बिहार विधान सभा के 14 नवम्बर को जो भी परिणाम आए, इतना तय है कि ये INDI गठबंधन के किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं। अगर INDI गठबंधन सरकार नहीं बनाया तो इसका टूटना निश्चित है कोई रोक नहीं पाएगा। अगर सरकार बन भी गयी तो मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर फूट होगी अगर तेजस्वी को मुख्यमंत्री नहीं बनाया तब भी गठबंधन के तार-तार होने की अटकलों का बाजार बहुत गर्म है। झाड़खंड मुक्ति मोर्चा वो अलग हो गया। अपने दम पर चुनाव लड़ रहा है। हकीकत में गठबंधन को शुरू से कांग्रेस को बाहर रखना था। जिस राहुल को सफल बनाने की कवायत की जा रही है धूल में लठ पीटने से कम नहीं। दूसरे, कांग्रेस अपने साथ गठबंधन को डुबो रहा है। इस समय अरविन्द केजरीवाल सही की सियासत खेल रहे है, जो अपना वजूद बनाए रखने के लिए अपने आपको गठबंधन से अलग कर चुनाव लड़ रहे हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे फेज के आखिरी दिन तक INDIA गठबंधन में फूट, टिकट बंटवारे पर नाराजगी और अंदरूनी बगावत और तेज हो गई है। आपसी तनातनी से हालात इतने बदतर हो गए हैं कि महागठबंधन ने राज्य की कुल 243 सीटों पर 254 प्रत्याशी मैदान में उतार दिए हैं। आरजेडी ने 143, कांग्रेस ने 61, सीपीआई (एम) ने 20, सीपीआई ने 9, सीपीएम ने 6 और मुकेश सहनी की पार्टी ने 15 प्रत्याशी हैं। इस तरह इनकी संख्या 254 हो जाती है। 12 प्रत्याशी एक दूसरे के खिलाफ उतारे हैं। बिहार चुनाव में ऐसा पहली बार हुआ कि INDIA गठबंधन (महागठबंधन) ने टिकट बंटवारे को लेकर कोई ज्वाइंट प्रेस कॉन्फेंस नहीं की। सभी दल नॉमिनेशन के आखिरी समय तक लिस्ट जारी करते रहे। महागठबंधन में सीएम फेस को लेकर खींचतान अब तक चल रही है। उधर विकासशील इंसान पार्टी (VIP) अपनी ढपली, अपना राग अलाप रही है। महागठबंधन के सभी घटक दलों ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। सीट बंटवारा अब तक नहीं हुआ है। एनडीए इस बात को मुद्दा बना चुका है। एनडीए के नेता कह रहे हैं कि महागठबंधन में गांठ पड़ चुकी है। वहीं पप्पू यादव ने तो गठबंधन तोड़ने तक की बात कह दी।
बिहार में सीटें 243, महागठबंधन ने 254 उम्मीदवार उतारे
बिहार विधानसभा चुनाव में पहले चरण का मतदान छह नवंबर और दूसरे चरण का 11 नवंबर को है। अब तक महागठबंधन के सभी दलों ने सीटों का बंटवारा नहीं किया है। ऐसा भी कह सकते हैं कि इस चुनाव में महागठबंधन सीट बंटवारे की घोषणा किए बिना ही चुनावी मैदान में है। सभी दलों ने अपने प्रत्याशियों की अंतिम सूची जारी कर दी। राजद ने 143, कांग्रेस ने 60, भाकपा माले ने 20, वीआईपी ने 15, सीपीआई ने नौ, सीपीएम ने चार और आईआईपी ने तीन सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। यानी कुल मिलाकर 254 सीट। 12 सीटें ऐसी हैं जहां महागठबंधन के सहयोगी एक-दूसरे के दुश्मन बने हुए हैं। बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे और आखिरी फेज के लिए नॉमिनेशन की प्रक्रिया खत्म हो गई। चुनाव आयोग के मुताबिक, पहले फेज के चुनाव के लिए कुल 1,314 उम्मीदवार मैदान में हैं। 300 से अधिक प्रत्याशियों के पर्चे खारिज हो गए। 61 प्रत्याशियों ने नाम वापस लिए। 243 सदस्यीय विधानसभा की 121 सीटों पर 6 नवंबर और दूसरे फेज की 122 सीटों के लिए 11 नवंबर को मतदान होना है। दूसरे फेज के प्रत्याशियों की स्थिति 23 अक्टूबर तक साफ होगी।बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस और आरजेडी समेत सहयोगी दलों में बड़ा टकराव देखने को मिल रहा है। सीट शेयरिंग पर सहमति ना बन पाने से महागठबंधन में कन्फ्यूजन ही कन्फ्यूजन देखने को मिल रहा है, यहां तक कि कार्यकर्ता भी पशोपेश में हैं वे किसका समर्थन करें और किसकी खिलाफत करें? महागठबंधन में पहले ही सीट शेयरिंग को लेकर तनाव है। अब कांग्रेस की कलह भी खुलकर सामने आ गई है। टिकट कटने से नाराज कांग्रेस के एक गुट ने पटना में दावा किया कि ऐसे हालात में जल्द ही महागठबंधन टूटने वाला है। कांग्रेस नेताओं के मुताबिक कांग्रेस प्रदेश प्रभारी की वजह से ही महागठबंधन टूटने के कगार पर पहुंच गया है। उन्होंने और राहुल गांधी ने सीएम फेस का ऐलान नहीं किया। इससे आरजेदी में दरार पैदा हो गई। इतना ही नहीं कांग्रेस नेताओं ने ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ की बजाए इसी की तर्ज पर ‘टिकट चोर, पद छोड़’ के नारे भी लगाए।
