बिहार में चुनाव से पहले ही लालू यादव का कुनबा बिखरा, बेटे तेज प्रताप को पार्टी से निकाला, रिलेशनशिप से उठा विवाद

                                         निशु सिन्हा, अनुष्का यादव और ऐश्वर्या राय (बाएँ से दाएँ)
दुनिया में 3 W(Wine,Womanऔर Wealth) के चक्रव्यू को कोई नहीं भेद पाया। महाभारत में द्रौपदी बदले की आग में जली थी, रामायण में सूर्पनखा बदले की आग में जली थी, सन् 2025 में फिर से एक नारी की बदले की आग धधक उठती है। सियासत के बाजार में ऐसी आग की कमी नहीं। कुछ आग तो ऐसी हैं जिनके बारे में M.O.Mathai और Mohammad Yunus जैसे धुरंधर ही लिखने की हिम्मत कर कर सकते हैं। 

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले लालू यादव ने अपने ‘लाल’ से नाता तोड़ लिया। लालू-राबड़ी के बेटे तेज प्रताप यादव ने अपना रिलेशनशिप वाला शिगुफा क्या छोड़ा, उससे लालू समेत सारी पार्टी ही असहज हो गई। उन्हें लगा कि इससे चुनाव में विरोधियों को अच्छा मौका मिल जाएगा। इसलिए सीने पर पत्थर रखकर आखिरकार लालू प्रसाद यादव को कड़ा फैसला लेना ही पड़ा। तेज प्रताप यादव को पार्टी से परिवार से निकाले जाने की घोषणा करते हुए लालू के जो सोशल मीडिया पोस्ट किया, उसमें भी यह बात स्पष्ट हो रही है। लालू यादव ने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया। जिसके बाद उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि क्या और भी लड़कियों का लालू परिवार से रिश्ता सामने आएगा? यह तो भविष्य के गर्भ में छिपा है।  

सवाल यह है कि तेज प्रताप यादव का अगला कदम क्या होगा, क्या वे नई पार्टी बनाएंगे या किसी अन्य दल में शामिल होंगे, या फिर निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। इस बीच लालू यादव की बहू ऐश्वर्या ने दावा किया कि उनके पति तेज प्रताप यादव को पार्टी से निष्कासित करना आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर किया गया एक ‘नाटक’ है। भाजपा और अन्य दलों ने भी लालू के इस कदम को चुनाव के लिए उठाया गया राजनीतिक स्टंट करार दिया है। यह तय है कि तेज प्रताप को लेकर लालू-तेजस्वी को विधानसभा चुनाव में नुकसान उठाना पड़ेगा।

विवाह निजी जीवन का मसला होता है। कहते हैं, मियाँ-बीवी राज़ी तो क्या करेगा क़ाज़ी। लेकिन, हमने प्राचीन काल से लेकर अब तक, राजा-महाराजाओं से लेकर नेताओं तक को कूटनीति व राजनीति के लिए विवाह संबंध स्थापित करते हुए देखा है। भारत में विवाह सिर्फ़ एक लड़का और एक लड़की का नहीं होता है, दो परिवारों का होता है। तेज प्रताप यादव के विषय में भी कुछ ऐसा ही हुआ था। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री दरोगा प्रसाद राय की पोती और चन्द्रिका राय की बेटी ऐश्वर्या राय से उनकी शादी भी शायद दो राजनीतिक घरानों द्वारा एक और एक को मिलाकर ग्यारह बनाने की कोशिश थी।

हालाँकि, इस ‘ग्यारह’ ने अब बिहार के सबसे चर्चित राजनीतिक परिवार के चेहरे पर ‘बारह’ बजा दिए हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे कंटेंट तो अबतक आपने देख ही लिए होंगे, इसीलिए बहुत कुछ दोहराने की ज़रूरत नहीं है। संक्षेप में ये समझिए कि तेज प्रताप यादव के फेसबुक हैंडल से एक पोस्ट होता है जिसमें वो अनुष्का यादव के साथ अपनी तस्वीर डालकर 12 वर्षों से रिलेशनशिप में होने की बात स्वीकार करते हैं। हंगामा होने पर ‘अकाउंट हैक होने’ और ‘AI से छेड़छाड़ कर तस्वीर बनाने’ जैसे बहाने मारकर यू-टर्न ले लिया जाता है।

