केरल : वायनाड के किसान ने धान के खेत में उकेरी प्रधानमंत्री की तस्वीर


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश के सबसे लोकप्रिय नेता हैं। देश की जनता उनसे बेशुमार प्रेम करती है। प्रधानमंत्री मोदी 140 करोड़ से अधिक लोगों के दिल में बसते हैं। यह प्रधानमंत्री मोदी के प्रति प्रेम ही है कि केरल के वायनाड जिले में बाथरी गांव के किसान थायिल प्रसीद ने अपनी रचनात्मकता का अनोखा उदाहरण पेश करते हुए अपने हरे-भरे धान के खेतों को एक विशाल जीवंत कलाकृति में बदल दिया है। प्रधानमंत्री मोदी के 75वें जन्मदिन पर उपहार स्वरूप उन्होंने धान की विभिन्न किस्मों से एक भव्य ‘पोर्ट्रेट आर्ट’ तैयार की। यह कलाकृति उनके 40 मीटर लंबे और 30 मीटर चौड़े खेत में फैली हुई है। प्रसीद ने 31 अगस्त 2025 को इस ‘लिविंग कैनवास’ की प्रक्रिया शुरू की थी। उन्होंने धान के पौधों की बारीकी से रोपाई की ताकि उनके बढ़ने पर प्रधानमंत्री मोदी की छवि खेत में उभर सके। जैसे-जैसे पौधे बढ़ते गए, प्रधानमंत्री का छवि उभरती गई। लगभग 20 दिनों में खेत में हरे, सुनहरे और भूरे रंग के धान के पौधे इस अंदाज में विकसित हुए कि दूर से देखने पर प्रधानमंत्री का चेहरा साफ दिखाई देने लगा।

बेटे की शादी में मेहमानों से गिफ्ट में मांगा पीएम मोदी के लिए वोट
यह पीएम मोदी के प्रति लगाव ही है कि तेलंगाना के संगारेड्डी के नंदीकांति नरसिंहलू और निर्मला ने अपने बेटे की शादी में मेहमानों से गिफ्ट में नरेन्द्र मोदी के लिए वोट मांगा। नंदीकांति नरसिंहलू और निर्मला के बेटे साईं कुमार की शादी 4 अप्रैल, 2024 को हुई। साईं कुमार की शादी के लिए एक छपवाए गए निमंत्रण पत्र में उन्होंने एक अनोखा संदेश लिखवाया। शादी के कार्ड पर उन्होंने मेहमानों से गिफ्ट की जगह लोकसभा चुनावों में प्रधानमंत्री मोदी को वोट देने का आग्रह किया। शादी के निमंत्रण पत्र पर लिखा गया- नरेन्द्र मोदी जी को आपका वोट ही इस शादी का गिफ्ट है। इस लाइन के ऊपर प्रधानमंत्री मोदी का फोटो लगा था और उनकी तस्वीर के बगल में हल्दी लगाई गई थी। शादी का यह कार्ड सोशल मीडिया पर वायरल हुआ।

प्रधानमंत्री के कटआउट को पहनाया पारंपरिक परिधान फेरन
प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों के कारण जम्मू-कश्मीर में विकास की बहार बहने लगी है। राज्य में शांति बहाल होने से आम लोगों के जीवन में खुशहाली आई है। इलाके शांति-अमन आने से स्थानीय लोग काफी खुश हैं। ऐसे में फेरन डे के अवसर पर श्रीनगर के लालचौक पर घंटाघर के पास एक कश्मीरी युवा जमाल बडगामी उर्फ जमाल कश्मीरी ने प्रधानमंत्री मोदी के कटआउट को ना सिर्फ स्थानीय पारंपरिक परिधान फेरन पहनाया बल्कि उनके चेहरे को चूम कर अपना आभार भी जताया। कटआउट को किस करने के बाद जमाल ने कहा कि आजादी के बाद हमने ऐसा प्रधानमंत्री नहीं देखा है। मोदी जी किसी अवतार से कम नहीं हैं। युगों के बाद ऐसे लोग आते हैं। उन्होंने सारी दुनिया में भारत का सर ऊंचा किया है।

