मालदा कालियाचक रथ मेला (फोटो साभार - न्यूज़ बाज़ार और एचटी बांग्ला से ली गई हैं)
क्या बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जेहादियों की गुलाम बन हिन्दू त्यौहारों पर पाबन्दी लगाती है? फिर हिन्दुओं को अपने त्यौहार मनाने के लिए कोर्ट की शरण में जाना पड़ता है। यह बंगाल के हिन्दुओं के लिए डूब मरने की बात है, जो चुनावों में इसकी चोट पर सहानुभूति दिखाकर वोट दे आते हैं। जब से बंगाल में ममता मुख्यमंत्री बनी है जेहादी अपनी शरीयत को लागू कर हिन्दुओं पर अत्याचार करते आ रहे हैं और उनकी गुलाम बनी ममता कालनेमि हिन्दू होने का ढोंग रचती रहती है। जिसे देख शंका होती है कि ममता क्या वास्तव में हिन्दू ब्राह्मण है? यदि वास्तव में हिन्दू है तो इसके पूर्वज जरूर ममता की हरकतों पर शर्मिंदा होंगे।
मेला का आयोजन श्री महाप्रभु मंदिर के पास होता है, जो करीब एक हफ्ते तक चलता है। रथ यात्रा इसका हिस्सा होती है। पुलिस ने सिर्फ रथ यात्रा की अनुमति दी है, लेकिन मेले की मंजूरी नहीं दी। पुलिस का कहना है कि इससे इलाके में कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा हो सकती है।
पुलिस का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में रथ यात्रा के दौरान असामाजिक तत्वों ने हत्या जैसी कई संगीन वारदातों को अंजाम दिया। इसलिए मेला को रोकने का फैसला स्थानीय प्रशासन ने टीएमसी सरकार के निर्देश पर लिया है। हिंदू समुदाय इस फैसले से नाराज है। यह सैकड़ों साल पुरानी परंपरा है, जो पहली बार ममता सरकार रोकने जा रही है।
মালদার কালিয়াচকে ৬২৯ বছরের পুরোনো জালালপুর রথযাত্রা উৎসবের পুলিশি অনুমতি না মেলায় রাজনৈতিক তরজা শুরু#RathYatra #Festival #Jalalpur #Malda #Kaliachak #Political #Police #Permission #WB #Bengal #WestBengal pic.twitter.com/ivgb0EfsvH
— DD Bangla News (@DDBanglaNews) June 19, 2025
629 साल पुराने रथ मेले को रोकने के फैसले से आयोजक भी हैरान हैं। उनका कहना है कि यह मेला सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि इलाके की अर्थव्यवस्था के लिए भी बहुत जरूरी है। इसमें हर जाति और धर्म के लोग शामिल होते हैं।
परिस्थितियों से मजबूर होकर आयोजकों ने अब जिला मजिस्ट्रेट (DM) और कोर्ट का रुख करने का फैसला किया है। रथ यात्रा समिति के सचिव गौतम मंडल ने कहा, “यह मेला बाबर और मुगलों के आने से भी पहले से हो रहा है। इसे सिर्फ वोट बैंक की राजनीति के कारण रोका जा रहा है।”
टीएमसी के राज्य महासचिव कृष्णेंदु नारायण चौधरी ने पुलिस के फैसले को सही बताया और इसे कानून-व्यवस्था का मामला कहा। वहीं, स्थानीय बीजेपी नेता अजय गांगुली ने आरोप लगाया कि यह फैसला दिखाता है कि पुलिस ने लिया है लेकिन इसके पीछे टीएमसी सरकार है।
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