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन में सीटों को लेकर कन्फ्यूजन का माहौल बना हुआ है। महागठबंधन में सीटों को लेकर मचा घमासान अब खुलकर सामने आने लगा है। कई सीटों पर सहयोगी दलों के बीच तालमेल बिगड़ गया है। अब हालात ऐसे हैं कि कांग्रेस और आरजेडी जैसे पुराने सहयोगी एक-दूसरे के आमने-सामने उतर आए हैं। पहले चरण के नामांकन के बीच कई सीटें ऐसी हैं जहां गठबंधन की एकता सवालों के घेरे में है। जानकारी के मुताबिक, बछवाड़ा, वैशाली, गौड़ा बराम, रोसड़ा, लालगंज और राजापाकड़ समेत कई सीटें हैं, जहां अब तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है। कहीं कांग्रेस और आरजेडी के उम्मीदवार आमने-सामने हैं, तो कहीं वाम दलों और कांग्रेस के बीच सीट को लेकर असमंजस जारी है।
वहीं बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि बिहार के मतदाता महागठबंधन की अंदरूनी लड़ाई और टिकटों की खरीद-फरोख्त को देख रहे हैं महागठबंधन आज तक सीटों का बंटवारा नहीं कर पाया है। कई सीटों पर महागठबंधन के उम्मीदवार एक-दूसरे को चुनौती दे रहे हैं। ऐसे में वह सरकार कैसे चलाएगा? हालात यह है कि इस बार RJD ने तो नॉमिनेशन का समय खत्म होने से 7 घंटे पहले, पहली बार 143 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की। इससे पहले उसके प्रत्याशी नॉमिनेशन भरते रहे। पहले फेज के नॉमिनेशन खत्म होने के बाद भी सीट शेयरिंग की घोषणा नहीं हुई थी। तब 10 सीटों पर महागठबंधन की पार्टियों आमने-सामने हैं। राजद ने बाहुबली अशोक महतो की पत्नी अनीता देवी को टिकट दिया है। इस बीच तेजस्वी ने अनीता देवी को पार्टी सिंबल दिया। वो नवादा के वारिसलिगंज से चुनाव लड़ेंगी। कांग्रेस ने इस सीट पर पहले से मंटन सिंह को उतारा है।
• RJD इस बार भी सबसे ज्यादा सीटों पर लड़ रही है, लेकिन कांग्रेस और वामपंथी दलों के साथ शीट शेयरिंग पर तनातनी दिखी।
• कांग्रेस को पिछली बार मिली 66 में से सिर्फ 19 सीटें मिली थीं। इसलिए इस बार उन्हें 61 पर सीमित कर दिया गया।
• CPI(ML) ने पिछली बार शानदार प्रदर्शन किया (19 में से 12 सीटें), इस बार 20 सीटें मिलीं।
• विकासशील इंसान पार्टी (VIP) जो पिछली बार NDA में थी, इस बार INDIA के साथ है। VIP ने जिन 15 सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान किया है, उनमें से 2 सीटें ऐसी हैं, जिन पर RJD ने भी अपने प्रत्याशी उतारे हैं।
• महागठबंधन में टिकट नहीं मिलने से नाराज प्रत्याशियों ने बगावत कर दी और निर्दलीय पर्चा भर दिया। इसमें सबसे प्रमुख नाम है 2020 में राजद के टिकट पर चुनाव लड़ने वाली रितु जायसवाल का। इस बार राजद ने उनका टिकट काट दिया। इसलिए उन्होंने निर्दलीय अपना पर्चा भरा है।
हालात यह हैं कि पहले चरण में आरजेडी ने 62 सीटों पर और कांग्रेस ने 24 सीटों पर नामांकन दाखिल किए हैं। हालांकि, सीटों को लेकर सहमति न बन पाने के कारण कई जगहों पर गठबंधन के भीतर ही मुकाबला देखने को मिल रहा है। कांग्रेस ने रोसड़ा से तमिलनाडु के पूर्व डीजीपी बीके रवि को अपना उम्मीदवार बनाया है। लेकिन उनके खिलाफ शुक्रवार को भाकपा प्रत्याशी लक्ष्मण पासवान ने यहां से अपना पर्चा दाखिल कर दिया। 2020 में यहां से कांग्रेस के नरेंद्र कुमार विकल चुनाव लड़े थे। इसी प्रकार राजापाकड़ सीट से कांग्रेस की वर्तमान विधायक प्रतिमा दास उम्मीदवार हैं और अपना नामांकन दाखिल कर चुकी हैं। इसके बावजूद सीपीआई से मोहित पासवान ने भी शुक्रवार को यहां से अपना पर्चा दाखिल कर दिया है।
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