ट्रंप के 2 हफ्ते 2 दिन में ही पूरे हो गए; अमेरिकी हमले का बदला ईरान इज़रायल से लेगा

सुभाष चन्द्र 

दो दिन पहले ट्रंप ने कहा था कि वो ईरान पर हमला करने के लिए 2 हफ्ते में निर्णय लेंगे क्योंकि ईरान से बातचीत चल रही है। लेकिन दो हफ्ते मात्र दो दिन में ही पूरे हो गए जो अमेरिका ने कल रात ही ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों फोर्ड़ों, नतांज़ और इस्फ़हान पर जबरदस्त हमले कर उन्हें ख़त्म कर दिया

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ईरान की बौखलाहट स्वाभाविक है जिसने कहा है कि अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन किया है और ईरान ने यह भी कहा कि अमेरिका को अब भारी नुकसान के लिए तैयार रहना चाहिए एक दिन पहले ही ट्रंप ने कहा था कि फोर्ड़ों को उड़ाना अकेले इज़रायल के बसकी बात नहीं है शायद वह इशारा था कि हम ही कुछ करेंगे G7 से निकल कर जाना भी शायद इसी बात का संकेत था जब ट्रंप ने कहा था मैं किसी बड़े काम के लिए वापस गया था और यही योजना बनाने के लिए वो कनाडा से चले गए थे

ईरान ने दावा किया है कि उसने यूरेनियम इन ठिकानों से पहले ही निकाल लिया था ऐसा लगता है अमेरिका ने जो 2 हफ्ते की बात की थी फैसला करने की, उससे शह पाकर ईरान ने अपना यूरेनियम निकालना शुरू कर दिया होगा जिसका आभास अमेरिका को जैसे ही हुआ, उसने हमला कर दिया जिससे ईरान का परमाणु कार्यक्रम ठप हो जाए

वैसे तो परमाणु हथियार कई देशों के पास हैं लेकिन यह बात निश्चित है कि ईरान और पाकिस्तान के पास परमाणु हथियारों का होना विश्व की सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा बन सकते हैं शायद इसलिए ही इज़रायल ने भी कहा है कि ईरान के बाद उसका अगला निशाना पाकिस्तान होगा

पाकिस्तान ने तो एक बार कह दिया था कि ईरान पर यदि परमाणु हमला हुआ तो वो इज़रायल पर परमाणु बम चला देगा लेकिन अगले ही दिन मुकर गया वैसे भी मुनीर ने ट्रंप से साथ लंच करके जता दिया कि वह इज़रायल ईरान टकराव में अमेरिका के साथ है और पाकिस्तान में यह कहा जा रहा है कि मुनीर ने पाकिस्तान को इज़रायल के साथ खड़ा कर दिया

कुल मिलाकर पाकिस्तान OIC के उन सभी देशों का शत्रु बन गया जो ईरान के साथ खड़े हैं और हो सकता है भविष्य में ईरान पाकिस्तान के OIC में शामिल होने पर भी ऐतराज़ कर दे और पाकिस्तान इस्लामिक जगत में भी अलग थलग पड़ जाए

एक तरफ जहां ईरान अमेरिका को बदले के धमकी दे रहा है तो दूसरी तरफ उसने उन देशों को भी धमकी दी है जहां अमेरिका के सैनिक अड्डे हैं वे देश हैं Bahrain, Egypt, Iraq, Jordan, Kuwait, Qatar, Saudi Arabia, and the United Arab Emirates यानी ये सभी इस्लामिक देश हैं और इस तरह इस्लामिक वर्ड में भी दो फाड़ हो चुके हैं

अभी ईरान ने होर्मुज जलडमरूमध्य मार्ग को बंद करने की धमकी दी, वैसे यह काम वह अकेले नहीं कर सकता लेकिन अड़चन डाल सकता है और अगर ऐसा हुआ तो दुनिया भर में तेल संकट गहरा जाएगा क्योंकि उसी मार्ग से तेल की सप्लाई होती है

रूस कह रहा है कि अमेरिकी हमले से तीसरे विश्व युद्ध का खतरा बढ़ गया है लेकिन रूस के लिए यूक्रेन से उलझे हुए ईरान के लिए युद्ध लड़ना संभव नहीं होगा क्योंकि जब वह अकेला यूक्रेन से लड़ रहा है, वह भी उसे भारी पड़ रहा है और ईरान के लिए भी लड़ने लगा तो यूक्रेन की राह आसान हो जाएगी 

जहां तक चीन का सवाल है, वो ईरान को हथियार तो देगा लेकिन उसकी मंशा रहेगी अमेरिका ईरान के साथ युद्ध में उलझ कर थक जाए जिससे उसके लिए ताईवान पर कब्ज़ा करना आसान हो जाए

अमेरिका के सैनिक अड्डों पर ईरान के हमलों को NATO क्या अमेरिका पर सीधा हमला मानेगा, यह देखने वाली बात होगी और अगर वो ऐसा मानता है तो सभी NATO देशों को ईरान के खिलाफ युद्ध में कूदना पड़ेगा लेकिन तुर्की क्या करेगा जो ईरान का मित्र है

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