डेढ़ साल शादी चली, पत्नी को चाहिए मुआवजे में 12 करोड़ और मुंबई में फ्लैट; सुप्रीम कोर्ट भी हैरान

सुभाष चन्द्र
याद हो, जब देश में दहेज़ लेना-देना अपराध जोरो पर था तब बहुओं के जलने के समाचार भी खूब सुर्खियां बटोर जा रही थी, लेकिन बहु को जलाने में जेल किसी को नहीं हुई। शायद ही कोई दिन जाता हो अख़बार में ऐसी घटनाएं पढ़ने को नहीं मिलती हो वो भी पहले ही पेज पर। उन दिनों तो बस दूरदर्शन था। और टीवी भी शायद ही किसी मौहल्ले में 1/2 टीवी होते थे। रिपोर्ट होने पर पुलिस जेल में डाल तो देती थी, लेकिन पुलिस कार्यवाही जैसे ही आगे बढ़ती केस कमजोर होता जाता था और कोर्ट से जमानत मिलने में कोई दिक्कत नहीं होती थी। लेकिन जैसे-जैसे मुकदमा आगे चला लड़की पक्ष मैदान छोड़ भागते नज़र आया। सामने आया षड़यंत्र कि लड़की(बहु) और उसके घर वालों की लड़के के घर वालों से बदसलूकी करना, कदम कदम पर वधु और उसके मायके द्वारा लड़के पक्ष को अपमानित करना, गुलामों की तरह उनके साथ व्यवहार करना फैशन बन गया था।        

तीन दिन पहले तलाक के बदले मुआवजे के एक मुक़दमे में पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट में 12 करोड़ कैश और मुंबई की कल्पतरु हाउसिंग सोसाइटी में एक फ्लैट की मांग की जबकि उसकी शादी मात्र 18 महीने चली लगता है मोटी रकम हासिल करने के लिए ही उसने अमीर व्यक्ति से शादी की थी। मतलब शादी का टूटना आमदनी का साधन बन गया उसके लिए 

चीफ जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस के विनोद चंद्रन और जस्टिस एन वी अंजारिया की पीठ ने इतने भारी मुआवजे की मांग पर सवाल उठाते हुए महिला की शैक्षिक योग्यता पूछी तो पता चला वह MBA है और उसने IT Sector में काम किया हुआ है 

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चीफ जस्टिस गवई ने पूछा कि उसकी मांग क्या है? वह कोर्ट में स्वयं उपस्थित थी, उसने कहा कि उसे मुंबई में फ्री में एक फ्लैट और 12 करोड़ रुपया समझौते के तौर पर चाहिए 

शायद उसने कल्पतरु हाउसिंग सोसाइटी का घर मांगा था, जिस पर गवई साहेब ने कहा कि वह तो बहुत नामीग्रामी हाउसिंग सोसाइटी है

जब चीफ जस्टिस ने कहा कि आपकी शादी केवल 18 महीने चली और आप एक करोड़ रुपया एक महीने का मांग रही हो, तब महिला का जवाब था कि उसके पति के पास बहुत दौलत है और वह मुझे मानसिक तौर पर बीमार कहकर शादी तोडना चाहता है वह मुझे schizophrenic कहता है और कोर्ट से पूछा कि क्या वह स्वस्थ नहीं लगती? 

उसके पति की वकील माधवी दीवान ने कहा कि उसकी मांग कल्पना से परे है जिसका मतलब है वह हमेशा के लिए वित्तीय मदद चाहती है वह पढ़ी लिखी है और काम कर सकती है उसकी मांगे जरूरत से ज्यादा हैं और वह उसकी कानूनन अधिकारी नहीं है

बेंच ने पति के Income tax record से आमदनी की सूचना मांगी जो समझौते में सहायक हो सके उसमें बताया गया कि वर्ष 2015-2016 में पति ने अपनी आमदनी 2.5 करोड़ और एक करोड़ बोनस बताया था तब उसकी शादी महिला से नहीं हुई थी और इस तरह तब की आमदनी का वर्तमान से कोई लेना देना नहीं है

माधवी दिवान ने यह भी कहा कि महिला उनके विवादित घर में रह रही है जिसमें दो Parking spots भी हैं और उनसे भी आमदनी हो सकती है

बेंच ने कहा “Everything in Mumbai has value” और चीफ जस्टिस ने कहा कि वह पति के पिता की संपत्तियों पर अधिकार नहीं मांग सकती 

गूगल सर्च में मैंने देखा कि कल्पतरु हाउसिंग सोसाइटी में फ्लैटों की कीमत 4.69 करोड़ रुपये से लेकर 8.89 करोड़ रुपये तक है मतलब औसत भी समझी जाए तो 6 करोड़ का तो मैडम को फ्लैट चाहिए और 12 करोड़ नकद शादी है या बिज़नेस है

अंत में कोर्ट ने उसे 2 विकल्प दिए या तो फ्लैट ले ले जिसमें कोई कानूनी पचड़ा न हो और या एकमुश्त 4 करोड़ रूपए ले ले एक समय महिला ने यह भी आरोप लगा दिया कि उसके वकील को बहकाया गया है चीफ जस्टिस ने इस पर उसे फटकार मारी फिर एक और तुर्रा फेंका कि उस पर कई पुलिस केस दायर हो रखे हैं कोर्ट ने कहा अगर जररूत हुई तो उन्हें ख़त्म करने पर विचार किया जा सकता है और कोर्ट ने निर्णय सुरक्षित कर लिया

वैसे आजकल के हालात देख कर लगता है इस केस में पति भाग्यशाली है जो पत्नी उससे कोर्ट में लड़ रही है, उसे टपकाया नहीं

इस केस को देख कर लगता है शादी उस महिला ने केवल दौलत के लिए की थी और यह बहुत मामलों में देखा गया है

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