विदेशी धरती से नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने एक बार फिर देश को शर्मसार किया है। उन्होंने देश के लोकतंत्र पर सवाल उठाए हैं और ‘भारत विरोधी’ बातें की हैं। अमेरिका, यूके, बहरीन, मलेशिया जहाँ-जहाँ राहुल गाँधी गए, वहीँ से मोदी सरकार के खिलाफ बोलते-बोलते ‘देश विरोधी’ बयान भी दे दिया।
देश में परिवारवाद का पर्याय बने राहुल गाँधी जब लोकतंत्र की बात करते हैं, तो जनता को नेहरू, इंदिरा गाँधी, राजीव गाँधी, सत्ता के पीछे सत्तासीन सोनिया गाँधी और अब प्रियंका गाँधी का चेहरा भी याद आता है। आपातकाल का वो दौर भी याद आता है, जब लोकतंत्र को कुचला गया था।
राहुल जी जिसके घर शीशे के होते हैं दूसरों के घर पत्थर नहीं फेंकते। जिस पार्टी में ही लोकतंत्र नहीं राहुल किस मुंह से भारत में लोकतंत्र को खतरा बता रहे हैं? जब से सोनिया गाँधी को अध्यक्ष बनाने के लिए दलित अध्यक्ष सीताराम केसरी को पार्टी ऑफिस से बाहर पटक दिया गया था तब से आज स्वतंत्र अध्यक्ष नहीं मिला। घूम-फिरकर अध्यक्ष पद परिवार के हाथ रहा हो तो कांग्रेस में लोकतंत्र है? जनता को पागल बनाने मल्लिकार्जुन खड़के को अध्यक्ष तो बना दिया लेकिन गाँधी परिवार की इजाजत के बिना कुछ कर नहीं सकते।
दिलचस्प बात ये है कि लैटिन अमेरिकी देश कोलंबिया में कभी लोकतंत्र अपनी मजबूत जड़ें जमा ही नहीं पाया। यहां कभी स्थिर सरकार नहीं रही। दुनिया भर में ड्रग्स सप्लाई का केन्द्र रहा ये देश, वहाँ से लोकतंत्र की दुहाई दी जा रही है।
Once again Rahul Gandhi behaves like LoP - Leader of Propaganda
— Shehzad Jai Hind (Modi Ka Parivar) (@Shehzad_Ind) October 2, 2025
Goes abroad and attacks Indian Democracy! After all he wants to fight Indian state!
Sometimes Demands US UK should intervene into our affairs and now this
From Sena to Judiciary to Sanvidhan to Sanatan ! pic.twitter.com/4mOWacVLGy
राहुल के बयान पर बीजेपी ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की। भाजपा ने कहा कि राहुल विदेश में बैठकर भारत को बदनाम कर रहे हैं, उनका रिमोट कंट्रोल विदेशियों के हाथों में है। वे मोदी-भाजपा का विरोध करते-करते भारत और यहाँ की संस्थाओं के विरोध में उतर आए हैं।
बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, “राहुल गाँधी कह रहे हैं कि लोकतांत्रिक संरचना पर हमला हो रहा है। हमला कौन कर रहा है। परिवारतंत्र ही तो संविधान तंत्र पर हमला करता आ रहा है। 50 साल पहले इंदिरा गाँधी और अब पोता राहुल गाँधी संविधान को परिवार से नीचे रख रहे हैं।”
क्या कहा राहुल गाँधी ने कोलंबिया में
कोलंबिया के ईआईए विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम में बोलते हुए, राहुल गाँधी ने कहा कि ‘लोकतंत्र पर हमला’ भारत के लिए सबसे बड़ा खतरा है।
उन्होंने कहा, “सबसे बड़ा खतरा भारत में हो रहे लोकतंत्र पर हमले का है। भारत वास्तव में अपने सभी लोगों के बीच संवाद का एक केंद्र है… विभिन्न परंपराओं, धर्मों, विचारों को जगह की ज़रूरत होती है। और उस जगह को बनाने का सबसे अच्छा तरीका लोकतांत्रिक व्यवस्था है। वर्तमान में, लोकतांत्रिक व्यवस्था पर व्यापक हमला हो रहा है। इसलिए यह एक खतरा है।”
उन्होंने भाजपा पर भारत के लोकतांत्रिक ताने-बाने को कमजोर करने का आरोप लगाया। गुरुवार (2 अक्टूबर 2025) को एक संवाद कार्यक्रम में बोलते हुए, राहुल गाँधी ने कहा कि वह भारत की सांस्कृतिक विविधता, तकनीकी मजबूती और स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के कारण ‘भारत को लेकर बहुत आशावादी’ हैं। लेकिन देश ‘गंभीर खतरों’ का सामना कर रहा है।
चीन के साथ भी उन्होंने भारत की तुलना की और कहा, “हम चीन जैसा नहीं कर सकते, जो लोगों का दमन करता है और एक सत्तावादी व्यवस्था चलाता है। हमारी व्यवस्था इसे स्वीकार नहीं करेगी।”