मोदी के लिए रखा उपवास, ट्रक ड्राइवरी छोड़ थामा झाडू
हरियाणा के चरखी दादरी के कारी मोद गांव के रहने वाले 71 साल के रामचंद्र स्वामी प्रधानमंत्री मोदी को भगवान कृष्ण और खुद को गरीब सुदामा बताते हैं। प्रधानमंत्री मोदी के स्वच्छ भारत अभियान से प्रेरित होकर रामचंद्र स्वच्छाग्रही बनकर दूसरों के लिए मिसाल पेश कर रहे हैं। उनकी मेहनत और समर्पण को देखते हुए कई पंचायतें उन्हें प्रशस्ति-पत्र दे चुकी हैं। वहीं गुजरात में भी स्वच्छता अभियान के लिए उन्हें कई बार प्रमाण-पत्र मिल चुका है।नदरअसल रामचंद्र स्वामी एक ट्रक ड्राइवर थे। अक्सर ट्रक लेकर गुजरात आते-जाते थे। गुजरात में विकास कार्यों से प्रभावित होकर उनके मन में राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आस्था जगी। जब 2014 के आम चुनाव के लिए बीजेपी ने नरेन्द्र मोदी को अपना प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनाया तो उन्हें खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उन्होंने उनके प्रधानमंत्री बनने की कामना करते हुए तीन महीने नौ दिन का उपवास रखा। करोड़ों लोगों की तरह रामचंद्र की भी कामना पूरी हुई और नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमंत्री निर्वाचित हो गए। इससे रामचंद्र का प्रधानमंत्री मोदी में अटूट आस्था बन गई,जो आज भी बनी हुई है।

प्रधानमंत्री मोदी ने 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की तो रामचंद्र ने ट्रक स्टेयरिंग छोड़कर हाथ में झाड़ू थाम लिया और स्वच्छता अभियान में जुट गए। बीते नौ सालों से रामचंद्र नि:स्वार्थ भाव से स्वच्छता का कार्य कर रहे हैं। अपनी एक ओमिनी कार में हमेशा अपने साथ एक झाड़ू रखते है और अलग-अलग स्थानों पर पहुंचकर मुख्य बाजारों, चौक-चौराहों के अलावा सार्वजनिक स्थानों पर सफाई में जुटे रहते हैं। रामचंद्र ने हरियाणा के अलावा गुजरात में कई स्थानों पर लगातार स्वच्छता अभियान चलाया है।

100 वर्ष की बुजुर्ग महिला अपने सबसे प्यारे बेटे पीएम मोदी के नाम करना चाहती है 25 बीघा जमीन
प्रधानमंत्री मोदी जहां 140 करोड़ देशवासियों की उम्मीद है, वहीं गरीब बुजुर्गों के लिए बुढ़ापे का सबसे मजबूत सहारा है। उन्होंने अपनी गरीब कल्याण नीतियों और योजनाओं के माध्यम से गरीब बुजुर्गों को वो सारी सुख-सुविधाएं मुहैया कराई हैं, जिसकी सबसे अधिक जरूरत बुढ़ापे में होती है। जो बुजुर्ग शारीरिक रूप से असमर्थ है, उनका भी मोदी सरकार में पूरा ख्याल रखा जा रहा है। उनके जीवन में खुशहाली लाने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है। इसका परिणाम है कि मध्य प्रदेश की एक सौ साल की बुजुर्ग महिला प्रधानमंत्री मोदी पर अपनी ममता लूटा रही है। 14 बच्चों की माता होते हुए भी प्रधानमंत्री मोदी को अपना सबसे प्यारा बेटा मानती है। वो अपना 25 बीघा जमीन अपने इस प्यारे बेटे के नाम कर देना चाहती है। 

मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के छोटे से गांव हरिपुरा जागीर में रहने वाली मांगीबाई तंवर प्रधानमंत्री मोदी को अपने बेटे की तरह मानती है। इस बात की जानकारी उस समय हुई,जब विकासकारी योजनाओं के पत्रक लेकर बीजेपी कार्यकर्ता मांगीबाई तंवर के घर पहुंचे। इस दौरान पत्रक लेकर मांगीबाई तंवर ने प्रधानमंत्री मोदी और उनकी योजनाओं के बारे में जो कुछ कहां उसे सुनकर बीजेपी कार्यकर्ता हैरान थे। उन्होंने बुजुर्ग महिला के साथ बातचीत का एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया, जो देखते-देखते वायरल हो गया। वीडियो में बुजुर्ग महिला को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि मोदी जी गेहूं, चावल, खाद-बीज देते हैं। फसल खराब होने पर मुआवजा देते हैं। बीमार पड़ने पर इलाज कराते हैं। उन्हें सरकार ने तीर्थ यात्रा करवाई। रहने के लिए घर दिया और विधवा पेंशन भी मिल रहा है। उन्होंने कहा कि मैं अपनी 25 बीघा जमीन मोदी जी के नाम करना चाहती हूं, क्योंकि उनके 14 बेटे हैं, लेकिन जितना काम उनके बेटे कर रहे हैं, उससे ज्यादा मोदी जी कर रहे हैं।

