बीजेपी कार्यकर्ताओं को TMC विधायक की धमकी (साभार : dailypioneer)
आखिर चुनाव आयोग द्वारा बंगाल में SIR से क्यों डर लग रहा है? क्या तृणमूल नेताओं द्वारा भड़काऊ बयान देने के पीछे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का समर्थन है? आखिर संवैधानिक पद पर बैठी ममता संवैधानिक संस्था के काम में क्यों दखल कर रही है? क्या ममता बंगाल राज्य में गुंडाराज को अप्रयत्क्ष समर्थन दे रही है? यदि ऐसा होता है तो ममता के राज में अब तक हुए उपद्रवों को ध्यान में रख राज्य के शांतिप्रिय लोगों को चुनावी दिनों में चोटिल होने के ड्रामे को नज़रअंदाज कर सत्ता से बाहर करने के लिए मतदान करें।
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेताओं ने मतदाता सूची संशोधन (SIR) प्रक्रिया के बीच हिंसक और भड़काऊ बयान दिए हैं। बर्दवान (उत्तर) के TMC विधायक निशीथ मलिक ने एक रैली में खुलेआम धमकी दी कि अगर बीजेपी ने SIR के नाम पर किसी भी असली वोटर को हटाने की कोशिश की, तो वे बीजेपी कार्यकर्ताओं को सार्वजनिक रूप से आग लगा देंगे।
इस धमकी को TMC के मंत्री और कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम के बयान से और हवा मिली। हकीम ने कहा कि वे CAA (नागरिकता संशोधन अधिनियम) का विरोध करेंगे, जिसका बीजेपी और चुनाव आयोग गठजोड़ कर रहे हैं और ‘उनके पैर तोड़ दिए जाएँगे।’ मेयर फिरहाद हकीम ने जोर देकर कहा कि जब तक ममता बनर्जी हैं, बीजेपी में यहाँ NRC लागू करने की हिम्मत नहीं है।
#WATCH | West Bengal Minister and Kolkata Mayor, Firhad Hakim, says, "We attended the all-party meeting. I have made it clear on behalf of my party that if the name of even one genuine voter is removed, we will oppose the SIR. We will not allow the name of even a single genuine… pic.twitter.com/VhgYBsvCu1
— ANI (@ANI) October 28, 2025
दोनों TMC नेताओं ने धमकी दी है कि अगर एक भी असली वोटर का नाम हटाया गया तो वे इसका कड़ा विरोध करेंगे। बीजेपी ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। बीजेपी नेता एस आर बनर्जी ने इन बयानों को अशांति पैदा करने की रणनीति बताते हुए चुनाव आयोग से केंद्रीय बलों की सुरक्षा में SIR प्रक्रिया पूरी कराने की माँग की है।
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