नेता विपक्ष ने 2016 के नोटबंदी से लेकर 2025 तक के सरकार की तमाम योजनाओं को विफल करार दिया। उन्होंने कहा कि सरकार ने नोटबंदी लागू की इस सोच के साथ की नकदी खत्म हो जाएगी, लेकिन एक नीति के तौर पर ये विफल रही। सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा, “भारत में अब बहुत ही केंद्रीकृत स्तर पर भ्रष्टाचार व्याप्त है। तीन-चार कंपनियां पूरी अर्थव्यवस्था पर कब्जा कर रही हैं, जिनका प्रधानमंत्री से सीधा संबंध है। भारत में (अब) भ्रष्टाचार व्याप्त है।”
राहुल गाँधी ने कब-कब बताया ‘खतरे में है लोकतंत्र’
यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस नेता ने विदेशी धरती से पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर हमला किया हो। 2014 के बाद जब भी मौका मिलता है, राहुल गाँधी भारत के खिलाफ जहर उगलते नजर आते हैं। बार-बार विदेशी मंचों का इस्तेमाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा फैलाने के लिए करते हैं।
2024 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में, राहुल गाँधी ने कहा था कि भारत में ‘लोकतंत्र पर हमले’ हो रहे हैं। लगातार तीन लोकसभा चुनाव में धूल चाटने के बाद राहुल गाँधी को कभी ‘वोट चोरी’ नजर आती है तो कभी ‘लोकतंत्र पर हमला’ नजर आता है। देश के बाहर झूठे आरोप लगाकर देश को बदनाम करने की कोशिश का वह कोई मौका हाथ से जाने नहीं देते।
लंदन में एक कार्यक्रम में मई 2022 में उन्होंने दावा किया था कि ‘भारत की आत्मा पर हमला हो रहा है’। सीबीआई और ईडी जैसी संस्थाओं का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। भारत की तुलना पाकिस्तान से करते हुए कहा कि ‘डीप स्टेट’ भारत को धीरे- धीरे खा रहा है।
यूके और जर्मनी की यात्रा के दौरान राहुल गाँधी ने 2018 में, पीएम मोदी की तुलना तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से की थी। राहुल ने कहा कि देश में व्याप्त ‘बेरोजगारी’ पर लोगों के गुस्सा था, इसका राजनीतिक फायदा उठाया गया। उन्होंने पीए मोदी को ‘देशद्रोही’ तक कह डाला।
2018 में ही मलेशिया के दौरे के दौरान नोटबंदी की प्रक्रिया का मजाक उड़ाते हुए कहा था कि अगर वह प्रधानमंत्री होते, तो इसे ‘कूड़ेदान में फेंक देते’। सिंगापुर में उन्होंने ‘डराने-धमकाने’ के साथ-साथ मोदी सरकार पर ‘विभाजनकारी राजनीति’ करने का आरोप लगाया।
कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद 2018 में बहरीन पहुँचे राहुल गाँधी ने एनआरआई को संबोधित करते हुए मोदी सरकार पर ‘समुदायों के बीच भय और घृणा’ फैलाने का आरोप लगाया।
2017 में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के एक समारोह में राहुल गाँधी ने ‘अहिंसा के विचार पर हमला’ होने की बात कही थी। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर केवल देश की शीर्ष 100 कंपनियों पर ध्यान देने का आरोप लगाया।
अमेरिका से लेकर लंदन तक और कोलंबिया से लेकर मलेशिया तक जब भी राहुल गाँधी को मौका मिला उन्होंने भारत पर आरोप लगाए। देश में संविधान की प्रति हाथ में लेकर रैली करने वाले राहुल गाँधी संवैधानिक संस्थानों पर आरोप लगाने से नहीं चूकते। कोलंबिया में भी उन्होंने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बोलते हुए सत्ता के विकेन्द्रीकरण को भ्रष्टाचार की वजह बता दिया।
भारत के लोकतंत्र की मिसाल पूरी दुनिया देती है, लेकिन राहुल गाँधी को भारत का लोकतंत्र खतरे में नजर आता है। संविधान के अंतर्गत उन्हें नेता प्रतिपक्ष का पद मिला है। उनकी सुरक्षा से लेकर गाड़ी- बंगले हर चीज लोकतांत्रिक ढाँचे के तहत मिले अधिकार की वजह से हैंं। सरकार इन पर करोड़ों रुपए खर्च करती है, लेकिन उन्हें लोकतंत्र खतरे में नजर आता है।
अवलोकन करें:-
राहुल गाँधी की भाषा पाकिस्तान को पसंद आती है। वहाँ की मीडिया की राहुल गाँधी चहेते चेहरे हैं और उनके बयान ‘भारत विरोध’ को दिखाने के काम आते हैं। विदेश जाकर भारत विरोधी बयान देकर भारत के लोकतांत्रिक ताने- बाने को वे कमजोर कर रहे हैं, सरकार नहीं।
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