यमन : जमीन पर लिटा कम्बल ओढ़ा कर गोली मार दिल के उड़ा देते हैं चिथड़े… क्या ऐसे ही मिलेगी निमिषा प्रिया को ‘मौत की सजा’? : क्या है केरल की नर्स का मामला, क्या होता है ‘ब्लड मनी’

                               केरल की नर्स निमिषा प्रिया तस्वीर (फोटो साभार : NDTV)
केरल की नर्स निमिषा प्रिया को 16 जुलाई 2025 को यमन में मौत की सजा दी जाएगी। उन पर यमनी नागरिक तलाल अब्दो महदी की हत्या का आरोप है।

केरल की नर्स निमिषा प्रिया की जान अब खतरे में है। उन्हें अब सात समंदर पार फांसी देने की तैयारी है। यमन में उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई है। केरल के पलक्कड़ जिले की रहने वाली निमिषा प्रिया 2017 से यमन की जेल में बंद हैं। उन्हें हत्या का दोषी ठहराया गया है। मर्डर मामले में ही यमन की अदालत ने उन्हें मौत की सजा सुनाई है। 16 जुलाई 2025 को उनकी फांसी की तारीख तय की गई है। निमिषा प्रिया की फांसी पर अब भारत की नजर है। भारतीय विदेश मंत्रालय निमिषा की सजा को रोकने या कम करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है

इस मामले में केंद्र सरकार से राजनयिक हस्तक्षेप की माँग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के लिए 14 जुलाई 2025 की तारीख तय की है। निमिषा प्रिया इस समय यमन की राजधानी सना की सेंट्रल जेल में बंद हैं।

अब सवाल है कि आखिर केरल की नर्स निमिषा प्रिया कौन हैं? आखिर वह यमन क्यों गईं, उन्हें यमन में फांसी क्यों दी जा रही है, आखिर उनका जुर्म क्या है? आखिर निमिषा प्रिया कौन हैं? निमिषा प्रिया केरल के पलक्कड़ जिले की रहने वाली है। अपनी नर्सिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह 2011 में यमन गई थीं। उनके माता-पिता ने मजदूरी करके अपनी बेटी को यमन भेजने लायक बनाया। यहां उन्होंने नर्स का काम करना शुरू किया

कौन हैं निमिषा प्रिया?

निमिषा प्रिया ने साल 2015 में यमन की राजधानी सना’आ में एक मेडिकल क्लिनिक खोला। इसमें एक स्थानीय स्पॉन्सर तालाल अब्दो महदी ने उनकी मदद की। इससे एक साल पहले उनके पति और छोटी बेटी 2014 में आर्थिक तंगी के कारण भारत लौट आए थे। यमन में निमिषा की जिंदगी धीरे-धीरे मुश्किलों से घिरने लगी। यमन में उनकी जिंदगी भयावह हो ग इसके बाद उन्होंने अपनी जिंदगी को अंधेरे से बचाने के लिए जो किया, उसकी की सजा वह अब भुगत रही हैं

निमिषा पर खूब हुए सितम

सैमुअल जेरोम और अदालती गवाहियों के अनुसार, तालाल ने कथित तौर पर जाली दस्तावेजों के जरिए खुद को निमिषा का पति बताकर उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। उसने निमिषा का पासपोर्ट जब्त कर लिया, पैसे की उगाही की, और बार-बार धमकियां दीं

क्यों फांसी के फंदे तक पहुंची?

इन परिस्थितियों से तंग आकर साल 2017 में निमिषा ने यमन से भागने की कोशिश की। इसके लिए उन्होंने तालाल को बेहोश करने की योजना बनाई ताकि अपना पासपोर्ट वापस ले सकें। लेकिन कथित तौर पर दवा की अधिक मात्रा देने के कारण तालाल की मृत्यु हो गई। इसके बाद निमिषा को गिरफ्तार कर लिया गया। उन पर हत्या का आरोप लगाया गया। साल 2018 में यमन की एक अदालत ने उन्हें मौत की सजा सुनाई

यमन में ‘मौत की सजा’ कैसे दी जाती है?

