जब तक देश में जातिवाद नाम का आस्तीन का सांप जीवित है देश तरक्की नहीं कर सकता। जातिवाद देश में दीमक से कम नहीं। उदित राज की नौटंकी के अलावा होते चुनावों में हर पार्टी जातियों के मकड़जाल में फंसी नज़र आती है। चुनाव देश या राज्य का होता है या जातिवाद का? बेशर्म हिन्दू जाति के नाम पर आपस में लड़ता रहता है जबकि मुसलमानों में हिन्दुओं से बहुत ज्यादा जातियां है लेकिन मजहब के नाम पर एकजुट नज़र आते हैं। जबकि जाति के नाम पर इतना भेदभाव है कि एक जाति का मुसलमान दूसरी जाति के कब्रिस्तान और मस्जिद में नहीं जा सकता। इतना ही नहीं शादी तक नहीं होती। जाति के नाम पर लड़ने वाले बेशर्म हिन्दुओं को मुसलमानों से एकजुटता सीखनी चाहिए।
उदित राज ने “दलित” होने की वजह को घर खाली कराने के लिए वजह बता कर नौटंकी कर दी जबकि उसे पता नहीं सब कुछ Black & White में उपलब्ध है। आइए इसके बारे में सत्य को जानने की कोशिश करते हैं। वैसे आप कहेंगे कि मैं इस व्यक्ति पर इतना ध्यान क्यों दे रहा हूं लेकिन इसके दुष्प्रचार का जवाब देना जरूरी है।
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| लेखक चर्चित YouTuber |
उदित राज की पत्नी सीमा बंसल राज, Principal Director General of Income Tax को वही Type -VI B बंगला 10 फरवरी 2024 को अलॉट हो गया। यानी 2019 से 2024 तक उदित राज बंगले पर अवैध कब्ज़ा किए हुए था।
सीमा बंसल राज 30 नवंबर, 2024 को रिटायर हो गई और नियमों के अनुसार वे रिटायरमेंट के बाद 6 महीने तक बंगले में रह सकती थी यानी 31 मई, 2025 तक लेकिन वे समय सीमा के 5 महीने बाद तक बंगले में रही। उन्होंने अपने पिता की बीमारी और उनके निधन की वजह से और ज्यादा समय तक बंगले में रहने की अनुमति मांगी थी जिसे स्वीकार नहीं किया गया और Directorate of Estate initiated eviction proceedings under the Public Premises (Eviction of Unauthorised Occupants) Act.
Directorate ने अगस्त, 2025 में eviction आर्डर जारी किया लेकिन सीमा राज ने बंगला खाली नहीं किया और 24 अक्टूबर, 2025 को जबरन बंगला खाली करा लिया गया। उदित राज ने आरोप लगाया कि उसके परिवार का सामान सड़क पर फ़ेंक दिया गया जबकि कोर्ट में उनके मामले की सुनवाई 28 अक्टूबर तो निर्धारित है। कांग्रेस के वर्तमान चमचे उदित राज ने आरोप लगाया कि -
“Eviction was politically motivated and driven by caste-based discrimination and the action was ‘punishment’ for being a Dalit voice for the poor”.
उदित राज को हर बात में “दलित फैक्टर” का सहारा लेने की आदत पड़ गई है। वैसे तो यह आदत हर किसी को पड़ चुकी है। अभी हाल ही में SC/ST Act का सहारा एक ST व्यक्ति ने लिया जब एक्सिस बैंक का लोन उसने अदा नहीं किया तो ST Commissioner ने उसकी शिकायत पर बैंक के चेयरमैन को एक्ट में तलब कर लिया जिसे दिल्ली हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया, यह कह कर कि ऐसे मामलों में यह एक्ट लागू नहीं किया जा सकता।
यह कार्रवाई उदित राज के खिलाफ कैसे मानी जा सकती है? बंगला तो उसकी पत्नी को मिला हुआ था जो दलित नहीं, General cast की हैं और उनसे बंगला खाली कराया गया है। उदित राज अपना “दलित उत्पीड़न” कह कर नौटंकी क्यों कर रहा है? दलित होने के नाते जब 5 साल तक बंगले पर कब्ज़ा किए बैठा रहा, तब उसे ख्याल नहीं आया कि वो मौज ले रहा है गैर कानूनी तरीके से।
उदित राज के बच्चों के बारे में जब गूगल पर सर्च किया तो मिला कि -
“Udit Raj has two children: a son named Abhiraj and a daughter named Saveri. He shares them with his wife, Seema Raj, whom he married in 1990”.
He shares the (Children) with his wife. यह भाषा कभी सुनी नहीं, इसलिए समझ नहीं आया इसका क्या मतलब है?
ये उदित राज दलितों की ऐसी आवाज़ है जिसने सुभांशु शुक्ला के अंतरिक्ष में जाने पर भी सवाल उठा दिया था कि किसी दलित को क्यों नहीं भेजा गया? कब तक उदित राज दलित होने का रोना रोते रहोगे?

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