अपने अपने इष्ट देव या अल्लाह से मुहब्बत करने का हक़ सभी को है लेकिन ये मुहब्बत हर जगह होनी चाहिए; मुस्लिमों द्वारा हिन्दू नामों से चला रहे हर दुकानों, ढाबों, होटलों या रेस्टोरेंट पर यह I Love Muhammad क्यों नहीं लिखते?

सुभाष चन्द्र

जब भी हिन्दू त्यौहार आते हैं मुस्लिम कट्टरपंथी मुस्लिम तुष्टिकरण करने वाले मुस्लिम वोटों के भूखे सियासतखोरों की कन्धों पर देश का माहौल ख़राब करते रहते हैं। लेकिन ये सभी उपद्रवी भूल रहे हैं कि जिस दिन हिन्दू समाज बदले की भावना पर आया कोई कानून हिन्दुओं को बदले की भावना से रोक नहीं पाएगा। भगवान विष्णु की खंडित मूर्ति को ठीक करने के लिए भगवान विष्णु से ही प्रार्थना करने के लिए कहने वाली सुप्रीम कोर्ट भी कुछ बोलने की हिम्मत नहीं कर पाएगी। अपनी मुस्लिम पहचान छुपाकर हिन्दू नाम रखकर व्यापार करेंगे लेकिन हिन्दुओं को ही अपमानित करेंगे आखिर कब तक? ये I Love Muhammad कुछ नहीं बहुत गहरा षड़यंत्र है। किसी भी मुस्लिम मुल्क में I Love Muhammad के बैनर लेकर सड़क पर उतरने की हिम्मत नहीं कर सकते। यह कटु सत्य है।   

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चर्चित YouTuber 
कांवड़ यात्रा के समय में जब उत्तर प्रदेश सरकार समेत कुछ राज्यों में दुकानों, ढाबों, होटलों या रेस्टोरेंट पर मालिक का नाम लिखने के लिए आदेश दिए जाते हैं तो “सेकुलर” लोग तड़प उठते हैं कि ये मुसलमानों के अधिकारों पर हमला है 

अब पिछले दिनों यह मामला 4 सितंबर को कुछ जगहों ईद मिलाद-उन-नबी पर पैगम्बर मुहम्मद के जन्मदिन पर शुरू किया गया जब जुलूस के रास्तों पर I Love Muhammad के cutouts और पोस्टर लगाए गए यह पहले कभी नहीं हुआ था इसके प्रतिउत्तर में हिंदुओं ने भी I Love Mahadev आदि पोस्टर लगाने शुरू कर दिए देश के कई हिस्सों में I Love Muhammad को लेकर दंगे भी हो गए और मौलाना तौकीर रजा ने तो मुसलमानों के सड़कों पर उतरने की धमकी भी दे दी और बरेली में दंगे के बाद वो अंदर भी भेज दिए गए

अपने अपने इष्ट देव या अल्लाह से मोहब्बत करना और उसका इज़हार करना कोई अपराध नहीं है लेकिन उसके लिए ऐसे नारे लगाए जाएं ये उचित नहीं है “गुस्ताख-ए-नबी की एक ही सजा, सर तन से जुदा, सर तन से जुदा” जब जब हिंदू त्योहार आते हैं कुछ न कुछ बवाल किया जाता था, हर शोभा यात्रा पर पत्थरबाज़ी की जाती है वह भी अक्सर जुमे के दिन नमाज के बाद और मस्जिदों से और अबकी बार तो अशोक चिन्ह को ही श्रीनगर में निशाना बना दिया गया। हैरानी की बात है कि केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को आड़े हाथ क्यों नहीं लिया?   

किसी को I Love Muhammad लिखना है शौक से लिख सकता है लेकिन यह नहीं हो सकता कि जहां चाहें वहां लिखें, लिखना है तो हर जगह लिखें, मुस्लिमों द्वारा चलाए जाने वाले हर दुकानों, ढाबों, होटलों या रेस्टोरेंट पर यह I Love Muhammad लिखों तो माना जाएगा कि आपको मुहम्मद से सच में मोहब्बत है नाम तो ढाबे और होटल का हिंदू का है “शंकर ढाबा” या “वैष्णव होटल” लेकिन मालिक मुस्लिम है तो फिर असली गुस्ताखी तो अपने नबी से आप ही कर रहे हो क्योंकि इस्लाम में तो अल्लाह के सिवा दूसरा कोई हो नहीं सकता 

इसका मतलब आप कमाई के लिए तो दूसरे धर्म यानी हिंदू देवी देवताओं के नामों का उपयोग कर लेंगे मगर वहां I Love Muhammad लिखने की हिम्मत नहीं करेंगे 

विश्व के अनेक देशों में अब इस पर लगाम कसनी शुरू हो चुकी है जर्मनी, इटली, ब्रिटेन और फ्रांस के वामपंथी नेताओं ने अल्जीरिया, सोमालिया, सीरिया और अन्य इस्लामिक देशों से मुस्लिम शरणार्थियों को अपने देशों में घुसा कर अपने ही समाज की बर्बादी को निमंत्रण दे दिया और आज ब्रिटेन जैसे देश के मूल निवासी अपने को अल्पसंख्यक महसूस कर रहे हैं और आवाज़ उठा रहे हैं कि शरणार्थियों को बाहर करो 

ट्रंप ने UNO में आरोप लगाया है और यूरोपीय देशों को चेतावनी दी है कि उन पर पलायन के जरिए हमला हो रहा है और ये देश “नरक” की ओर बढ़ रहे हैं 

UN मुख्यालय के मंच से ट्रंप ने पश्चिमी देशों पर पलायन के जरिए हमला होने का दावा किया 

ट्रंप ने पलायन को लेकर UN पर सबसे कड़े शब्दों में हमला बोला, उन्होंने कहा कि UN "पश्चिमी देशों पर हमले" को वित्तीय मदद दे रहा है और "खुले बॉर्डर की असफल नीति" को खत्म करने का समय आ गया है

ट्रंप में कमियां हैं लेकिन पश्चिमी देशों में मुस्लिम पलायन से उनके अस्तित्व के खतरे के लिए उसकी चेतावनी गलत नहीं है आखिर 57 इस्लामिक देश किसी भी देश के इस्लामिक शरणार्थियों को अपने देश में जगह क्यों नहीं देते। यह I Love Muhammad का सिद्धांत तो फिर हर जगह होना चाहिए और इस्लामिक देशों को अल्लाह के बंदों को अपने यहां शरण देनी चाहिए

भारत के मुस्लिम इतना ध्यान रखें कि जो मुस्लिम विदेश से भारत में आकर बसे हैं, वे चाहे रोहिंग्या हों या बांग्लादेशी, वो भारत के मुसलमानों के भी हक़ छीन रहे हैं उन्हें सावधान हो जाना चाहिए  

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