सच्चाई जाने बिना नूपुर शर्मा पर कटाक्ष करने वाले जस्टिस सूर्यकांत बनेंगे अगले मुख्य न्यायाधीश; भगवान रक्षा करे ऐसे मुख्य न्यायाधीश से

                                जस्टिस सूर्यकांत और सीजेआई गवई ( फोटो साभार- बार एंड बेंच)
वर्तमान सीजेआई गवई ने अगले सीजेआई के तौर पर सबसे वरिष्ठ जस्टिस सूर्यकांत के नाम को आगे बढ़ाया है। इसके साथ ही उनके अगले सीजेआई बनने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। वे हरियाणा के पहले व्यक्ति होंगे जो देश के चीफ जस्टिस बनेंगे। जस्टिस सूर्यकांत ने बीजेपी नेता नूपुर शर्मा से लेकर मुहम्मद जुबैर तक के मामले में ऐसी टिप्पणियाँ की, जिस पर देशभर में बहस हुई। मुहम्मद जुबेर को असली वीडियो को टेम्पर करने पर क्यों नहीं सजा दी जिस वजह से "सिर तन से जुदा" गैंग सड़क पर आया। दूसरे, 
"सिर तन से जुदा" गैंग को समर्थन देने वालों पर क्यों नहीं कार्यवाही की? कन्हैया का "सिर तन से जुदा" करने वालों को अब तक फांसी क्यों नहीं हुई? उलटे नूपुर को ही दोषी करार कर दिया। कम से कम हदीस तो देख लेते। नूपुर ने अपने मन से तो कुछ नहीं बोला था।      

अगला सीजेआई होंगे जस्टिस सूर्यकांत

भारत के मुख्य न्यायाधीश भूषण आर गवई ने सोमवार (27 अक्टूबर 2025) को केंद्र सरकार से जस्टिस सूर्यकांत को अगला सीजेआई नियुक्त करने की सिफारिश की। जस्टिस सूर्यकांत सुप्रीम कोर्ट के सबसे सीनियर जस्टिस हैं। इसके साथ ही सीजेआई गवई के उत्तराधिकारी की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

सीजेआई गवई 23 नवंबर 2025 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। जस्टिस सूर्यकांत का शपथ ग्रहण समारोह 24 नवंबर 2025 को होगा। वे भारत के 53वें चीफ जस्टिस होंगे। उनका कार्यकाल 14 महीने का होगा। 9 फरवरी 2027 को वे अपने पद से सेवानिवृत्त हो जाएँगे।

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्य न्यायाधीश गवई ने न्यायमूर्ति सूर्यकांत को ‘हर तरह से पदभार संभालने के लिए उपयुक्त और सक्षम’ बताया। उन्होंने कहा कि उनके उत्तराधिकारी ‘संस्था के प्रमुख के रूप में वे एक एसेट साबित होंगे।’ कानून की बारीकियों पर उनकी गहरी पकड़ है।

जस्टिस सूर्यकांत ने अब तक के करियर में कई ऐतिहासिक फैसले सुनाए। कई बार ऐसी टिप्पणियाँ की, जिस पर देशभर में बहस छिड़ गई।

नूपुर शर्मा मामले में जस्टिस सूर्यकांत की टिप्पणी

बीजेपी की प्रवक्ता रहीं नूपुर शर्मा के मामले में सुनवाई कर रहे जस्टिस सूर्यकांत ने कहा था, “देश में जो कुछ हो रहा है, इसके लिए वह अकेली जिम्मेदार हैं।” दरअसल नूपुर शर्मा के बयान के समर्थन में सोशल मीडिया पर पोस्ट करने वाले राजस्थान में कन्हैयालाल की इस्लामी कट्टरपंथियों ने हत्या कर दी थी। जस्टिस सूर्य कांत ने सुनवाई के दौरान नूपुर शर्मा को जिहादियों द्वारा की गई हत्या का जिम्मेदार ठहराया था।

बोलने की आजादी की वकालत करने वाले जस्टिस सूर्य कांत ने नूपुर शर्मा को उनके बयान पर माफी माँगने और डिबेट में हिस्सा लेने के लिए फटकारा भी था। नूपुर शर्मा ने एक टीवी डिबेट में पैगंबर मुहम्मद को लेकर अपनी बात रखी थी। लेकिन ऑल्ट न्यूज वाले मोहम्मद जुबैर ने उनकी आधी वीडियो को शेयर किया और इस्लामी कट्टरपंथी इसे पैगंबर मोहम्मद का अपमान बताकर नूपुर शर्मा की जान लेने पर तुल गए।