इस दौरान लोग पूछते हैं कि अगर 12 वर्षों से तेज प्रताप यादव और अनुष्का यादव रिलेशनशिप में थे तो फिर उन्होंने 2018 में ऐश्वर्या राय से विवाह करके उनका जीवन क्यों ख़राब किया? ऐश्वर्या राय फिलहाल अलग रह रही हैं। तेज प्रताप पर उन्होंने घरेलू हिंसा और अजीबोगरीब व्यवहार का आरोप लगाकर ऐश्वर्या राय ने तलाक़ का मामला दायर कर रखा है। ख़ुद तेज प्रताप यादव एक पॉडकास्ट में बता चुके हैं कि ये शादी पॉलिटिक्स के लिए हुई थी। सारण के परसा में राय परिवार का प्रभाव है। पिता-पुत्र अबतक 13 बार MLA रह चुके हैं।

आइए, अब सोशल मीडिया पर चल रही इस कहानी को और अधिक न पेरते हुए सीधे शतरंज की उस बिसात पर चलते हैं जहाँ हर किरदार अपने-अपने मोहरे लेकर तैयार है और जो दिख रहा है उसे समझना उतना आसान नहीं है। पर्दे के पीछे जो खेल चल रहे हैं वो बिहार के विधानसभा चुनाव तक कई बड़े उथल-पुथल मचाने वाले हैं। लालू परिवार के क़रीबी दबी ज़ुबान से कह रहे हैं कि एक तरह से इस पूरे मामले में तेजस्वी यादव के मुख्यमंत्री बनने के अरमान पर पानी फेर दिया है। वो अरमान, जो बीमार लालू यादव की अंतिम इच्छा मानी जाती है।

इस खेल में कोई भी टीम खुलकर अपना स्कोरकार्ड प्रदर्शित करने की इच्छुक नहीं है और दूसरी बात ये कि अभिषेक मिश्रा को अब तक न्याय नहीं मिला है ये याद रखा जाना चाहिए। अभिषेक मिश्रा, उसी BIT मेसरा का होनहार छात्र जिससे मैं पढ़ा हूँ। इसपर हम आगे चर्चा करेंगे लेकिन उससे पहले एक भविष्यवाणी ये नोट करके रख लीजिए कि इस पटकथा में क्लाइमैक्स तभी आएगा जब संजय यादव की पटना से विदाई होगी।

