE पहनने को कहा गया है कि कितने भी वीभत्स विजुअल हों, पहले टाई पहनकर ही सामने आएँगे।

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