सोनिया गांधी की तड़प फिलिस्तीन की आड़ में “हमास” के दरिंदों को समर्थन दे रही है; जो भी देश “फिलिस्तीन” को आज मान्यता दे रहे हैं, वो हमास के साथ खड़े हो रहे हैं जिसका परिणाम उन्हें भुगतना पड़ेगा

सुभाष चन्द्र

सोनिया गांधी गाहे बगाहे जब मर्जी मोदी सरकार पर गाज़ा को लेकर बरस पड़ती है और फिलिस्तीन की आड़ में वह “हमास” के  दरिंदों को समर्थन दे देती है। फिलिस्तीन का यासिर अराफात दुनिया का नामी आतंकी था लेकिन राजीव गांधी ने फिर भी उसके फिलिस्तीन को सबसे पहले मान्यता दी और हर सुख सुविधाएं दी जैसे वह कोई भारत का दामाद था लेकिन उसने कभी कश्मीर पर भारत का समर्थन नहीं किया लेकिन सोनिया गांधी भूल जाती है कि मोदी ने फिलिस्तीन की मान्यता वापस नहीं ली है परन्तु हमास के आतंकवाद का समर्थन भी नहीं किया

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दूसरी तरफ सोनिया गांधी ने क्या कभी हमास के इज़रायल पर 7 अक्टूबर, 2023 के हमले की निंदा की है जिसमें हमास ने कल्पना से परे बर्बरता करते हुए 1200 से ज्यादा निर्दोष इज़रायली नागरिकों और अन्य देशो के लोगों का नरसंहार किया सोनिया गांधी कभी उस बर्बर हमले की निंदा नहीं करती जिसका मतलब है वह परोक्ष रूप से हमास को समर्थन देती है सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर सवाल उठाते हुए यह क्यों नहीं कहा कि हमास को इज़रायल के बंधकों को बिना शर्त तुरंत रिहा कर देना चाहिए

सोनिया गांधी को यह भी नहीं भूलना चाहिए कि फिलिस्तीन नरेंद्र मोदी को 2018 में अपने देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान The Order of the State of Palestine दे चुका है लेकिन सोनिया गांधी ने मोदी को उसके लिए कोई बधाई नहीं दी थी, वैसे तो मोदी को 27 देश अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान दे चुके हैं लेकिन सोनिया गांधी ने उनके लिए कभी मोदी को बधाई देना जरूरी नहीं समझा

सोनिया गांधी को यह भी नहीं भूलना चाहिए कि भारत से सब कुछ लेने के बाद भी यासिर अराफात ने  राजीव गांधी को अपने देश का सर्वोच्च सम्मान नहीं दिया अलबत्ता इंदिरा गांधी को जब भी मिलता था तो गले मिलकर चूमता जरूर था जबकि आज महमूद अब्बास नरेंद्र मोदी को शांति प्रक्रिया में योगदान देने वाला महत्वपूर्ण नेता मानता है 

सोनिया गांधी ने कहा कि हाल ही में फ्रांस, ब्रिटेन, कनाडा, पुर्तगाल और ऑस्ट्रेलिया जैसे कई देशों ने फिलिस्तीन को राज्य का दर्जा दिया है लेकिन साथ में यह कहते हुए निंदा भी करते हुए कहा कि मानवाधिकार और न्याय के लिए बहुत देर से यह घोषणा की गई है

सोनिया ने राग अलापा कि पहले मज़बूत थी भारत की आवाज़ लेकिन जो आवाज़ कभी आज़ादी और मानव गरिमा के पक्ष में मजबूती से खड़ी रहती थी वह आज बेहद कमजोर हो गई है

जिन देशों की बात सोनिया गांधी फिलिस्तीन को मान्यता देने के लिए कर रही हैं, उन्होंने बहुत उदार बनकर हर देश के मुस्लिम शरणार्थियों को अपने देश में जगह दी थी जो आज उनके देशों को जला रहा हैं ब्रिटेन तो टूट की कगार पर खड़ा है जहां लाखों लोग अब मुस्लिमों को बाहर निकलने के लिए सड़कों पर उतर चुके हैं और ऐसा यूरोप के कई देशों में हो रहा है ये देश फिलिस्तीन को मान्यता देकर भी कल पछताएंगे

सोनिया गांधी को मोदी और नेतन्याहू की दोस्ती खटकती है और आज जो वह गाजा में मरने वालों और फिलिस्तीन के लिए टसुए बहा रही है, वह आने वाले बिहार और बंगाल के चुनाव को ध्यान में रखकर कर रही है सोनिया गांधी को पता है मुस्लिम दुनिया भर में कहीं का हो, वह अपनी कौम के लिए कांग्रेस को वोट दे देगा 

एक इटली वाली मेलोनी कह रही है “हमास बाहर हो, इज़रायली बंधक रिहा हो, तब देंगे फिलिस्तीन को मान्यता”  इटली वाली भारत में बैठी सोनिया गांधी को भारत की आवाज़ सुनाई न दे तो कोई क्या करे लेकिन मेलोनी ने कहा है India can play a "very important role" in resolving global conflicts.

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