अनुष्का यादव के चैट्स, निशु सिन्हा नामक नई महिला की एंट्री

कथित चैट में बेचैन अनुष्का यादव किसी को मैसेज बताती हैं कि तेज प्रताप यादव और निशु सिन्हा मालदीव जा रहे हैं। इंस्टाग्राम पर मालदीव में ध्यान करते हुए तेज प्रताप यादव का वीडियो भी आया था। अब पता चल रहा है कि उनका विदेश जाना अनायास नहीं था। अनुष्का यादव को पहले ही पता था कि वो मालदीव जाने वाले हैं। सूत्रों के अनुसार, असल में जाना अनुष्का को ही मालदीव था तेज प्रताप के साथ, लेकिन इस खेल में थोड़ा बदलाव हुआ।
तभी बेचैन अनुष्का यादव उस चैट में कहती हैं कि अब उन्हें मीडिया में आना होगा। साथ ही वो जानकारी देती हैं कि अभी उनकी तबीयत ख़राब है और वो अस्पताल में दाखिल हैं। ख़ैर, बात आगे बढ़ती है तो वो ख़ुद ही बताती हैं कि तेज प्रताप यादव 17 मई, 2025 को मालदीव जा रहे हैं और 23 को लौटने की योजना है। तभी बीच में एक और किरदार की बात आ जाती है – निशु सिन्हा। निशु सिन्हा कौन हैं, इस बारे में अनुष्का यादव को पहले से ही आईडिया था, तभी वो जिससे चैट कर रही होती हैं उनको बताती हैं कि निशु सिन्हा का तेज प्रताप के साथ क्या रिश्ता है?
चैट में वो ये भी कहती हैं कि तेजस्वी यादव ने ही तेज प्रताप और निशु सिन्हा को मालदीव भेजा है। क्यों? तो ‘बेबी प्लानिंग’ के लिए। इसके बाद इस चैट में जो आता है वो और चौंकाने वाला है, जो ये कहता है कि कभी शिवलिंग से लिपट कर दुग्ध स्नान करने तो कभी वृन्दावन में बाँसुरी बजाने वाले तेज प्रताप यादव ने एक नहीं बल्कि तीन-तीन शादियाँ कर रखी हैं। हम इसकी पुष्टि नहीं करते, लेकिन सामने वाले शख्स ने जब तेज प्रताप और निशु के बीच रिश्ते के बारे में पूछा तो अनुष्का ने जो जवाब दिया वो गौर करने लायक है।
इस कथित चैट में अनुष्का यादव ने बताया, “तेज प्रताप यादव और निशु सिन्हा के बीच पति-पत्नी का रिश्ता है। वो शादीशुदा हैं।” सामने वाला शख्स चौंक कर पूछता है कि इसकी कितनी शादियाँ हैं भाई! इसपर जवाब दिया जाता है कि पहली ऐश्वर्या राय, दूसरी अनुष्का यादव यानी वो ख़ुद और तीसरी निशु सिन्हा। हम एक और दावा सूत्रों के हवाले से कर रहे हैं – जिस शख्स से अनुष्का यादव का ये चैट वायरल हो रहा है उसका नाम है – अलका यादव। अलका यादव कौन? लालू यादव के कुख़्यात साले सुभाष यादव की बेटी। राबड़ी देवी जब मुख्यमंत्री थीं, तब पूरे बिहार में उनके दोनों भाइयों साधु और सुभाष का दबदबा चलता था। सत्ता गई तो दोनों से लालू परिवार के रिश्ते भी तल्ख़ हो गए और अब तो दोनों भाई खुलेआम मीडिया के सामने ही जीजा से लेकर भतीजे तक पर गंभीर आरोप लगाते हैं।
पत्नी ऐश्वर्या बोली- बिहार विधानसभा चुनाव के लिए लालू का नाटक
बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं। लेकिन चुनावी तैयारियों से पहले ही लालू यादव के कुनबे में बम फूट गया है। लालू प्रसाद ने अपने बड़े बेटे तेजप्रताप यादव को कथित रूप से ‘गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार’ के कारण छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया और उनके साथ सभी पारिवारिक संबंध भी तोड़ दिए। इस बीच तेज की पत्नी ऐश्वर्या ने संवाददाताओं से बात करते हुए अपने ससुराल वालों पर एक ऐसे व्यक्ति से उनकी शादी कराकर जीवन बर्बाद करने का आरोप लगाया, जिसका व्यवहार ‘असामान्य’ है। ऐश्वर्या ने यह भी जोर देकर कहा, ‘इस परिवार का यह नाटक चुनावों को ध्यान में रखकर किया गया है। मुझे नहीं लगता कि कोई दरार है। वे सभी मिले हुए हैं। मुझे यकीन है कि कल भी राबड़ी देवी (ऐश्वर्या की सास) ने तेजप्रताप के आंसू पोंछकर और यह आश्वस्त करके उन्हें सांत्वना देने की कोशिश की होगी कि सभी चीजें सुलझ जाएंगी।’ तेजप्रताप और ऐश्वर्या ने 2018 में शादी की थी, लेकिन बाद में ऐश्वर्या ने शारीरिक और भावनात्मक यातना का आरोप लगाते हुए ससुराल छोड़ दिया।
तेज प्रताप खुद बताया, 12 साल से लड़की के साथ रिलेशनशिप में हैं