यमन में मौत की सजा गोली मारकर दी जाती है। यह तरीका सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है। इसमें जिस व्यक्ति को सजा दी जानी होती है, उसे जमीन पर पेट के बल लेटाया जाता है और फिर कंबल से ढक दिया जाता है।

एक डॉक्टर पीछे से दिल के चारों ओर निशाना बनाता है, जहाँ गोली मारी जाती है। इसके बाद एक व्यक्ति ऑटोमैटिक राइफल से दिल में तीन-चार गोलियाँ मारता है।

यमन में मौत की सजा खुले में या निजी तौर पर भी दी जा सकती है। हालाँकि, पथराव या सिर कलम करने जैसे पुराने तरीके अब यमन में इस्तेमाल नहीं किए जाते हैं।

‘ब्लड मनी’ क्या है?

इस्लामी कानून के मुताबिक, हत्या के मामलों में सजा के 2 विकल्प हैं- किसास और दिया। किसास का मतलब ‘जान के बदले जान’ और दिया यानी ब्लड मनी। इस्लामी कानून में ‘दिया’ यानी ब्लड मनी ऐसा प्रावधान है जो सुलह का अवसर प्रदान करता है।

शरिया कानून के अनुसार, हत्या के मामलों में पीड़ित परिवार को यह तय करने का अधिकार होता है कि वे हत्यारे को माफ करेंगे या सजा दिलाएँगे। कुरान के अनुसार, माफी और ब्लड मनी को न्याय और दया का माध्यम बताया गया है।

कुरान की सूरह अल-बकरा, आयत 178 में उल्लेख है: “मगर यदि हत्यारे को पीड़ित के संरक्षक द्वारा क्षमा कर दिया जाए, तो ब्लड मनी को न्यायपूर्वक तय किया जाए और सम्मानपूर्वक भुगतान किया जाए। यह तुम्हारे पालनहार की ओर से एक दया और सुविधा है।”

निमिषा प्रिया के मामले में ‘ब्लड मनी’ पर सहमति क्यों नहीं बनी

यमन और कई अन्य इस्लामी देशों में ब्लड मनी का भुगतान परिवारों के बीच आपसी सहमति से तय होता है। निमिषा प्रिया को बचाने के लिए उनके परिवार और कुछ संगठन ब्लड मनी इकट्ठा कर रहे हैं। वे मृतक तलाल के परिवार को पैसा देकर निमिषा को माफ करवाने की कोशिश कर रहे हैं।

जानकारी के अनुसार, ब्लड मनी कारगर नहीं हो पा रही है क्योंकि, मृतक तलाल के परिवार ने अभी तक पैसा लेने पर सहमति नहीं जताई है। बता दें, कि बल्ड मनी की रकम 8 करोड़ हैं।

रकम के साथ मृतक तलाल के परिवार को एजुकेशन, मेडिकल के साथ कई अन्य सहयोग देने का भरोसा जताया है। लेकिन पीड़ित के परिवार ने पेशकश ठुकरा दी है।

निमिषा प्रिया का मामला

निमिषा प्रिया पर आरोप है कि उन्होंने 2017 में एक यमनी नागरिक ‘तलाल अब्दो महदी’ को नशीला इंजेक्शन दिया, जिससे उसकी मौत हो गई।

हालाँकि, निमिषा का कहना है कि तलाल के पास उनका पासपोर्ट था, जो वापस लेना चाहती थीं और उन्होंने उसे सिर्फ बेहोश करने की कोशिश की थी, मारने की नहीं।

मृतक तलाल के शव को टुकड़े-टुकड़े करके पानी की टंकी में डालने का भी आरोप है।

यमन की कोर्ट ने निमिषा को 2020 में मौत की सजा सुनाई थी। निमिषा प्रिया की आखिरी अपील को 2023 में यमन की सबसे बड़ी अदालत ने भी खारिज कर दिया था।

इसके बाद, जनवरी 2024 में यमन के हूती विद्रोहियों की सुप्रीम पॉलिटिकल काउंसिल ने भी उन्हें मौत की सजा देने की मंजूरी दे दी है।

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