‘लव जिहाद देश के लिए खतरा’, "एक षड़यंत्र" : हरियाणा की अदालत ने शहबाज को सुनाई 7 साल की जेल; CAA विरोध में मोदी विरोध में हिन्दुत्व के अपमान का विरोध नहीं करना देश को पड़ रहा भारी

                                                                                                                                                                                            साभार 
हरियाणा की एक अदालत ने लव जिहाद को देश के लिए खतरा करार दिया है। अदालत ने कहा है कि भले ही कानून में इसको लेकर कुछ ना कहा गया हो लेकिन यह एक षड्यंत्र है। यह टिप्पणियाँ अदालत ने एक नाबालिग हिन्दू लड़की की FIR पर दायर मुकदमे में सुनाई है।

क्या ऐसी भाषा का इस्तेमाल इस्लाम के खिलाफ किया जा सकता था?
बेशर्म हिन्दू बर्दाश्त करते रहे 
 
जिस तरह देश में लव जिहाद और इस्लामिक धर्मांतरण का खेल चल रहा है, पक्ष और विपक्ष के हिन्दुओं में इस बात पर चर्चा शुरू हो रही है कि लव जिहाद की शिकार लड़की के पक्ष में खड़ा होने की बजाये पूरे परिवार का सामाजिक बहिष्कार किया जाये। जब तक हिन्दू महिलाओं में इसके दुष्परिणामों से सचेत किया जायेगा वह दिन दूर नहीं देश गज़वा-ए-हिन्द बन जायेगा। CAA विरोध में बने शाहीन बागों में हिन्दुत्व के विरोध में उठी आवाज़ों को मोदी विरोध में नज़रअंदाज़ करना दुर्भाग्यपूर्ण था। मोदी विरोध में हिन्दुत्व को दांव पर नहीं लगाना था। जिस तरह शाहीन बागों में हिन्दुत्व के लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया गया था अगर इस्लाम के विरुद्ध कर दिए होते कत्लेआम हो गया होता। बेशर्म हिन्दू सुनते रहे।       

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हरियाणा के यमुनानगर में जगाधरी की एक अदालत ने 17 जुलाई, 2025 को यह फैसला सुनाया। अदालत ने कहा कि उसके सामने आया मामला लव जिहाद है। अदालत ने लव जिहाद को देश की एकता और अखंडता के लिए खतरा बताया।

अदालत ने कहा कि भले ही भारतीय न्याय संहिता (BNS) और POCSO में लव जिहाद को लेकर कोई परिभाषा नहीं दी गई है लेकिन यह असल में मुस्लिम पुरुषों का गैर-मुस्लिम महिलाओं के साथ प्रेम में होकर उन्हें इस्लाम में धर्मांतरित करने का एक षड्यंत्र है।

यह फैसला जज रंजना अग्रवाल ने सुनाया। उन्होंने इस मामले में दोषी शहबाज को कुल 7 साल की सजा सुनाई। उसे एक मामले में 4 साल, एक में 2 साल और एक में 1 साल की सजा सुनाई गई है। उस पर POCSO समेत बाकी धाराओं में लगाए गए आरोप में यह सजाए सुनाई गईं।

अदालत ने उस पर ₹1 लाख का जुर्माना भी ठोंका। शहबाज एक 14 वर्षीय हिन्दू बच्ची को स्कूल जाते समय परेशान करता था। वह हिन्दू बच्ची पर दबाव बनाता था कि वह एक मुस्लिम नाबालिग के साथ रिश्ते में आ जाए।

वह इसके लिए लगातार बच्ची का पीछा करता था और उसका उत्पीड़न करता था। बच्ची ने इस मामले में नवम्बर, 2024 में मामला दर्ज करवाया था। अब कोर्ट ने इस मामले में अंतिम फैसला सुनाया है।

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