दरअसल, लालू यादव के कुनबे में इस सुलगते विवाद को चिंगारी भी खुद तेज प्रताप यादव ने ही दिखाई है। तेज प्रताप के फेसबुक पेज से दो दिन पहले ही घोषणा की गई थी कि वो एक युवती के साथ 12 साल से रिश्ते में हैं। यह पोस्ट तेजी से वायरल होने लगी तो उन्होंने कुछ घंटों बाद ही इस पोस्ट हटा दिया और एक्स प्लेटफार्म पर दावा किया कि उनका फेसबुक पेज हैक हो गया था। जब ऐश्वर्या से इस पोस्ट के बारे में पूछा गया तो उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा, ‘तो, वह (तेजप्रताप) खुद कह रहे हैं कि वह किसी और के साथ रिश्ते में हैं। क्या यह बात उनके परिवार वालों को नहीं पता थी। लालू जी, राबड़ी जी और तेजस्वी जी ने मेरी शादी ऐसे व्यक्ति से क्यों करवाई? मेरी जिंदगी बर्बाद हो गई है।’
अनुष्का यादव ने अलका को आगे लिखा, “शाम से लेकर सुबह तक न्यूज़ देख लीजिएगा दीदी। मैं बोली थी न बदला लूँगी। वो मालदीव गए हैं निशु सिन्हा के साथ।” जब अलका ने कहा कि उन्होंने कोई न्यूज़ नहीं देखी है, तो अनुष्का ने फुँफकारा, “न्यूज़ अब चलेगी।” इस चैट में तेजस्वी यादव का नाम आना ये बताता है कि लालू परिवार को सबकुछ पहले से पता था, वरना बात ‘बेबी प्लानिंग’ तक नहीं पहुँचती।
जिस निशु सिन्हा का जिक्र आ रहा है, बताया जाता है कि उनका घर बिहार के ही खगौल में है। वहीं जिस अनुष्का यादव का जिक्र आ रहा है, उसकी कहानी BN कॉलेज से शुरू होती है जहाँ वो और तेज प्रताप एक साथ पढ़ाई करते थे। प्रेम कहानी में एक तीसरा किरदार भी है – आकाश यादव, अनुष्का का भाई। कहते हैं, आकाश की राजनीतिक महत्वाकांक्षाएँ आकाश में पतंगों की तरह ऊँची उड़ती हैं। तेज प्रताप का हाथ सर पर पड़ा तो पार्टी में तेज़ी से उदय भी होने लगा। लेकिन, तथ्य तो ये है कि लालू यादव का अपनी राजनीतिक विरासत को लेकर हमेशा अपने छोटे बेटे तेजस्वी पर ही भरोसा रहा और दिल्ली में हुई कार्यकारिणी तक में वो ये ऐलान कर चुके हैं।
आकाश को बिहार छात्र राजद के अध्यक्ष पद से नवाज़ा गया। हालाँकि, इसे लेकर राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह और तेज प्रताप के बीच टकराव भी सामने आया। कहते हैं, पार्टी के एक कार्यक्रम में उन्होंने पोस्टरों में तेज प्रताप को मुख्य बनाकर तेजस्वी को गोल कर दिया था। परिणामस्वरूप, गाज गिरी और हटा दिए गए। तेज प्रताप ने बगावत कर दी। 2021 की इन घटनाओं की कड़ी को आप आज से जोड़िए, बहुत कुछ समझ आ जाएगा। अब हम आपको इससे भी आगे की जानकारी देते हैं।
आकाश यादव अपने मेंटर तेज प्रताप यादव का सोशल मीडिया भी देखा करते थे। यानी, जैसे लालू-तेजस्वी के सोशल मीडिया हैंडल्स पर संजय यादव की छाप दिखती है वैसे ही तेज प्रताप यादव के फेसबुक पोस्ट आकाश यादव लिखा करते थे। एक और चीज गौर कीजिए – सामान्यतः ऐसे बड़े ऐलान ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) के माध्यम से किए जाते रहे हैं, लेकिन तेज प्रताप यादव का ये पोस्ट फेसबुक से हुआ। खैर, ये चिंतन का विषय है। पोस्ट फेसबुक से ही क्यों हुआ, ‘X’ से क्यों नहीं?
आकाश यादव को पार्टी के हटाए जाने के बाद बागी तेज प्रताप यादव इतने नाराज़ हो गए थे कि उन्होंने जगदानंद सिंह के खिलाफ न्यायपालिका का दरवाजा तक खटखटाने का ऐलान कर दिया था। उन्होंने घोषणा की थी कि जगदानंद सिंह पर जबतक कार्रवाई नहीं होगी तबतक वो पार्टी की किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं होंगे। आकाश यादव ने भी खुलकर तेजस्वी यादव पर हमला बोलना शुरू कर दिया था। बाद में वो पशुपति कुमार पारस की LJP में शामिल हो गए थे।
निशु सिन्हा की तस्वीरें भी सामने आई हैं, जिनमें वो लालू परिवार के साथ बिलकुल सहज नज़र आ रही हैं। एक तस्वीर में तो वो तेजस्वी यादव के साथ बैठी हुई हैं और एकदम सहज हैं। निशु सिन्हा पटना स्थित डॉन बॉस्को स्कूल में बतौर शिक्षक कार्यरत थीं। उनका नाम सामने आने के बाद इंस्टाग्राम पर ख़ुद को ‘अनुष्का प्रताप यादव’ लिखने वाले लड़की को समस्या होनी ही थी, सो हुई। निशु सिन्हा के भाई को भी दिल्ली में तमाम तरह की संपत्तियाँ दिए जाने की बातें चर्चा में हैं।

