मोदी/भाजपा विरोधियों ने बहुत शोर मचाया हुआ था कि मोदी ने व्यापार के लालच में अमेरिका के आगे घुटने टेक कर युद्ध-विराम को राजी हो गए। लेकिन मोदी मौके पर ही किसी बात का जवाब देना जानते हैं। और मौका मिलते ही उस अमेरिका को जवाब दे दिया जिसका विपक्ष डर दिखा रहा था। आज 2014 से पहले का भारत नहीं। कनाडा में G7 सम्मेलन में आतंकवाद के ही विरुद्ध नहीं आतंकवाद को समर्थन वालों के खिलाफ भी बोले। जो भारत में आतंकवाद के समर्थक और पाकिस्तान sleeper cells को भी चेतावनी देखी जा सकती है। वो दिन लद गए जब मुस्लिम वोटों के लिए इस्लामिक आतंकवादी हमलों को "हिन्दू आतंकवाद" और "भगवा आतंकवाद" के नाम पर हिन्दुओं को कलंकित किया जाता था। आज डंके की चोट पर दुनियां को भी बता दिया कि आतंकवाद का धर्म नहीं मजहब होता है और विश्व भी मान गया। दूसरे, ये वही विपक्ष है जो मोदी के गुजरात मुख्यमंत्री रहते अमेरिका को पत्र लिखते थे कि मोदी को अमेरिका आने का वीसा मत देना। लेकिन प्रधानमंत्री बनने पर सबसे पहला विदेशी निमंत्रण अमेरिका से ही मिला था।
राजनीति गलियारों में चर्चा है ट्रम्प से मिलने पर प्रधानमंत्री मोदी आतंकवाद को समर्थन देना बंद करने के साथ-साथ अमेरिका में पल रहे DeepState और Toolkit पर लगाम लगाएं।
दरअसल, कनाडा में जी-7 शिखर सम्मेलन के बाद पीएम मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर 35 मिनट तक बात की। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस कॉल के लिए ट्रंप ने ही आग्रह किया था। इस दौरान ऑपरेशन सिंदूर को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने इसकी जानकारी दी।
#WATCH | Foreign Secretary Vikram Misri says, "PM Modi told President Trump clearly that during this entire series of incidents, never were talks held at any level on India-America trade deal and mediation between India and Pakistan by America. The talks regarding cessation of… pic.twitter.com/C0yoPGHC2j
— ANI (@ANI) June 18, 2025
विदेश सचिव ने बताया कि पीएम मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप से कहा कि भारत कभी किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करता और आगे भी नहीं करेगा। इसके साथ पीएम मोदी ने यह भी कहा कि अब भारत आतंकवाद की घटनाओं को परदे के पीछे से नहीं लड़ेगा, बल्कि सीधे युद्ध की कार्रवाई के रूप में देखेगा। पीएम ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर अब भी जारी है।
प्राप्त समाचारों के अनुसार ट्रम्प ने मोदी को अमेरिका आने का निमंत्रण दिया, लेकिन मोदी ने व्यस्ता के चलते मना कर दिया परन्तु ट्रम्प ने भारत आने के मोदी के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया।
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