राहुल गाँधी की गाड़ी के नीचे आया पुलिस का जवान, पत्रकार भी हो चुके हैं अराजकता के शिकार: लालू यादव के तेज प्रताप ने भी खोली ‘वोटर अधिकार यात्रा’ की पोल; महिला पत्रकारों के साथ बदतमीजी

                            राहुल गाँधी वोटर अधिकार यात्रा (फोटो साभार: आज तक)
राहुल गाँधी वोटर लिस्ट रिवीजन (SIR) के खिलाफ ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के तहत मंगलवार (19 अगस्त 2025) को गयाजी से नवादा पहुँचे। इस दौरान राहुल गाँधी की गाड़ी के नीचे सुरक्षा में तैनात एक पुलिसकर्मी आ गया।

जानकारी के मुताबिक, वहाँ मौजूद अन्य सुरक्षाकर्मियों ने खींचकर पुलिसकर्मी को बाहर निकाल लिया, जिससे उसकी जान बच पाई। राहुल गाँधी की इस यात्रा को लेकर पहले भी अनियमितताओं के आरोप लग चुके हैं।

इससे पहले स्वराज पोस्ट नामक चैनल के एडिटर इन चीफ और बिहार के पत्रकार कन्हैया भेलारी ने एक्स पर ट्वीट करते हुए तमाम लापरवाहियों का खुलासा किया था। सोमवार (18 अगस्त) को अपनी एक पोस्ट में उन्होंने बताया कि कैसे राहुल गाँधी की इस यात्रा में मीडियाकर्मियों तक के लिए कोई व्यवस्था नहीं है, उल्टे उन्हें भी अराजकता का सामना करना पड़ रहा है।

उन्होंने लिखा, “सासाराम में वोटर अधिकार यात्रा के लिए चयनित स्थल पर बाहर से गए मीडियाकर्मियों को घोर कुब्यवस्था व आराजकता का सामना करना पड़ा।”

उन्होंने आगे लिखा, “एक पत्रकार बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़े। दिल्ली से आईं कुछ महिला पत्रकारों ने कहा कि अब वो कभी किसी खबर को कवर करने बिहार नहीं आयेंगी। उनके साथ बदतमीजी की गई है। दरअसल मीडिया की देखभाल की जिम्मेदारी कांग्रेस को दी गई थी जबकि बाकी सबकुछ आरजेडी के जिम्मे था।”

मीडियाकर्मियों के साथ अमानवीयता की एक और घटना का खुलासा लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने भी किया था।

तेज प्रताप ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा था, “मुझे समझ नहीं आ रहा है कि राहुल गाँधी और तेजस्वी यादव लोकतंत्र बचाने के लिए निकले हैं या फिर लोकतंत्र को तार-तार करने निकले हैं। क्योंकि जिस प्रकार से नबीनगर विधानसभा से विधायक विजय कुमार सिंह उर्फ डब्लू सिंह के गाड़ी चालक को और उसके साथ एक मीडिया पत्रकार भाई को जयचंद द्वारा मारा-पीटा और गाली गलौज किया गया है, यह बेहद ही गलत और शर्मनाक है।”

उन्होंने आगे लिखा, “मैं इसकी कड़ी आलोचना करता हूँ। मैं तेजस्वी को कहना चाहता हूँ अभी भी समय है। अपने आस पास के जयचंदो से सावधान हो जाओ नहीं तो चुनाव में बहुत बुरा परिणाम देखने को मिलेगा। अब आप कितने समझदार हैं यह चुनाव परिणाम तय कर देगा।”

राहुल गाँधी बिहार में 16 दिनों की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ कर रहे हैं। इसकी शुरुआत उन्होंने रविवार (17 अगस्त 2025) को सासाराम से की थी। सबसे बड़ी बात ये है कि सासाराम के लोगों ने ही इस यात्रा के मकसद पर सवाल उठाए थे।

कांग्रेस और RJD को लेकर सासाराम के लोगों ने कहा था कि वे रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों को बचाने के लिए, यह ढोंग कर रहे हैं। जहाँ एक तरफ राहुल गाँधी SIR के खिलाफ यह यात्रा निकाल रहें हैं, वहीं दूसरी तरफ बिहार के लोगों का कहना है कि चुनाव आयोग ने SIR की प्रक्रिया के तहत जो कुछ भी किया है वो सही है।

यात्रा को लेकर एक व्यक्ति ने कहा, “नाम देश में किसी का नहीं कटा है। कांग्रेस दोमुँही बातें करती है। कर्नाटक के मुद्दे को लेकर इसने पूरे देश में हंगामा मचाया कि वोटर लिस्ट गलत है। वहाँ चुनाव जीती भी। लेकिन जब यहाँ SIR के तहत चुनाव आयोग पूरी तरह लगा कि मतदाता सूची को शुद्ध कर दिया जाए, तो कांग्रेस ने फिर ड्रामा शुरू कर दिया है।”

वहीं एक शख्स ने राहुल गाँधी के आरोपों पर कहा था, “जिसका खानदान ही चोर हो और अगर वो दूसरे को चोर बोले तो यह ठीक नहीं है। सरदार पटेल जी को प्रधानमंत्री बनना था लेकिन जवाहरलाल नेहरू बन गए और तभी से कॉन्ग्रेस वोट चोरी कर रही है।”

एक अन्य शख्स ने बातचीत के दौरान कहा, “कांग्रेस की वोट चोरी की परंपरा है। सबसे पहली वोट चोरी 1975 में हुई, जब इंदिरा गाँधी ने वोट चोरी कर चुनाव जीता, कोर्ट ने उनका चुनाव रद्द किया और देश को आपातकाल जैसा गंभीर परिणाम भुगतना पड़ा।”

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