उन्हें देश के कट्टरपंथियों से ही नहीं बल्कि दूसरे इस्लामी देशों तक से धमकियाँ आईं। विवाद इतना बढ़ा कि जिन लोगों ने नूपुर शर्मा का समर्थन किया उन्हें भी धमकियाँ दी गईं और कन्हैया लाल जैसों को तो मौत के घाट उतार दिया गया।

जस्टिस सूर्यकांत के खिलाफ महाभियोग चलाने की हुई थी माँग

नूपुर शर्मा केस में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस पादरीवाला की टिप्पणी के खिलाफ सोशल मीडिया पर उन पर महाभियोग चलाने की माँग की गई थी। इसके लिए जोरदार हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। www.change.org प्लेटफॉर्म पर कुछ घंटों में करीब 10 हजार लोगों ने इस पर साइन किया था। इसके भीतर सांसदों को संबोधित करते हुए कहा गया था, “सभी सांसदों, ये जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी पारदीवाला के विरुद्ध महाभियोग चलवाने के लिए शुरुआत है।” हालाँकि महाभियोग नहीं चलाया जा सका।

स्वाति मालीवाल केस में जमकर फटकारा

आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद रहीं स्वाति मालीवाल पर तत्कालीन सीएम अरविंद केजरीवाल के घर पर हुए हमले को लेकर उन्होंने सत्ता को झकझोरने वाली टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था, “मुख्यमंत्री का आवास है या किसी गुँडे का अड्डा?” आरोपित विभव कुमार की ओर मुखातिब होकर पूछा, “एक महिला के साथ ऐसा व्यवहार करते हुए शर्म नहीं आई? जब एक महिला रो रही थी, अपनी शारीरिक स्थिति बता रही थी, तभी भी आरोपित न रुका और न ही रोका गया- ये निंदनीय है।” दरअसल स्वाति मालीवाल को सीएम आवास पर केजरवाल के करीबी विभव कुमार ने पीटा था। इसका वीडियो भी सामने आया था। ये मुद्दा अखबारों की सुर्खियाँ बनी थी।

मोहम्मद जुबैर मामले में फैसला

दुनिया भर में ‘फैक्ट चेक’ का ठेका लेकर दूसरों को ज्ञान बाँटने वाले मोहम्मद जुबैर के मामले में 2022 में जस्टिस सूर्यकांत ने कहा था, “किसी नागरिक को अपनी राय रखने से रोकना असंवैधानिक है। सोशल मीडिया पर अपनी बात कहने से रोकना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन होगा”। मोहम्मद जुबैर ने हिन्दुओं के खिलाफ जमकर जहर उगला था। उसपर विदेशी फंडिंग के आरोप हैं। कई राज्यों में उस पर धार्मिक भावनाएँ भड़काने के आरोप में केस दर्ज किया गया।

रणवीर अल्लाहबादिया को ‘अश्लीलता’ के मुद्दे पर फटकारा

यूट्यूबर समय रैना के शो ‘इंडियाज गॉट टैलेंट’ में भद्दी टिप्पणी करने वाले यूट्यूबर रणवीर अल्लाहबादिया की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस सूर्यकांत ने जमकर फटकारा था। उन्होंने कहा, “इस व्यक्ति के दिमाग में कुछ गंदा है जो समाज में फैल गया है. वह माता-पिता का भी अपमान कर रहा है. अदालत क्यों उसका पक्ष ले?” उन्होंने साफ कहा था कि सस्ती लोकप्रियता के लिए सामाजिक मर्यादाएँ तोड़ने का अधिकार किसी को नहीं है। इस मामले ने सोशल मीडिया और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर देशभर में नई बहस छेड़ दी।

हरियाणा के पहले सीजेआई होंगे जस्टिस सूर्यकांत

हरियाणा के हिसार में 10 फरवरी 1962 में पैदा हुए जस्टिस सूर्यकांत की शिक्षा दीक्षा यही हुआ। 1981 में ग्रेजुएशन भी गर्वमेंट पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज, हिसार से किया। 1984 में रोहतक के महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी से बैचलर ऑफ लॉ किया। इसके बाद जिला अदालत में प्रैक्टिस शुरू की। 1985 में वे पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में प्रैक्टिस के लिए चंडीगढ़ चले गए।

हिमाचल हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बने

साल 2000 में जस्टिस सूर्यकांत हरियाणा के सबसे युवा एडवोकेट जनरल नियुक्त हुए। 2001 में वरिष्ठ अधिवक्ता बनने के बाद 2004 में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के न्यायाधीश के तौर पर नियुक्त हुए । 2007 और 2011 में राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण के शासी निकाय के सदस्य रहे। 2018 में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बने। 2019 में जस्टिस सूर्यकांत सुप्रीम कोर्ट आ गए और जस्टिस के रूप में कार्यभार संभाला।

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