झूठों के सरगना राहुल गाँधी ने बिहार में जीप पर चढ़वाकर जिससे कहलवाया ‘वोट चोरी’, वो निकला बड़ा फ्रॉड: चुनाव आयोग ने राजद BLA सुबोध कुमार के हर झूठ की खोली पोल

बिहार के नवादा में वोट अधिकार यात्रा में सुबोध कुमार से वोट चोरी का आरोप लगवाते राहुल गाँधी की तस्वीर (साभार : X_@RahulGandhi)
SIR को लेकर राहुल गाँधी और INDI गठबंधन जो हंगामा कर उपद्रव कर रहे हैं, लेकिन इनका हर प्रोपेगंडा बेनकाब हो रहा है। फिर भी झूठ का पुलंदा लिए राहुल गुमराह कर अपने LoP पद को कलंकित कर रहे हैं। 

कांग्रेस नेता राहुल गाँधी इस समय बिहार के नवादा में ‘वोट अधिकार यात्रा’ पर निकले हुए है। रैली के दौरान राहुल गाँधी की गाड़ी पर एक शख्स सवार होता है और चुनाव आयोग पर आरोप लगाकर कहता है कि ‘वोट चोरी’ हुई है और उनका नाम मतदाता सूची से हटा दिया गया है।

आश्चर्य नहीं कि चुनाव आयोग की फैक्ट चेक में यह दावा पूरी तरह झूठा निकला। चुनाव आयोग ने बताया कि सुबोध कुमार नाम का यह शख्य कोई आम मतदाता नहीं है, बल्कि ये राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का बूथ लेवल एजेंट (BLA) हैं और उसका नाम कभी भी वोटर लिस्ट में था ही नहीं।

चुनाव आयोग पर राहुल गाँधी का ‘नकली ड्रामा’

राहुल गाँधी को तथ्यों से कोई लेना-देना नहीं। वो हर चुनाव से पहले बच्चों जैसी जिद पर अड़े रहते हैं कि ‘वोट चोरी हो गई’ और हर बार चुनाव आयोग फैक्ट चेक कर उनके झूठ को उजागर करता है, फिर भी वो वही रट लगाते रहते हैं।

दरअसल, अपनी ‘मतदाता अधिकार यात्रा’ के दौरान नवादा में एक शख्स को मंच पर माइक थमाकर राहुल गाँधी ने कहा, “इनका नाम वोटर लिस्ट से काट दिया गया है, यही लाखों लोगों के साथ हो रहा है।” यह शख्स सुबोध कुमार था, जिसने राहुल गाँधी के रथ पर चढ़ते ही कैमरे के सामने आरोप जड़ा कि उसका नाम वोटर लिस्ट से गायब है।

राहुल गाँधी ने इस पूरे वाकये को रैली से लाइव दिखाया और फिर सोशल मीडिया पर आग की तरह फैलाया। X (पहले ट्विटर) पर पोस्ट कर कहा, “जो सुबोध कुमार जी के साथ हुआ, वही लाखों लोगों के साथ बिहार में हो रहा है। वोट चोरी भारत माता पर आक्रमण है– बिहार की जनता ये होने नहीं देगी।”

सुबोध कुमार नाम के व्यक्ति को मंच पर बुलाना, माइक थमाना और कैमरे के सामने आरोप लगवाना… यह सब पहले से स्क्रिप्टेड था। राहुल गाँधी ने इसे ‘भारत माता पर हमला‘ बताया। लेकिन असल हमला जनता की समझदारी पर किया गया छल था। रंजू देवी के झूठ के बाद अब सुबोध कुमार पर राहुल गाँधी की ‘वोट चोरी’ की कहानी हर बार फेल होती है।

फैक्ट चेक: चुनाव आयोग ने आरोपों को किया तार-तार

चुनाव आयोग की विस्तृत जाँच रिपोर्ट के अनुसार, सुबोध कुमार नाम का व्यक्ति कोई आम मतदाता नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का बूथ लेवल एजेंट है। 29 अक्तूबर 2024 को प्रकाशित सूची और फिर 2025 के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) में भी सुबोध कुमार का नाम कभी भी मतदाता सूची में नहीं था। उसके परिवार के कुछ सदस्य सूची में शामिल है, लेकिन खुद उसका नाम कभी दर्ज नहीं किया गया। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर प्रकाशित विलोपित मतदाताओं की सूची में भी उसका नाम दर्ज नहीं है।

चुनाव आयोग बताता है कि सुबोध कुमार ने ना तो फॉर्म-6 भरा और ना ही किसी प्रकार का घोषणा पत्र (Annexure-D) दिया। जब बीएलओ ने विलोपित मतदाताओं की सूची बूथ पर चिपकाई तब सुबोध वहीं मौजूद था, लेकिन उसने कोई आपत्ति नहीं दर्ज की। तस्वीरों में साफ दिख रहा है कि वह स्वयं हस्ताक्षर कर चुका है, फिर भी मंच पर दावा किया कि उसका नाम हटा दिया गया। चुनाव आयोग ने कहा कि सुबोध कुमार ने जो आरोप लगाए, वो निराधार एवं असत्य है। यदि वे भविष्य में नियमानुसार फॉर्म-6 एवं घोषणा पत्र प्रस्तुत करेंगे तो उनका नाम जोड़ा जा सकता है।

बार-बार दोहराया गया झूठ

यह पहला मौका नहीं है जब राहुल गाँधी ने इस तरह का निराधार आरोप लगाया है। इससे पहले, औरंगाबाद में उन्होंने रंजू देवी नाम की एक महिला का मामला उठाया था, यह दावा करते हुए कि उनका नाम भी वोटर लिस्ट से हटा दिया गया है। लेकिन बाद में रंजू देवी ने खुद एक वीडियो में बताया कि उनका नाम मतदाता सूची में मौजूद है और उन्हें गुमराह किया गया था।

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राहुल गाँधी का बार-बार एक ही तरह के निराधार आरोप लगाना, एक बच्चे की तरह रट्टा लगाने जैसा लगता है, जो ‘फैक्ट चेक’ के बाद भी अपनी बात पर अड़े रहते हैं। यह न सिर्फ उनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाता है, बल्कि चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्था पर भी गलत आरोप लगाने का प्रयास करता है।

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