तेज प्रताप यादव के मालदीव जाने से लेकर तस्वीरें लीक होने तक: ये सब एक्सीडेंटल नहीं

तेज प्रताप यादव का मालदीव जाना या उन्हें भेजा जाना, निशु सिन्हा का उनके साथ जाना, अनुष्का यादव को सब पता होना, तस्वीरें लीक होना, फिर चैट लीक होना और तेज प्रताप यादव को पार्टी व परिवार से निष्कासित किया जाना – RJD से जुड़े क़रीबी सूत्र बताते हैं कि ये सब महज संयोग नहीं है, ये क्रोनोलॉजी अपने भीतर कई राज़ छुपाए हुए है। राजद ने शुरुआत में वायरल हो रही तस्वीरों को सोशल मीडिया से हटवाने में रुचि नहीं दिखाई, ये भी हमारे सूत्र बताते हैं। ये सब पार्टी में फ़िलहाल संजय यादव ही देख रहे हैं। हरियाणा वाले संजय यादव तेजस्वी के पुराने रिश्तेदार हैं, पार्टी में फ़िलहाल जितनी उतनी चलती है उतनी किसी की नहीं, ख़ासकर के जगदानंद सिंह के बिस्तर पकड़ने के बाद से।

अब तीन-तीन लड़कियों से शादी कर उनका जीवन बर्बाद करने वाले तेज प्रताप यादव को दोषी बताया जाए या फिर उनके खिलाफ परिवार और पार्टी में ही बड़े स्तर पर साजिश के दावे को सही मानकर उनसे सहानुभूति जताई जाए? दोनों ही बातें हैं शायद, लेकिन लालू यादव और उनका पूरा परिवार इस प्रकरण में दोषी ही दोषी नज़र आ रहा है। सबकुछ पता होने के बावजूद निष्कासन का ड्रामा तब खेला गया, जब चीजें सार्वजनिक हुईं (या करवाई गईं?)। सुभाष यादव भी कह रहे हैं कि केवल लालू यादव ही नहीं, पूरे परिवार और समाज को इसके बारे में पता था।

बिहार की राजनीति में ऐश्वर्या राय और अनुष्का यादव – अहीर परिवार की दो-दो लड़कियों के साथ अन्याय का मामला तूल पकड़ने वाला है। BJP जल्द ही इस मामले को आगे बढ़कर उठाती हुई दिखेगी। उसके अन्य घटक दल भी इस मुद्दे को लेकर लालू परिवार को निशाना बनाएँगे। पटना से लेकर मालदीव तक हुई इस हलचल के कारण दिल्ली में भी गहमागहमी है। इसी साल अक्टूबर में बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं। अभी इस प्रकरण की कई परतों का उधड़ना बाकी है, इंतज़ार कीजिए!

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