न्यूजीलैंड में एक बुजुर्ग मां ने पीएम मोदी पर लुटाई अपनी ममता
न्यूजीलैंड के ऑकलैंड में इसकी एक और झलक देखने को मिली। जहां सौ साल की एक बुजुर्ग महिला प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर पर इस कदर अपनी ममता लुटाती नजर आईं, मानो प्रधानमंत्री मोदी उनके सामने मौजूद हों। बुजुर्ग महिला का ममत्व देखकर पता चलता है कि प्रधानमंत्री मोदी लोगों के दिलों में बसते हैं। यह सब ऐसे नहीं हुआ है, बल्कि इसके पीछे प्रधानमंत्री मोदी के अपने देशवासियों और भारत के प्रति समर्पण और अथक परिश्रम है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी जनसेवा से लोगों का भरोसा जीता है। यह भरोसा और प्यार ही विभिन्न रूपों में देश और दुनिया में प्रदर्शित होता रहता है।

दरअसल रविवार (30 अप्रैल, 2023) को प्रधानमंत्री मोदी के रेडिया कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 100 वें एपिसोड का प्रसारण किया गया। भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी प्रधानमंत्री मोदी के मन की बात सुनने के लिए लोगों में खासा उत्साह देखने को मिला। न्यूजीलैंड के ऑकलैंड में भी प्रधानमंत्री मोदी के मन की बात सुनने के लिए एक खास कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में बड़े पैमाने पर प्रवासी भारतीयों ने हिस्सा लिया। इसमें 100 साल की एक बुजुर्ग महिला रमी बेन भी शामिल थी। प्रधानमंत्री मोदी की मन की बात सुनने के बाद बुजुर्ग महिला रमी बेन काफी भावुक हो गई। प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर पर अपनी ममता लुटाते हुए रमी बेन ने कहा कि खुश रहो। रमी बेन सिर पर हाथ रखकर आशीर्वाद देते और बार-बार ‘सुखी रहो, सुखी रहो’ कहती नजर आईं। बुजुर्ग महिला रमी बेन को देखकर प्रधानमंत्री मोदी की मां हीराबेन की याद ताजा हो गई। बुजुर्ग महिला का यह वीडियो अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।

ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में गूंजा- मोदी है तो मुमकिन है!
भारत में ही नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रशंसक दुनियाभर में हैं। और अब पाकिस्तान भी पीएम मोदी का मुरीद हो गया जो पिछले 75 सालों से भारत से दुश्मनी मोल लेता रहा है और कश्मीर के नाम पर चार जंग कर चुका है। ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में आयोजित एक कार्यक्रम में मुसलमानों और ईसाइयों सहित विभिन्न धार्मिक समुदायों के सदस्यों ने पीएम मोदी की जमकर तारीफ की। मेलबर्न में 23 अप्रैल को हुए विश्व सद्भावना कार्यक्रम में एक बार फिर यह साबित हुआ कि पीएम मोदी “दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता” क्यों हैं। इसमें पाकिस्तानी मुसलमान भी विभिन्न धार्मिक समुदायों के साथ शामिल हुए। उन्होंने कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सभी समुदायों का सम्मान करने के लिए प्रशंसा की। ऑस्ट्रेलिया में पाकिस्तानी मुसलमानों ने कहा- “मोदी है तो मुमकिन है।” इससे पता चलता है कि पीएम मोदी के दीवाने पाकिस्तान में भी बहुत हैं। वहां के मुस्लिमों ने सद्भावना कार्यक्रम में पीएम मोदी का खूब गुणगान किया।

“हमें सिर्फ प्राइम मिनिस्टर मोदी चाहिए”
प्रधानमंत्री मोदी पाकिस्तान में भी काफी लोकप्रिय है। अगर पाकिस्तानियों की बातों पर यकीन करें तो वो पाकिस्तान में चुनाव लड़कर प्रधानमंत्री बन सकते हैं। प्रधानमंत्री मोदी और भारत की तरक्की से प्रभावित एक पाकिस्तानी ने अपने देश की मीडिया से बात करते हुए कहा कि 1947 में भारत का विभाजन नहीं हुआ होता। सारा पाक और हिन्द एक होता और टमाटर आज 20 रुपये किलो होता। चिकन 150 रुपये किलो और पेट्रोल 150 रुपये लीटर मिलता। उनकी बदकिस्मती है कि पाकिस्तान में मुसलमानों वाला कोई सिलसिला ही नहीं है। इससे अच्छ तो प्रधानमंत्री मोदी है, जिन्हें वहां की जनता काफी सम्मान देती है। प्रधानमंत्री मोदी अपने लोगों के लिए शमशेर हैं। हमें मोदी मिल जाए। हमें न नवाज शरीफ चाहिए, न बेनजीर चाहिए, न हमें इमरान खान चाहिए। कोई भी नहीं, हमें मुसर्रफ भी नहीं चाहिए। हमें सिर्फ प्राइम मिनिस्टर मोदी चाहिए, जो इस मुल्क के टेढ़ों को सीधा करें। इस मुल्क को ऊपर लेकर जाए।

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