अमेरिका में हिंदू नाम से ‘खतरनाक ड्रग’ वाली दवाइयाँ बेच रहे थे सादिक- इकबाल, US सरकार के प्रतिबंध के बाद जब्त होंगी संपत्तियाँ: ऑपइंडिया की पड़ताल में सामने आए कंपनी के कई राज

     प्रतिबंधित दवाओं को बेचने के आरोप में अमेरिका में लगा दो भारतीय, सैयद और शेख पर प्रतिबंध (साभार- Dall-E) 
अमेरिकी वित्त विभाग के विदेशी संपत्ति नियंत्रण कार्यालय (OFAC) ने (24 सितंबर 2025) बुधवार को दो भारतीय नागरिकों, सादिक अब्बास हबीब सैयद और खिजर मोहम्मद इकबाल शेख पर प्रतिबंध लगा दिया। इनलोगों पर फेंटेनाइल और दूसरे प्रतिबंधित और नकली दवाओं की आपूर्ति का आरोप है।

OFAC ने शेख की भारत स्थित ऑनलाइन फार्मेसी, KS इंटरनेशनल ट्रेडर्स पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। इसका संचालन KS फार्मेसी के नाम से होती थी। सादिक अब्बास पर आरोप है कि वह राकेश शर्मा नाम का इस्तेमाल कर ये गोरखधंधा कर रहा था।

आतंकवाद और वित्तीय खुफिया मामलों के अधिकारी जॉन के. हर्ले के अनुसार, यह कार्रवाई अमेरिका में परिवारों को फेंटेनाइल संकट से बचाने के अमेरिकी सरकार के प्रयास का हिस्सा है। उन्होंने कहा, “फेंटेनाइल ने बहुत से परिवारों को बर्बाद कर दिया है। इस जहर से फायदा कमाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करना जरूरी है।”

वैश्विक नशीली दवाओं के व्यापार में ऑनलाइन फार्मेसियों की भूमिका

प्रतिबंध लगाए जाने को लेकर कहा गया है कि केएस फार्मेसी जैसी संस्थाएँ अक्सर दवा उत्पादों के वैध विक्रेता होने का दिखावा करती हैं। वास्तव में, ये नकली गोलियों की तस्करी कर रही हैं, जिनमें फेंटेनाइल या मेथामफेटामाइन मिला होता है। इससे पहले, अमेरिकी ड्रग एन्फोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन (डीईए) ने अमेरिकी जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया। संस्थान का कहना है कि अमेरिकी नागरिक इसे ऑक्सीकोडोन, एडरॉल या ज़ैनैक्स जैसी दवाएँ मान कर खरीद रहे हैं।

ये प्रतिबंध ऑनलाइन फार्मेसियों, खासकर भारत से संचालित होने वाली फार्मेसियों पर लगा है। ये फॉर्मेसी सिंथेटिक ओपिओइड को बढ़ावा देने में लगी हुई हैं। ये संस्थाएँ अक्सर वैध दवा विक्रेता होने का दिखावा करती हैं, लेकिन अक्सर फेंटेनाइल या मेथैम्फेटामाइन से युक्त नकली गोलियाँ बेचती हैं।

अमेरिकी ड्रग एन्फ़ोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन (DEA) ने कहा था कि अमेरिका के खरीदारों को विश्वास दिलाकर गुमराह किया जा रहा है कि वे ऑक्सीकोडोन, एडरॉल या ज़ैनैक्स जैसी असली दवाएँ खरीद रहे हैं।

सैयद और शेख के खिलाफ कार्रवाई

अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, सैय्यद और शेख दोनों ने संयुक्त राज्य अमेरिका और डोमिनिकन गणराज्य स्थित तस्करों के साथ मिलकर काम किया। वे नकली गोलियों को रियायती दवाओं के रूप में बेचते थे और लेनदेन के लिए एन्क्रिप्टेड प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते थे। दोनों पर सितंबर 2024 में न्यूयॉर्क में मादक पदार्थों की तस्करी का आरोप भी लगा था।

दस्तावेज में कहा गया है कि केएस इंटरनेशनल ट्रेडर्स के मालिक शेख ने आरोपों के बावजूद अपनी ऑनलाइन फार्मेसी का संचालन जारी रखा।

न्यूयॉर्क में कार्रवाई हुई

सितंबर 2024 में, न्यूयॉर्क में लाखों फेंटेनाइल और मेथामफेटामाइन की गोलियाँ वितरित करने वाली नकली ऑनलाइन फार्मेसी चलाने वाले 18 लोगों का खुलासा किया गया। इनमें भारतीय नागरिक सादिक अब्बास हबीब सैय्यद और खिजर मोहम्मद इक़बाल शेख भी शामिल थे।

