बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए राजनीतिक पार्टियाँ आधी आबादी को लुभाने की कोशिशों में लगी हुई है। आरजेडी ने वादा किया है कि अगर महागठबंधन को सत्ता मिलती है तो महिलाओं को माई- बहिन योजना के तहत हर महीने 2500 रुपए दिए जाएँगे। पार्टी इसको लेकर अभी से फॉर्म भरवा रही है। महिलाओं से उनके आधार कार्ड माँगे जा रहे हैं।
एनडीए ने आधार कार्ड नंबर लेने पर कड़ी आपत्ति जताई है और इसे गैर कानूनी कहा है। माई बहन मान योजना पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल कहते हैं, “यह योजना एक घोटाला है और जनता समझती है कि राजद और कांग्रेस झूठे वादे कर रहे हैं। महिलाओं को फॉर्म भरकर गुमराह किया जा रहा है और कहा जा रहा है कि उन्हें पैसा तभी मिलेगा जब पार्टी जीतेगी।”
Patna, Bihar: On Mai Bahin Maan Yojana, BJP State President Dilip Jaiswal says, "This scheme is a scam, and the public understands that the RJD and Congress are spreading false promises. Women were being misled with forms claiming they would receive money only if the party won… pic.twitter.com/ZQANg3Z6Bo
— IANS (@ians_india) September 10, 2025
नीतीश सरकार लेकर आई महिला रोजगार योजना
नीतीश सरकार ने महिलाओं के लिए महिला रोजगार योजना की शुरुआत की है। इसमें परिवार की एक महिला को तत्काल 10 हजार रुपए और 6 महीने बाद 2 लाख रुपए देने की योजना है। इसकी शुरुआत सितंबर में की जा रही है। इसको लेकर आरजेडी कह रही है कि ये माई बहिन मान योजना को देखते हुए लाया गया है।
क्या है माई बहिन मान योजना?
महागठबंधन के कार्यकर्ता और समर्थक महिलाओं के बीच जा रहे हैं और उनसे फॉर्म भरवा रहे हैं। ये फॉर्म दो तरह के हैं- एक है माई बहिन योजना और दूसरा तेजस्वी रोजगार योजना। जाहिर तौर पर पूर्व डिप्टी सीएम के नाम पर लोगों से रोजगार का वादा किया जा रहा है। वहीं माई बहिन मान योजना के तहत महागठबंधन की सरकार बनने पर हर जरूरतमंद महिला के खाते में हर महीने 2500 रुपए भेजे जाएँगे, इसका वादा किया जा रहा है।
आधार नंबर लेना गैरकानूनी
किसी भी योजना को लागू तभी किया जा सकता है जब सरकार उसे मंजूर करे। इसके लिए लाभार्थियों से सरकारी कागजात भरवाए जाते हैं और आधार कार्ड नंबर लिया जाता है। यहाँ मौजूद महिलाओं में ज्यादातर को योजना की पूरी जानकारी नहीं है। एक महिला ने कहा कि अगर धोखाधड़ी हुई, तो खूब पिटाई होगी।
चुनाव से पहले पार्टियाँ वादा कर सकती हैं। फॉर्म भरवाना या नागरिकों के पहचान पत्र लेना गैर कानूनी है। बिहार में महिलाओं की बड़ी आबादी अनपढ़ है। उन्हें ये नहीं पता है कि जो फॉर्म उनके नाम पर भरा जा रहा है, उसमें क्या है। ऐसे में झाँसे में लेकर फॉर्म भरवाना, कम पढ़े-लिखे और अनपढ़ महिलाओं को धोखा देना है।
बजट कहाँ से लाएँगे- प्रशांत किशोर
जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर ने महागठबंधन से कहा है कि माई बहिन मान योजना का बजट कहाँ से आएगा, पहले ये बता दीजिए। उन्होंने तेजस्वी यादव पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कैलकुलेटर लेकर भी इस योजना में कितना पैसा खर्च होगा, ये वह नहीं बता सकते। इतना बजट कहाँ से आएगा, ये बात तो छोड़ दीजिए।
फॉर्म भरवा रहे लोग कौन हैं?
आरजेडी और कांग्रेस माई बहिन मान योजना के फॉर्म भरवाने के लिए कई लोगों को काम में लगाया है। इनके पास किसी तरह की अथॉरिटी नहीं है, न ही कोई पार्टी से जारी किया गया पत्र है। ऐसे में पहचान पत्र लेने वाले लोगों की खुद की पहचान ही शक के दायरे में आ जाती है। ये पार्टी कार्यकर्ता हैं या बाहरी लोग हैं। फॉर्म भरवाने आयी एक महिला का कहना है कि वह पीआर एजेंसी की तरफ से आई हैं। पार्टी की कार्यकर्ता नहीं हैं। वह महिलाओं को बता रही हैं कि जब तेजस्वी यादव की सरकार आएगी, तो महिलाओं को हर महीने 2500 रुपए मिलेंगे।
कांग्रेस ने दिया था महिलाओं को ‘धोखा’
लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस ने घोषणा की थी कि वह महिलाओं को 1 लाख रुपए देगी। चुनाव में करारी हार के बाद महिलाएँ उन्हें वादा याद दिलाने पहुँची। कांग्रेस ने कई परिवारों को ‘गारंटी कार्ड’ वितरित किए थे। इसमें हर गरीब परिवार की महिला मुखिया को हर साल 1 लाख रुपए देने का वादा किया गया था। नतीजों के बाद कांग्रेस के नेता महिलाओं से बचते हुए नजर आए थे। महिलाएँ पैसे लेने कांग्रेस दफ्तर तक पहुँच गई थी।
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