आरोप ये भी है कि सैय्यद अपने मूल को छिपाने और अवैध व्यापार में अपनी पहुँच बढ़ाने के लिए कई उपनामों से काम करता था, जिनमें हिंदू नाम ‘राकेश शर्मा’ और ‘जोनाथन अकोस्टा’ शामिल था। अधिकारियों ने आरोप लगाया कि डोमिनिकन तस्कर फ्रांसिस्को अल्बर्टो लोपेज रेयेस के नेतृत्व में इनलोगों ने नकली गोलियाँ बेचीं। इसके कारण अमेरिका में कई लोगों की ओवरडोज़ से मौत हो गई, जिसमें एक 45 वर्षीय अमेरिकी पूर्व सैनिक भी शामिल है। जाँच में न्यूयॉर्क में उद्योग बन चुके ‘गोली मिलों’ का भी पर्दाफाश हुआ। यहाँ नकली दवाओं को असली जैसा बनाया जाता था।

अमेरिकी प्रतिबंध का मतलब

अमेरिका में प्रतिबंध का अर्थ है कि सैयद, शेख और केएस इंटरनेशनल ट्रेडर्स की संयुक्त राज्य अमेरिका में कारोबार नहीं हो पाएगा और संपत्तियाँ जब्त होंगी। दूसरे वित्तीय संस्थानों और बिजनेसमैन को भी उनके साथ लेन-देन न करने की चेतावनी दी गई है।
केएस इंटरनेशनल ट्रेडर्स की जाँच में ऑपइंडिया को क्या मिला

ऑप इंडिया ने ऑनलाइन उपलब्ध फार्मेसी से संबंधित प्रतिबंधी दस्तावेज़ों और जानकारी की समीक्षा की है। शुरुआती जाँच में पता चला कि कंपनी ने खुद को एक वैध दवा आपूर्तिकर्ता बताते हुए डिजिटल फ़ुटप्रिंट बना रखा है, जबकि अंतर्राष्ट्रीय निगरानी रिपोर्ट में उसका नाम शामिल है।

दिलचस्प बात यह है कि केएस फार्मेसी नाम से संचालित वेबसाइट का एक स्क्रीनशॉट है जिसे हटा दिया गया है। यह साफ नहीं है कि वेबसाइट पर प्रतिबंध लगने के बाद इसे हटाया गया या पहले। हालाँकि, ऑप इंडिया को archive.org वेबसाइट पर कुछ पेज मिले हैं, जिन्हें आप देख सकते हैं।

आरकाइव पेज पर मिली जानकारी के अनुसार, कंपनी की उत्पाद सूची लंबी थी। वे लॉराज़ेपम, डायज़ेपम, क्लोनाज़ेपम नोज़िम, सिल्डेनाफिल साइट्रेट कोबरा, ज़ैनैक्स अल्प्राज़ोलम, अल्प्राज़ोलम, अल्पकोर और एटिवन लॉराज़ेपम की गोलियाँ बेच रहे थे। इंजेक्शन में इमुपेग, बोल्डारिक्स, फोंडापारिनक्स सोडियम, टेस्टोस्टेरोन एनैन्थेट और टेस्टोस्टेरोन साइपियोनेट शामिल थे। कैप्सूल में फिल्डेना सिल्डेना सॉफ्टजेल, टेराफ़ॉर्म न्यूट्रिशन एंटी एंग्ज़ाइटी एंड स्ट्रेस रिलीफ और ऑर्लिस्टैट शामिल थे।

हालाँकि वेबसाइट की WhoI जानकारी छिपाई गई थी, फिर भी ये पता चला है कि केएस इंटरनेशनल का सितंबर 2024 में अमेरिकी अदालत में ओपिओइड दवाओं के अवैध कारोबार में शामिल होने का सबूत मिला। हालाँकि, यह वेबसाइट दिसंबर 2024 में पंजीकृत हुई थी, जिससे इस बात की आशंका और पुख्ता हो जाती है कि शेख अपना दवा व्यवसाय जारी रखे हुए था।

                                                                         स्रोत- WhoIs

जीएसटी नंबर 27AAZFK8713F2ZQ की रिवर्स सर्च करने पर पता चला कि जीएसटी नंबर 27 जून 2024 को जारी किया गया था, जो कंपनी के खिलाफ अमेरिकी अदालत के फैसले से केवल तीन महीने पहले का था। 


केएस इंटरनेशनल ट्रेडर्स नामक कंपनी का इंडियामार्ट पेज है, जो लकड़ी के उत्पादों, फर्नीचर आदि का व्यापार करने का दावा करता है। प्रोफ़ाइल के अनुसार, कंपनी 2023 में पंजीकृत हुई थी और मुंबई से संचालित होती है। जीएसटी पार्टनर के नाम सबा असलम मिस्त्री और खिजर मोहम्मद इकबाल शेख बताए गए हैं।

                                                              स्रोत: IndiaMart

हालाँकि कंपनी अपने इंडियामार्ट पेज पर फ़र्नीचर बेचने का दावा करती है, लेकिन उत्पादों की समीक्षाएँ दिलचस्प हैं। हालाँकि यह साबित करना मुश्किल है कि समीक्षाएँ वास्तविक ग्राहकों ने पोस्ट की हैं या नहीं। लेकिन एक बात तो तय है कि वे लोग दवा बेच रहे थे।

उदाहरण के लिए, अमेरिका के एक ‘स्टीव’ ने 15 जून 2025 को अल्प्राज़ोलम टैबलेट के लिए एक समीक्षा लिखी और दावा किया कि उत्पाद ‘गुणवत्तापूर्ण’, कंपनी ‘विश्वसनीय’ और डिलीवरी ‘तेज’ है।

                                                              स्रोत- : Indiamart

अमेरिका के एक और ग्राहक स्कॉट रॉबर्ट हॉवर्ड ने 11 मई 2025 को कहा “ये लोग सबसे अच्छे हैं। मैं इनकी सिफारिश करता हूँ। मैंने इंडियामार्ट पर 5 लोगों से डील की है, और ये लोग अब तक के सबसे बेहतरीन हैं। ये बार वाकई कमाल के हैं।”

एक दूसरे ग्राहक, ‘रोनाल्ड कोलमैन’ ने डायजेपाम टैबलेट खरीदी। अल डेस्टेफ़ानो नाम के ग्राहक ने ऑक्सीडॉलर खरीदी जबकि डैनियल विल्सन ने क्लोनाज़ेपम खरीदी।

अल्प्राजोलम, डायजेपाम और क्लोनाजेपम

अल्प्राज़ोलम, डायजेपाम और क्लोनाज़ेपम, ये तीनों बेंजोडायजेपाइन टैबलेट हैं जिनका उपयोग चिंता, पैनिक डिसऑर्डर और अवसाद से जुड़ी बीमारियों में किया जाता है। ये दिमाग की न्यूरोट्रांसमीटर को बढ़ाकर काम करती हैं। हालाँकि इसे बार्बिटुरेट्स से ज्यादा सुरक्षित माना जाता है। लेकिन इसके दुरुपयोग, निर्भरता और ओवरडोज का खतरा बना रहता है। खासकर जब इसे शराब, ओपिओइड या दूसरी दवाओं के साथ लिया जाए। ओवरडोज से श्वसन लेने में तकलीफ या कोमा की स्थिति आ सकती है।

ऑक्सीडॉलर

ऑक्सीडॉलर दवा में ऑक्सीकोडोन पाया जाता है। यह एक दर्द निवारक दवा है, जिसका इस्तेमाल गंभीर या लंबे समय तक दर्द के बाद किया जाता है।अगर दूसरी दर्द निवारक दवाएँ काम नहीं करतीं है, तो इसे लिया जाता है। यह गोलियों, कैप्सूल, तरल, इंजेक्शन और लगातार राहत के लिए धीमी गति से रिलीज़ होने वाले फ़ॉर्मूले के रूप में उपलब्ध है।

प्रभावी होने के बावजूद, इसमें लत, निर्भरता और ओवरडोज़ का ख़तरा होता है। इसके इस्तेमाल से आम तौर पर मतली, कब्ज़ और निंदा आते हैं। ओपिओइड की वजह से होने वाले कब्ज़-एसिडिटी को कम करने के लिए डॉक्टर ऑक्सीकोडोन को नालोक्सोन के साथ मिला सकते हैं।

कंपनी की एक और वेबसाइट ‘www.kttradersandservices.in’ (आरकाइव लिंक) है, जिस पर सिर्फ फ़र्नीचर बिकते हैं। वेबसाइट पर साफ़ तौर पर KS Traders लिखा है और जानकारी उस कंपनी से मेल खाती है जिस पर प्रतिबंध लगाया गया है।

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